यूरोपियन संसद में कडे राष्ट्रवादी गुटों के प्रभाव में बढोतरी – सॅल्व्हिनी, मरिन ले पेन, ऑर्बन एवं निगेल फॅराज की जीत

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरब्रुसेल्स – रविवार के दिन यूरोपिय संसद के चुनाव सामने आ चुके है| शरणार्थियों का विरोध कर रहे राष्ट्रवादी विचारधारा के गुटों को इस चुनाव में अच्छी सफलता प्राप्त हुई है| राष्ट्रवादी विचारधारा का प्रतिनिधित्व कर रहे दो गुटों के दलों को करीबन १०० जगहों पर जीत प्राप्त हुई है और यह गुट यूरोपिय संसद में चौथा बडा गुट साबित होगा, यह कहा जा रहा है| इस गुट के साथ ही ‘लिबरल और डेमोक्रॅटस्’ एवं ‘ग्रीन्स’ इन दलों को भी अच्छी सफलता प्राप्त हुई है| वर्तमान में संसद में सत्तापर बने गठबंधन की करीबन ५० से अधिक जगहों पर हार हुई है और इसमें जर्मनी की चान्सेलर एंजेला मर्केल की सत्तारूढ गठबंधन के सदस्य दलों का समावेश है|

यूरोपिय संसद में २८ सदस्य देशों के ७५१ सांसद है| इनमें से ५० प्रतिशत से अधिक सांसद महासंघ के छह प्रमुख सदस्य देशों से है| इनमें जर्मनी, फ्रान्स, ब्रिटेन, इटली, स्पेन और पोलंड का समावेश है| इनमें से जर्मनी, फ्रान्स और ब्रिटेन के रुझान संसद में सत्तारूढ गठबंधन तय करते है, यह अबतक दिखाई दिया है| लेकिन, इस वर्ष हुए विक्रमी ५१ प्रतिशत मतदान के बाद यह गणित बदलता दिखाई दिया| जर्मनी, फ्रान्स, इटली और ब्रिटेन इन चारों देशों में संसद में फिलहाल सत्ता पर बने गठबंधन को जोरदार झटके प्राप्त हुए है|

जर्मनी में चान्सेलर एंजेला मर्केल और उनके सहयोगी दलों की जगहों की संख्या कम हुई है और ‘ग्रीन्स’ और दक्षिणी विचारधारा की ‘अल्टरनेटिव्ह फॉर जर्मनी’ को उम्मीद से अधिक सफलता प्राप्त हुई है| फ्रान्स में दक्षिणी राष्ट्रवादी विचारधारा का प्रतिनिधित्व कर रही ‘मरिन ली पेन’ की ‘नैशनल रैली’ दल को देश में सबसे अधिक जगहों पर जीत हासिल हुई है| चुनाव के पहले दक्षिणी राष्ट्रवादी विचारधारा के गुटों को एक करनेवाले इटली के मॅटिओ सॅल्व्हिनी को भी अच्छी सफलता प्राप्त हुई है और उनकी ‘लीगा’ पार्टी ने इटली में सबसे अधिक ३४ प्रतिशत मत प्राप्त की है|

ब्रिटेन में सिर्फ कुछ ही महीनों पहले ‘ब्रेक्जिट पार्टी’ नाम से नए सियासी दल का गठन करनेवाले निगेल फॅराज इन्हें अभूतपूर्व सफलता प्राप्त हुई है| इस दल ने ब्रिटेन में सबसे अधिक २९ जगहों पर जीत पाने की बात सामने आ चुकी है| इसके अलावा हंगेरी में शरणार्थियों के विरोध में आक्रामक भूमिका अपना रहे प्रधानमंत्री व्हिक्टर ऑर्बन के दल को ५० प्रतिशत से अधिक मत प्राप्त हुई है| यूरोपिय महासंघ के विरोध में लगातार संघर्ष करनेवाली पोलंड की सत्तारूढ ‘लॉ ऍण्ड जस्टिस पार्टी’ ने भी ४५ प्रतिशत से अधिक मत प्राप्त किए है|

नए रूझान के बाद सत्तारूढ गठबंधन के बल में हुई कटौती और दक्षिणी विचारधारा एवं अन्य गुटों की ताकद में हुई बढोतरी की वजह से महासंघ को अस्थिरता का सामना करना होगा, यह संकेत विश्‍लेषकों ने दिए है|

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