अमरिका और ‘यूएई’ के ईरान के खिलाफ कठोर प्रतिबन्ध – ‘रिव्होल्युशनरी गार्डस’ और ‘कुद्स फ़ोर्स’ लक्ष्य

वॉशिंग्टन/दुबई: अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के साथ के परमाणु अनुबंध से बाहर निकलने की घोषणा करने के बाद, ईरान पर दबाव बढाने के लिए आक्रामक गतिविधियाँ शुरू हुईं हैं। अमरिका और संयुक्त अरब अमिरात (युएई) ने ईरान के छः नागरिकों और तीन कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए जाने की घोषणा की है। यह व्यक्ति और कंपनियां ईरान के ‘रिव्होल्युशनरी गार्डस’ और ‘कुद्स फ़ोर्स’ इन लष्करी उपक्रमों के साथ जुड़े हैं और इन पर प्रतिबंध समय के दौरान करोड़ों अमरिकी डॉलर्स का घोटाला करने का आरोप लगाय गया है।

ईरान, कठोर प्रतिबन्ध, रिव्होल्युशनरी गार्डस, कुद्स फ़ोर्स, लक्ष्य, वॉशिंग्टन, दुबई, डोनाल्ड ट्रम्प‘ईरान सरकार और मध्यवर्ती बैंक ने यूएई की कंपनियों का गलत इस्तेमाल करके लाखों अमरिकी डॉलर्स कमाए हैं। यह निधि उन्होंने रिव्होल्युशनरी गार्डस और कुद्स फ़ोर्स की कार्रवाइयों के लिए इस्तेमाल किया है। उसमें खाड़ी में ईरान ने निर्माण किए छिपे और समर्थक गुटों को हथियार और पैसों की आपूर्ति करना इन कामों का भी समावेश है। अमरिकी डॉलर्स जिसके लिए कमाए उन उद्द्येशों को और कार्यों को इस वजह से चोट पहुंची है’, इन शब्दों में अमरिका के वित्त मंत्री स्टीवन एम्नुकिन ने ईरान पर लगाए गए नए प्रतिबंधों की जानकारी दी है।

ईरान, कठोर प्रतिबन्ध, रिव्होल्युशनरी गार्डस, कुद्स फ़ोर्स, लक्ष्य, वॉशिंग्टन, दुबई, डोनाल्ड ट्रम्पईरान के ‘रिव्होल्युशनरी गार्डस’ को अर्थसहायता प्राप्त करके देने वाले स्रोत और उनकी तरफ से अन्यों को पैसों की आपूर्ति कर रहे जाल को हमें पूरी तरह से कांटना है, ऐसा भी अमरिकी वित्तमंत्री ने आगे कहा है। अमरिका के साथ साथ यूएई ने भी अपने देश में स्थित ईरानी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए जाने की घोषणा की है। उसके अनुसार यूएई से ईरान के लिए काम करने वाली ‘जहान आरस किश’, ‘रशेद एक्सचेंज’ और ‘खेदेमाती एंड कंपनी’ इन कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं।

तीन ईरानी कंपनियों के साथ साथ ६ ईरानी नागरिकों पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं। अमरिका के वित्तमंत्री एम्नुकिन ने, दुनिया के अन्य देश ईरान सरकार की तरफ से उनकी कंपनियों के मुद्रा व्यवहार और अर्थसहायता के लिए होने वाले गलत इस्तेमाल के बारे में सावधानी बरतें, ऐसी चेतावनी भी दी है। मंगलवार को ईरान के साथ के परमाणु अनुबंध से बाहर निकलने की घोषणा करने के बाद राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने ईरान पर कठोर प्रतिबन्ध लगाने वाले आदेश पर हस्ताक्षर किए थे। उसी समय ईरान के साथ सहकार्य करने वाले देशों को राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने कठोर इशारा भी दिया था।

 

अमरिका के प्रतिबंधों के बाद भी – ईरान का परमाणु अनुबंध कायम रखने पर रशिया और जर्मनी में सहमती

मॉस्को: ‘ईरान पर डाले गए प्रतिबंधों के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद ने निर्णय दिया है। उसमें हम हस्तक्षेप नहीं करेंगे। अमरिका ने अपना निर्णय लेकर आगे की कार्रवाई भी शुरू की है। राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने उस बारे में अमरिका की भूमिका भी स्पष्ट की है। लेकिन उस वजह से ईरान के साथ किए गए परमाणु अनुबंध का अंत नहीं होने वाला इसका हम ख्याल रखेंगे’, इन शब्दों में रशिया और जर्मनी ने ईरान का परमाणु अनुबंध कायम रखने के लिए एकमत होने की घोषणा की है।

ईरान, कठोर प्रतिबन्ध, रिव्होल्युशनरी गार्डस, कुद्स फ़ोर्स, लक्ष्य, वॉशिंग्टन, दुबई, डोनाल्ड ट्रम्पजर्मनी के विदेश मंत्री हैको रशिया के दौरे पर हैं। ईरान के परमाणु अनुबंध से अमरिका ने पीछे हटने के मामले में लिए हुए निर्णय का सबसे बड़ा झटका यूरोपीय देशों को लगने वाला है, ऐसे संकेत मिल रहे हैं। इसलिए यूरोपीय देशों ने राजनीतिक गतिविधियों को तेज किया है और जर्मन विदेश मंत्री का रशिया दौरा उसीका ही एक हिस्सा माना जाता है।

‘ट्रम्प ने ईरान पर नए प्रतिबंध लगाने की भाषा की है, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय अनुबंध के अनुसार प्रावधानों का पालन करना ईरान के लिए आवश्यक है। रशिया इसके लिए ईरान पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करेगा, ऐसी आशा है। ईरान ने अनुबंध कायम रखना महत्वपूर्ण है। यह ईरान के ही हित में होगा’, इन शब्दों में जर्मन विदेश मंत्री ने ईरान को चेतावनी दी है।

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