लेजर यंत्रणा का इस्तेमाल ‘मिनी ड्रोन्स’ गिराने के लिए करना मुमकिन – जर्मनी में हुए ‘लेजर’ परीक्षण के पृष्ठभूमि पर विश्‍लेषकों का दावा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरबर्लिन/मास्को – कम खर्चे में तैयार होनेवाले परंतु अत्यंत प्रभावी ‘मिनी ड्रोन्स’ भविष्य में युद्धभूमि पर प्रमुख घटक साबित होनेवाले हैं| ऐसे ‘मिनी ड्रोन्स’ के विरोध में यह सबसे अच्छा उत्तर साबित होगा, ऐसा दावा रशियन विशेषज्ञों ने किया हैं| जर्मनी के एक उच्चतर शस्त्र निर्माण करनेवाले कंपनी ने हालही में उन्नत लेझर यंत्रणा का सफल परीक्षण करते हुए उसमें लेझर्स के सहयोग से ड्रोन्स और मॉर्टर्स के लक्ष्य भेदने का दावा किया हैं| इस पृष्ठभूमि पर रशियन विशेषज्ञ का दावा ध्यान केन्द्रित करने वाला ठहरा हैं|

जर्मनी के ‘र्‍हाईनमेटल’ इस कंपनी ने हालही में १०० किलोवॅट क्षमता के उन्नत ‘लेझर वेपन सिस्टम’ का सफलतापूर्वक परीक्षण किया हैं| उसी समय लेझर के लक्ष्य के तौर पर ड्रोन्स और मॉर्टर्स का उपयोग किया गया था| अलग-अलग दूरी से लिए इस लेझर वेपन का परीक्षण सही रूप से पूरा होने की जानकारी कंपनी ने दी हैं| इस परीक्षण के माध्यम से जर्मन कंपनी ने लेझर वेपन्स की तंत्रज्ञान का उपयोग ‘फंक्शनल वेपन्स सिस्टम’ बनाने में सफलता प्राप्त करने का दावा भी किया हैं| नया ‘लेझर वेपन सिस्टम’ लष्कर के साथ ही नौसेना और हवाई दल के लिए भी प्रभावीरूप से इस्तेमाल किया जा सकता हैं, ऐसे संकेत जर्मन कंपनी ने दिए हैं|

जर्मन कंपनी के सफल परीक्षण पर दिए प्रतिक्रिया में रशिया के भूतपूर्व लष्करी अधिकारी और विशेषज्ञ मिखाईल खोदारेनोक ने, छोटे ड्रोन्स को उत्तर देने के लिए ‘लेझर वेपन्स सिस्टम’ सबसे अच्छा विकल्प साबित होगा, ऐसा दावा किया हैं| ‘आर्टिफिशिल इंटेलिजन्स’ का उपयोग करने वाले सैकड़ों छोटे ड्रोन्स के सहयोग से सुरक्षा दल के संवेदनशील अड्डों पर हमला किया जा सकता हैं| यह ड्रोन्स विमान के कॉकपिट में अथवा खिडकी से किसी भी महत्वपूर्ण इमारत में आसानी से प्रवेश कर सकते हैं, ऐसे शब्दों में खोदारेनोक ने ‘मिनी ड्रोन्स’ की संहारक क्षमता रेखांकित की हैं|

‘मिनी ड्रोन्स’ को दो लाख डॉलर्स मूल्य के हवाईभेदी मिसाइलों से उत्तर देना मूर्खता होगी, ऐसा दावा करके कम खर्चे के लेझर्स उसपर उपयुक्त उत्तर साबित होंगे, ऐसा रशियन विशेषज्ञों ने सूचित किया हैं| फ़िलहाल आंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमरिका, रशिया, जर्मनी के साथ अनेक देश लेझर तंत्रज्ञान का शस्त्र के रूप में उपयोग करने के लिए यंत्रणा विकसित करने का प्रयत्न कर रहे हैं| अमरिका और रशिया ने इसलिए किए प्रयत्न यशस्वी साबित होने की बात भी पिछले कुछ वर्षों की गतिविधियों में स्पष्ट हुई हैं|

दूसरी ओर अमरिका, रशिया, चीन, इस्रायल, ऑस्ट्रेलिया के साथ कुछ अग्रणी के देश ‘मिनी ड्रोन्स’ तैयार करने का प्रयत्न कर रहे हैं| ऑस्ट्रेलियाने हालही में ‘आर्टिफिशिल इंटेलिजेंस’ के सहयोग से ड्रोन्स विकसित करने की घोषणा की थीं|

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