जापान-फिलिपाइन्स की ‘टू प्लस टू’ वार्ता – चीन की गतिविधियाँ एवं रक्षा समझौते के मुद्दे को प्राथमिकता

टोकियो/मनीला – चीन की बढ़ती वर्चस्ववादी गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर जापान और फिलिपाईन्स ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग अधिक मज़बूत करने के संकेत दिए हैं। जापान की राजधानी टोकियो में हुई ‘टू प्लस टू’ वार्ता में इसी मुद्दे पर हुई बातचीत की जानकारी दोनों देशों के अफ़सरों ने साझा की। जापान ने पिछले कुछ सालों में चीन विरोधी गुट को मज़बूती प्रदान करने के लिए ‘टू प्लस टू’ के माध्यम से कोशिश शुरू की है। इसके तहत आग्नेय एशियाई देशों के साथ सहयोग करने के लिए भी पहल की जा रही है और फिलिपाईन्स इंडोनेशिया के बाद का दूसरा आग्नेय एशियाई देश बना है।

philippines-japan-2plus2शनिवार को टोकियो में हुई बैठक में जापान के रक्षामंत्री नोबुओ किशी और विदेशमंत्री योशिमासा हयाशी और फिलिपाईन्स के रक्षामंत्री डेल्फिन लॉरेन्ज़ना एवं विदेशमंत्री तिओदोरो लॉक्सिन ज्यु. की व्यापक बैठक हुई। इस बैठक में चीन की साऊथ चायना सी एवं ईस्ट चायना सी में जारी गतिविधियाँ एवं रक्षा सहयोग के मुद्दों पर प्राथमिकता से चर्चा होने की बात सूत्रों ने स्पष्ट की। जापान और फिलिपाईन्स ने साल २०१५ में हुए रक्षा समझौते का दायरा अधिक बढ़ाने पर दोनों देशों की सहमति हुई है।

इस दौरान दोनों देशों ने संयुक्त निवेदन जारी किया है। इस निवेदन में साऊथ चायना सी क्षेत्र में जारी एकतरफा हरकतें एवं बल प्रयोग का तीव्र शब्दों में निषेध किया गया है। साथ ही इंडो-पैसिफिक क्षेत्र खुला एवं मुक्त रखने के लिए दोनों देश कोशिश करेंगे, यह बयान है। साऊथ चायना सी के साथ-साथ ईस्ट चायना सी में तनाव बढ़ानेवाली गतिविधियों का हमारा विरोध रहेगा, यह इशारा भी दोनों देशों ने इस निवेदन में दिया है।

चीन की साऊथ चायना सी और करीबी समुद्री क्षेत्र में जारी विस्तार की गतिविधियों पर ‘आसियान’ देशों से तीव्र प्रत्युत्तर मिल रहा है। वियतनाम, फिलिपाईन्स, इंडोनेशिया, थायलैण्ड, सिंगापुर जैसे प्रमुख देशों ने चीन का दबाव ठुकराकर स्वतंत्र नीति का कार्यान्वयन करना शुरू किया है। फिलिपाईन्स ने पिछले साल से चीन विरोधी आक्रामकता अधिक तीव्र की है और रक्षाखर्च बढ़ाने के साथ ही चीन को खुली चुनौती दी है। जापान के साथ हुई ‘टू प्लस टू’ चर्चा भी फिलिपाईन्स की चीन विरोधी आक्रामक नीति का ही हिस्सा है।

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