ईरान का परमाणु समझौता नाकाम होने पर ‘प्लैन बी’ का इस्तेमाल करना होगा

– इस्रायली रक्षामंत्री बेनी गांत्ज़

जेरूसलम – अमरीका और ईरान का परमाणु समझौता आखिरी चरण में होने का दावा किया जा रहा है| अमरीका का बायडेन प्रशासन ईरान के परमाणु समझौते को लेकर काफी उम्मीदें रख रहा है| लेकिन, ‘आनेवाले समय में यदी यह परमाणु समझौता टूटकर ईरान ने यूरेनियम संवर्धन जारी रखा तो ईरान को रोकने के लिए ‘प्लैन बी’ का इस्तेमाल करना होगा| इसके लिए ईरान पर आर्थिक, राजनीतिक दबाव बढ़ाना होगा| साथ ही ईरान से जुड़े आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई तीव्र करनी होगी’, ऐसा इशारा इस्रायल के रक्षामंत्री बेनी गांत्ज़ ने दिया|

यूisrael-plan-bरोप और खाड़ी क्षेत्र की बदलती गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर इस्रायल सरकार ने बुधवार को ८० देशों के राजदूतों की बैठक का आयोजन किया था| इस्रायल के विदेशमंत्री येर लैपिड और रक्षामंत्री बेनी गांत्ज़ ने इस बैठक में अपने देश की रक्षा संबंधी भूमिका पेश की| ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर हम समय के विरुद्ध दिशा में यात्रा कर रहे हैं, ऐसी आलोचना रक्षामंत्री बेनी गांत्ज़ ने इस दौरान की| इसके लिए इस्रायली रक्षामंत्री ने पिछले साल के अगस्त से ईरान के परमाणु कार्यक्रम की गतिविधियॉं एवं इसी बीच वियना में जारी बातचीत का दाखिला दिया|

‘अगस्त से ईरान ने ६० प्रतिशत संवर्धित युरेनियम का भंड़ार १० किलो से बढ़ाकर ५० किलो किया है| फोर्दो के खुफिया परमाणु प्रकल्प में ईरान यह काम कर रहा है’, ऐसा आरोप गांत्ज़ ने लगाया| ईरान की यह कार्रवाई परमाणु समझौते के मुद्दों का उल्लंघन कर रही है, यह आरोप इस्रायली रक्षामंत्री ने लगाया| साथ ही पश्‍चिमी देश ईरान के साथ परमाणु समझौता करते वक्त समयसीमा तय ना करें, ऐसा सुझाव गांत्ज़ ने दिया है| इससे निर्धारित सालों के बाद परमाणु समझौते की अवधि पूरी होने पर ईरान को मनचाहा परमाणु कार्यक्रम जारी रखने की अधिकृत अनूमति मिल सकती है, इस ओर इस्रायल के रक्षामंत्री ने ध्यान आकर्षित किया|

इसके बजाय पश्‍चिमी देश ईरान का परमाणु एवं मिसाइल कार्यक्रम कड़क निगरानी में रखें, ऐसा गांत्ज़ ने कहा| ‘ईरान को यह मॉंगें स्वीकार नहीं होती हैं और परमाणु समझौता नाकाम होता है तो ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए ‘प्लैन बी’ का इस्तेमाल करना होगा’, इसका अहसास गांत्ज़ ने कराया| इसके लिए अंतरराष्ट्रीय समूदाय ने ईरान पर आर्थिक राजनीति दबाव बढ़ाने के लिए एकजुट होना चाहिये, यह आवाहन इस्रायल के रक्षामंत्री ने किया|

इसी बीच, अमरीका ईरान के साथ कर रहे परमाणु समझौते की वजह से खाड़ी देशों में असुरक्षितता की भावना अधिक बढ़ी है| बायडेन प्रशासन की ईरान समर्थक नीति का असर खाड़ी देशों पर होने लगा है| इस वजह से इन खाड़ी देशों ने इस्रायल के साथ सहयोग करने का निर्णय किया है और पिछले हफ्ते इस्रायल के साथ यूएई, बहरीन, मोरोक्को और इजिप्ट जैसे अरब देशों का इस्रायल की नेगेव सुरक्षा बैठक में शामिल होना अहमियत रखता है| इसके बाद इस्रायल ने आयोजित की हुई इस बैठक में तकरीबन ८० देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे| इस कारण इस्रायल अब ईरान के विरोध में काफी बड़ी राजनीतिक एवं सामरिक मोर्चा खोलने में जुटा होने की बात स्पष्ट हो रही है|

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