‘नॉर्ड स्ट्रीम’ इंधन वाहिनी के मुद्दे पर रशिया और जर्मनी का अमरिका को आवाहन

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मॉस्को/बर्लिन – रशिया से जर्मनी को इंधन की आपूर्ति करने के लिए निर्माण किए जाने वाले ‘नॉर्ड स्ट्रीम २’ इस इंधन वाहिनी में अमरिका जानबूझकर हस्तक्षेप कर रहा है, ऐसा आरोप जर्मनी और रशिया ने किया हैं। इस मुद्दे पर दोनों देशों ने एक होकर अमरिका को चुनौती देने का निर्णय लिया है, ऐसे संकेत मिल रहे हैं। जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने पिछले हफ्ते में रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन से की मुलाकात इसके लिए महत्वपूर्ण साबित हुई है।

रशिया यूरोप को इंधन की आपूर्ति करने वाला महत्वपूर्ण देश है और यूरोप को आवश्यक इंधन में से ३० प्रतिशत इंधन की रशिया आपूर्ति करता है। इस इंधन वर्चस्व के बल पर रशिया यूरोपीय देशों पर दबाव डाल सकता है, ऐसे दावे इससे पहले बहुत बार किए गए हैं। सन २०१४ में युक्रेन में निर्माण हुई समस्या के बाद युरोपिय देशों से रशियन इंधन को विकल्प ढूंढने की कोशिश शुरू हुई है और अमरिका ने शुरू की इंधन निर्यात इसमें एक निर्णायक पड़ाव साबित हुआ है।

‘नॉर्ड स्ट्रीम’

अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने दुनिया भर में अमरिकी इंधन की निर्यात करने पर जोर दिया है और उसके लिए यूरोपीय देशों पर दबाव डालने की भी कोशिश शुरू है। यूरोपीय देशों ने इससे पहले रशिया के साथ किए इंधन अनुबंध रद्द किए जाएं, इसके लिए अमरिका दबाव डाल रहा है। लेकिन जर्मनी और कुछ यूरोपीय देशों ने इसका विरोध किया है।

‘नॉर्ड स्ट्रीम २’ इसमें से एक महत्वपूर्ण परियोजना है और यह सन २०१९ तक पूरे होने की अपेक्षा है। १५ अरब यूरो की लागत से बनी इस परियोजना के अंतर्गत १,२२२ किलोमीटर लम्बी इंधन वाहिनी निर्माण की जाने वाली है। हर साल ११० अरब घनमीटर इंधन वायु की आपूर्ति इसके द्वारा करने की योजना है।

रशिया और जर्मनी में निर्माण की जाने वाली इस इंधन वाहिनी को अमरिका ने विरोध दर्शाया है और यह परियोजना अमरिका के प्रतिबंधों का लक्ष्य साबित हो सकती है, ऐसी खुली चेतावनी अमरिका ने दी है। अमरिका की वरिष्ठ अधिकारी सॅन्ड्रा ऑडकर्कने यह ‘नॉर्ड स्ट्रीम’ परियोजना रशिया का यूरोप पर वर्चस्व बढाने वाली है, ऐसा दावा किया है।यह परियोजना पूरी ही नहीं हुई तो अमरिका खुश होगा, ऐसी सूचक शब्दों में चेतावनी भी दी है।

लेकिन जर्मनी और रशिया ने अमरिका के इस दबाव को ठुकराने के लिए एक होने का निर्णय लिया है और किसी भी परिस्थिति में इस परियोजना को पूरा किया जाएगा, ऐसे संकेत दोनों देशों के नेताओं ने दिए हैं। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने अमरिकी नेतृत्व को लक्ष्य करते हुए, रशिया इस परियोजना के लिए संघर्ष करेगा, ऐसी खुली चेतावनी दी है। जर्मनी के वाणिज्य मंत्री पीटर अल्टमायर ने अमरिका यूरोप में खुद की इंधन निर्यात बढाने के लिए ही ‘नॉर्ड स्ट्रीम’ को विरोध कर रहा है ऐसा आरोप लगाया है।

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