चीन के २४ लड़ाकू विमानों की ताइवान के करीब गश्त

  • ताइवान की खाड़ी में चीन की स्टेल्थ पनडुब्बी की तैनाती
  • चीन की ‘एक देश दो व्यवस्थाएं’ नीति पर ताइवान की आलोचना
  • भारत का ताइवान के क्षेत्र में एकतरफा कार्रवाई करने से बचने का आवाहन

बीजिंग/ताइपे – चीन के २४ लड़ाकू विमान और बॉम्बर्स समेत छह गश्तपोतों ने शुक्रवार को ताइवान की सीमा के करीब गश्त लगाई। इससे चौकन्ना हुए ताइवान ने अपनी सेना को अलर्ट रहने की सूचना दी है। कुछ घंटे पहले चीन ने ताइवान के समुद्री क्षेत्र के करीब स्टेल्थ पनडुब्बी तैनात करने की जानकारी सामने आयी थी। इसी बीच ताइवान की जनता अपने भविष्य का निर्णय ले सकती है, चीन की ‘एक देश दो व्यवस्थाएं’ ताइवान के लिए लागू नहीं होती, ऐसी आलोचना ताइवान ने की है। किसी भी तरह से एकतरफा कार्रवाई इस क्षेत्र की स्थिति में बदलाव ना हो, ऐसा आवाहन भारत ने किया है।

चीन के २४ लड़ाकू विमाननैन्सी पेलोसी के अमरीका लौटने को बाद पांच दिन बीते हैं, लेकिन अब भी ताइवान की खाड़ी में तनाव खत्म नहीं हुआ है बल्कि, चीन ने ताइवान की खाड़ी में अपने युद्धाभ्यास की तीव्रता बढ़ाई है। शुक्रवार दोपहर चीन के पिपल्स लिबरेशन आर्मी के २४ लड़ाकू और बॉम्बर विमान और छह गश्तपोतों ने ताइवान की हवाई और समुद्री सीमा के करीब गश्त लगाई। चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत के मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने इस कार्रवाई का समर्थन किया। इसी बीच चीन के सेना अधिकारी ने इस युद्धाभ्यास को आम बताकर ऐसे युद्धाभ्यास आगे भी जारी रहेंगे, यह स्पष्ट किया।

इससे पहले चीन की नौसेना के ‘टाईप-०३९ युआन’ वर्ग की पनडुब्बी ताइवान के समुद्री क्षेत्र के करीब तैनात होने का दावा किया जा रहा है। पिछले महीने यह पनडुब्बी चीन की नौसेना में कार्यरत हुई थी। इस पनडुब्बी में शत्रु की राड़ार यंत्रणा को चकमा देने की क्षमता है। ऐसी प्रगत पनडुब्बी ताइवान के समुद्री क्षेत्र के करीब तैनात करके चीन ने ताइवान को चेतावनी दी है, यह दावा अमरिकी माध्यम और विश्लेषक कर रहे हैं। इस कारण स्टेल्थ पनडुब्बी की तैनाती और लड़ाकू विमानों की गश्त जारी रखकर चीन ने ताइवान की खाड़ी में तनाव कायम रखा है, यह आरोप लगाया जा रहा है।

चीन के २४ लड़ाकू विमानसाथ ही चीन ने ताइवान के जनतांत्रिक गुटों को खुलेआम धमकाया है। ताइवान के जनतांत्रिक गुटों पर अलगाववादी कार्रवाई करने का आरोप लगाकर चीन ने उन पर कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। ‘ताइवान का चीन में शांति से विलयन करने पर जल्द ही बड़ा निर्णय किया जाएगा है। लेकिन, नए चीन में अलगाववादियों के गुटों के लिए बिल्कुल स्थान नहीं होगा। इन अलगाववादी गुटों के विरोध में कार्रवाई के सभी विकल्प खुले रहेंगे’, ऐसी धमकी ही चीन ने दी। सीधे नाम लिए बिना चीन ने ताइवान की राष्ट्राध्यक्षा त्साई ईंग-वेन को धमकाया हुआ दिख रहा है।

लेकिन, चीन की ‘वन कंट्री, टू सिस्टम्स’ यानी ‘एक देश दो व्यवस्थाएं’ नीति ताइवान के लिए लागू नहीं होती, ऐसा ताइवान के विदेश मंत्रालय ने कहा है। ताइवान के भविष्य का निर्णय चीन नहीं कर सकता। ताइवान की जनता ही अपने और देश के भविष्य का उचित निर्णय कर सकती है, ऐसा कहकर ताइवान के विदेश मंत्रालय ने चीन को फटकार लगाई। ऐसे में पेलोसी के सफल दौरे के बाद ताइवान के विदेशमंत्री ने अन्य वैश्विक नेताओं को और शिष्टमंडल को ताइवान दौरे के लिए न्यौता दिया है।

इसी बीच, पिछले हफ्ते से चीन और ताइवान के बीच निर्माण तनाव पर भारत ने पहला बयान किया। ताइवान की खाड़ी में तनाव कम करने के लिए और एकतरफा कार्रवाई करने से बचने के लिए संबंधित देश कोशिश करें, यह आवाहन भारत के विदेश मंत्रालय ने किया। इस वजह से इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता स्थापित होने में सहायता मिलेगी, यह दावा भारत ने किया।

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