इस्रायल-जापान ने किया रक्षा सहयोग का समझौता

रक्षा सहयोगटोकियो – जापान और इस्रायल ने रक्षा सहयोग के लिए समझौता किया है। इस्रायल के रक्षामंत्री बेनी गांत्ज़ की जापान यात्रा में यह समझौता किया गया और दोनों देशों के राजनीतिक सहयोग के ७० साल पूरे होने के अवसर पर हुआ यह समझौता ध्यान आकर्षित करता है। ‘जापान-इस्रायल का यह समझौता खुले और मुक्त इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के नज़रिये से बड़ी अहमियत रखता है। साथ ही, खाड़ी क्षेत्र की शांति और सुरक्षा जापान की शांति और समृद्धी के लिए आवश्यक हैं। दोनों देश अन्तर्राष्ट्रीय समुद्री परिवहन के क्षेत्र से जुड़े हैं’, ऐसा सूचक बयान जापान के रक्षामंत्री यासुकाझू हमादा ने किया है।

‘अपने देश की रक्षा करना और शांति एवं स्थिरता के लिए कोशिश जारी रखना ही इस्रायल और जापान का भी समान ध्येय है। इसके लिए दोनों देश प्रौद्योगिकी विकसित कर रहे हैं और ज्ञान का आदान-प्रदान कर रहे हैं। इससे अपने एक-समान उद्देश्य हासिल करना दोनों देशों के लिए मुमकिन होगा’, ऐसा इस्रायली रक्षामंत्री बेनी गांत्ज़ ने कहा । इससे पहले साल २०१९ में जापान और इस्रायल ने रक्षा संबंधित सहयोग करने के लिए समझौता किया था। लेकिन, मंगलवार को किया गया नया समझौता दोनों देशों को अधिक करीब लाएगा, ऐसा दिख रहा है। पिछले हफ्ते इस्रायली वायु सेना प्रमुख ने जापान का दौरा करके जापान के वायुसेनाप्रमुख से चर्चा की थी। साल १९९१ के बाद पहली बार इस्रायली रक्षाबल के किसी वरिष्ठ अधिकारी ने इस तरह से जापान का दौरा किया है।

इसके साथ ही, पिछले कुछ सालों में जापान ने इस्रायल में बड़ा निवेश करके इस्रायल से सहयोग अधिक मज़बूत किया दिख रहा है। साल २०१५ में जापान का इस्रायल में ९ करोड़ डॉलर्स से भी कम निवेश था। इसके बाद साल २०२१ में जापान ने इस्रायल के साथ २.९ अरब डॉलर्स के करीबन ८५ रक्षा समझौते किए हैं। यह राशि, पहले के वर्ष में जापान और इस्रायल के हुए सहयोग से दोगुनी होने के दावे किए जा रहे हैं। नए रक्षा समझौते की वजह से जापान और इस्रायल के सहयोग का दायरा काफी मात्रा में बढ़ेगा।

जापान का कड़ा प्रतिद्वंद्वी चीन खाड़ी और पर्शियन खाड़ी के क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए तेज़ कदम बढ़ा रहा है। खास तौर पर ईरान के साथ चीन का बनता सहयोग सबका ध्यान आकर्षित कर रहा है। इस्रायल और जापान के सहयोग को यह पृष्ठभूमि प्राप्त हुई है और ईरान समेत खाड़ी क्षेत्र में चीन का बढ़ता प्रभाव जापान के लिए इशारे की घंटी साबित हो रहा है। ऐसी स्थिति में इस्रायल के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाकर जापान ने चीन की रणनीतिक साज़िश को जवाबी चुनौती देने की तैयारी रखी होने की बात सामने आ रही है।

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