चीन से किया शांति समझौता जारी रखने का ज़िम्मा जापान का – चीनी सरकारी मुखपत्र की चेतावनी

बीजिंग – जापान ने हाल के कुछ महीनों में रणनीतिक स्तर के किए निर्णयों के कारण चीन काफी बेचैन हैं। जापान के पूर्व प्रधानमंत्री तारो आसो ने ताइवान का दौरा करना और ताइवान के सुरक्षा पर किए बयानों के कारण चीन बेचैन हुआ है। अपने नेताओं की चीन विरोधी नीति पर जापान खुलासा करें, ऐसी मांग चीन के सरकारी मुखपत्र ने की है। साथ ही चीन और जापान के बीच साडे चार दशकों से जारी शांति समझौता जारी रखने का पूरा ज़िम्मा जापान का होने का इशारा भी इस मुखप ने दिया है। अगले कुछ ही हफ्तों में जापान के प्रधानमंत्री चीन का दौरा करेंगे। उससे पहले चीन जापान को यह इशारा देता दिख रहा है।  

शांति समझौतादूसरे विश्व युद्ध में विरोधी गुटों का हिस्सा रहे चीन और जापान ने वर्ष १९७८ में शांति और मित्रता का समझौता किया था। इसे दुबारा जीवित करने के लिए चीन और जापान के नेताएं जल्द ही मिल रहे हैं। जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा बीजिंग का दौरा करके राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग से इस समझौते पर चर्चा करेंगे, ऐसा दावा किया जा रहा है। दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए जापान सकारात्मक कदम बढ़ाएगा, यह उम्मीद चीन के विदेश मंत्रालय ने व्यक्त की है।  

शांति समझौतालेकिन, चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत के मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने यह समझौता जारी रखने का ज़िम्मा अकेले जापान का है, ऐसा इशारा दिया। पिछले दो सालों से जापान की भूमिका और निर्णय की चीन के मुखपत्र ने आलोचना की है। जापान की नीति में हुआ यह बदलाव चीन के साथ शांति बनाने में खड़ी हुई चुनौती साबित हो रहा है। साथ ही जापान के कारण ही चीन से किया यह समझौता खतरे में होने का आरोप चीन के सरकारी मुखपत्र ने लगाया है। इसके लिए पिछले दो सालों में जापान ने किए निर्णयों का ज़िक्र भी चीनी मुखपत्र ने किया है।

ताइवान यह चीन का सार्वभूम क्षेत्र होने का दावा करके चीन के मुखपत्र ने इसमें जापान के हस्तक्षेप करने पर सवाल किए है। साथ ही एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में पश्चिमी देशों की सैन्य संगठन ‘नाटो’ को आमंत्रित करने का जापान का निर्णय चीन की सुरक्षा के साथ सार्वभूमता को चुनौती होने की चेतावनी ग्लोबल टाईम्स ने दी है। साथ ही अमरीका ने चीन संबंधित अपनाई नीति का अनुकरण ही जापान कर रहा हैं, ऐसी आलोचना की गई है। वहीं, जापान के पूर्व प्रधानमंत्री तारो आसो की ताइवान यात्रा पर जापान खुलासा करें, ऐसी मांग चीनी मुखपत्र ने की है।  

शांति समझौतापिछले हफ्ते ताइवान दौरे पर पहुंचे जापान के पूर्व प्रधानमंत्री ने ताइवान की सुरक्षा का मुद्दा उठाया था। चीन ने ताइवान पर हमला किया तो फिर अमरीका और जापान भी ताइवान की मदद के लिए पहल करें, ऐसा आवाहन इंडो-पैसिफिक सुरक्षा बैठक के दौरान किया था। उससे पहले जापान के अन्य नेताओं ने भी ताइवान को लेकर यही भूमिका अपनाई थी। लेकिन, पूर्व प्रधानमंत्री आसो की ताइवान यात्रा के कारण चीन गुस्सा होता दिख रहा है।

इसी बीच, जापान के विध्वंसक ऑस्ट्रेलिया में आयोजित मलाबार युद्ध अभ्यास में शामिल हुए हैं। ‘जे.एस.समीदारे’ नामक जापान के विध्वंसक ने मलाक्का की खाड़ी से करीबी पोर्ट ब्लेअर बंदरगार का दौरा किया था। जापान के विध्वंसक का यह पहला दौरा होने का दावा इस देश की वृत्तसंस्था कर रही है।

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