जर्मनी में शरणार्थियों के विरोध में आंदोलन के मुद्दे पर राजनीतिक संघर्ष भड़का

बर्लिन: जर्मनी के केमनीट्झ शहर में शरणार्थियों के विरोध में शुरू हुए आंदोलन के मुद्दे पर तीव्र राजनीतिक संघर्ष भड़का है। जर्मनी के अंतर्गत रक्षा मंत्री होर्स्ट सिहोफरने प्रदर्शन का समर्थन करते हुए हम भी उसमें शामिल हो सकते थे, ऐसा विधान करके खलबली फैलाई है। तथा जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने केमनीट्झ में घटना का बाएं गट का गलत फायदा ले रहे हैं और मानसिक तनाव बढ़ाने का आरोप किया है। सत्ताधारी संगठन में जुड़े हुए इस शाब्दिक मुठभेड़ में जर्मनी में शरणार्थियों का मुद्दा फिर एक बार भड़कने के संकेत मिल रहे हैं।

जर्मनी के सैक्ससोनी प्रांत में केमनीट्झ इस शहर में पिछले महीने में एक जर्मन नागरिक की हत्या हुई थी। यह हत्या इराकी एवं सिरियन शरणार्थीयो ने करने की बात उजागर हुई थी। शरणार्थियों का समभाग सामने आने के बाद केमनीट्झ में असंतोष का भड़का उड़ा था। इस शहर में राष्ट्रवादी गट ने इस मुद्दे पर एक के पीछे एक प्रदर्शन आयोजित करके स्थानीय नागरिकों के असंतोष का मार्ग खुला किया था।

जर्मनी, शरणार्थियों, विरोध, आंदोलन, मुद्दे, राजनीतिक संघर्ष, भड़का, बर्लिन, एंजेला मर्केलएक के पीछे एक हुए प्रदर्शन की वजह से केमनीट्झ में वातावरण तनावपूर्ण हुआ है और स्थानीय प्रशासन ने इमरजेंसी की घोषणा की थी। जर्मन नागरिक के हत्या के बाद बाएं तथा आक्रामक गट के सदस्यों ने शरणार्थियों को लक्ष्य करने शुरू करने का वृत्त प्रसार माध्यमों ने दिया था। उस समय जर्मनी में राजनीतिक पक्ष में इसको लेकर जोरदार विवाद भड़कने की बात सामने आ रही है।

जर्मनी के अंतर्गत रक्षा मंत्री होस्ट सिहोफर ने केमनीट्झ में प्रदर्शन के रूप में स्थानीय जनता से हो रहे उद्रेक का समर्थन किया है। अगर मैं मंत्रीपद पर न होता तो एक नागरिक के तौर पर मैं भी प्रदर्शन में शामिल हुआ होता, ऐसा सिहोफर ने कहा है। एक हत्या को लेकर केमनीट्झ में जनता का इतना उद्रेक हुआ, इसके पीछे होनेवाला कारण हम समझ सकते हैं, ऐसा कहकर उन्होंने शरणार्थियों के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित किया है। जर्मनी में शरणार्थियों के झुंड यही सबसे प्रमुख समस्या का मूल है, ऐसे शब्दों में उन्होंने चांसलर मर्केल को फिर एक बार लक्ष्य किया है।

मर्केल ने केमनीट्झ में हुए तनाव की वजह से राष्ट्रवादी विचारधारा के राजनीतिक पक्ष होनेवाले अल्टरनेटिव्ह फॉर जर्मनी को जिम्मेदार ठहरा है। एएफडी केमनीट्झ में हुए वातावरण में अधिक तनाव निर्माण करने का काम कर रहा है, ऐसा आरोप मर्केल ने किया है। पर जर्मनी में जनता मर्केल के विचारों से सहमत न होने की बात सामने आ रही है और हालही में एक सर्वेक्षण में ६९ प्रतिशत नागरिकों ने जर्मनी में शरणार्थियों को शामिल करने की धारणा फँसने का मत व्यक्त किया है।

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