चीनी विध्वंसकों ने जापान के द्वीपों के करीब लगाई गश्त – ताइवान मामले में जापान का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं होगा, चीन की चेतावनी

बीजिंग/टोकियो – ताइवान और क्षेत्रीय वर्चस्व के कारण बेचैन बना चीन अपने पड़ोसी देशों को धमका रहा हैं। कुछ दिन पहले ही जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा ने यह कहा था कि, पुरे विश्व के लिए ताइवान अहम मुद्दा है। साथ ही ताइवान के करीबी अपने द्वीप पर मिसाइल विरोधी ‘पैट्रियॉट’ यंत्रणा तैनात करने का ऐलान भी किया था। इससे बौखलाए चीन ने सीधे ताइवान को अपना सार्वभौम क्षेत्र बताकर इसमें जापान की दखलअंदाजी बर्दाश्त नहीं होगी, ऐसा धमकाया था। साथ ही चीन ने जापान के द्वीपों के करीब अपने विध्वंसक रवाना करके अलग से चेतावनी भी दी। 

जापान के द्वीपोंपुरी दुनिया का ध्यान रशिया-यूक्रेन युद्ध पर लगा है। इसका लाभ उठाकर चीन यकिनन ताइवान पर हमला कर सकता है, ऐसा दावा अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक कर रहे हैं। पिछले कुछ महीनों से चीन ने ताइवान के समुद्री एवं हवाई सीमा के करीब बढ़ाई सैन्य गतिविधियों के उदाहरण भी यह विश्लेषक दे रहे हैं। जापान ने भी ताइवान की सुरक्षा का मुद्दा उठाया था। चीन ने ताइवान पर हमला किया तो इससे जापान की सुरक्षा के लिए भी खतरा होगा, ऐसी चिंता जापान ने व्यक्त की थी। टोकियो में आयोजित ‘जी ७’ बैठक में भी जापान इस मुद्दे को उठाने की संभावना है।

जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा ने ‘निक्के एशिया’ को दिए साक्षात्कार में ताइवान की सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा की थी। ताइवान की सुरक्षा सिर्फ जापान के लिए ही नहीं, बल्कि पुरे विश्व के लिए अहम मुद्दा होने का बयान प्रधानमंत्री किशिदा ने किया था। इस वजह से ताइवान के मुद्दे पर पुरी दुनिया भूमिका अपनाए, ऐसी गुहार प्रधानमंत्री किशिदा ने इस साक्षात्कार में लगाई थी। इसी दौरान जापान के रक्षा मंत्रालय ने मियाको द्वीप पर ‘पैट्रियॉट’ मिसाइल विरोधी यंत्रणा तैनात करने का ऐलान किया था।

जापान के द्वीपोंमियाको द्वीप ताइवान से मात्र ४४६ किलोमीटर दूरी पर स्थित है। इस द्वीप पर ‘पैट्रियॉट’ की तैनाती होना उत्तर कोरिया के मिसाइल हमले के खिलाफ जारी तैयारी होने का बयान जापान ने किया था। लेकिन, ताइवान यह चीन का अंग हैं औड़ जापान हमारी सीमा के करीब ‘पैट्रियॉट’ तैनात कर रहा हैं, यह आरोप चीन ने लगाया। इस वजह से ताइवान मामले में जापान का हस्तक्षेप बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेंगे, ऐसा चीन के मुखपत्र ने धमकाया है। इसके साथ ही चीन के ‘ल्हासा’ नामक विध्वंसक और अन्य दो युद्धपोतों ने जापान के द्वीपों के करीब गश्त लगाने की जानकारी सामने आयी है।

सिर्फ ताइवान मामले में चीन की यह बेचैनी नहीं हैं और जापान एवं दक्षिण कोरिया के सहयोग से भी चीन की बेचैनी बढ़ रही हैं। चार दिन पहले जापान के प्रधानमंत्री ने दक्षिण कोरिया का दौरा करके सहयोग बढ़ाने के लिए अहम कदम बढ़ाया था। जापान और दक्षिण कोरिया के इस सहयोग का ज़िक्र करके चीन के सैन्य मुखपत्र ने पिपल्स लिबरेशन आर्मी को हमारे शत्रु के विरोध में कार्रवाई करने के लिए तैयार रहने के आदेश दिए थे। 

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