येमन के हौथियों के खिलाफ संघर्ष के लिए इस्रायल युएई को लश्करी सहायता के लिए तैयार

जेरूसलेम/अबू धाबी -’येमन के हौथी आतंकवादियों को युएई की राजधानी अबू धाबी पर किए हुए हमलों का इस्रायल कठोर शब्दों में धिक्कारता है। इस क्षेत्र की शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए ऐसे आतंवादी संघटनों का बंदोबस्त करना जरुरी है। युएई ने इस आतंकवादी हमलों के खिलाफ पुकारे हुए संघर्ष का इस्रायल पूर्ण समर्थन करेगा। इसके लिए युएई को आवश्यक लश्करी सहायता दी जाएगी’ ऐसी घोषणा इस्रायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने की।

yemen-houthi-conflict-israel-uaeचार दिनों पूर्व येमन के हौथी आतंकियों ने युएई की राजधानी पर ड्रोन्स तथा बैलेस्टिक मिसाईलों से लगभग 30 हमले किए थे। अबू धाबी में अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा और ईंधन प्रकल्पों को लक्ष्य करके किए गए हमलों में दो भारतीयों समेत तीन लोग मारे गए। हौथी आतंकियों ने आनेवाले समय में युएई अधिक भीषण हमले करने की धमकी दी है।

इस्रायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने सोशल मीडिया द्वारा युएई को लश्करी और गोपनीय जानकारी से संबंधित आवश्यक सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया था। इसके बाद प्रधानमंत्री बेनेट के कार्यालय ने इस बारे निवेदन जारी किया।

’युएई को जरुरत के मुताबिक सहायता प्रदान करने के आदेश इस्रायल के सुरक्षा प्रणाली को दिए गए हैं। इस क्षेत्र में आतंकवाद के खिलाफ जारी संघर्ष में युएई को सहायता प्रदान करने के लिए इस्रायल वचनबद्ध है। दोनों देशों के समान शत्रु को मात देने के लिए इस्रायल युएई के साथ सहकार्य करने के लिए तैयार है’, ऐसा इस्रायल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने प्रसिद्ध किए हुए निवेदन में कहा गया है।

इस बात को दो दिन नहीं बीते तो, गुरुवार को प्रधानमंत्री बेनेट ने युएई के क्राऊन प्रिन्स शेख मोहम्मद बिन ज़ाएद अल नह्यान के साथ फोर पर चर्चा की। इस चर्चा में भी इस्रायल के प्रधानमंत्री ने खाडी क्षेत्र में शांति और स्थिरता को महत्व दिया। इसी तरह इस क्षेत्र के आतंकवादियों को बंदोबस्त किया जाना जरुरी है और युएई ने शुरु किए हुए संघर्ष में लश्करी एवं गोपनीय जानकारी प्रदान करने के लिए इस्रायल तैयार होने की बात कही। क्राऊन प्रिन्स शेख मोहम्मद बिन ज़ाएद ने भी इस्रायल के इस प्रस्ताव के लिए आभार प्रगट किए। युएई के दैनिक ने यह जानकारी प्रसिद्ध की।

इस्रायल के संरक्षणमंत्री बेनी गांत्ज़ ने ग्रीस के संरक्षणमंत्री निकोलाओस पॅनाइओतोपोलस के साथ बैठक में भी युएई पर आतंकी हमले का उल्लेख किया। ’विएन्ना में चर्चा द्वारा पाश्चिमी देशों के साथ परमाणु करार करने की तैयारी में रहे ईरान खाडी में अपने आतंकवादी संघटनों के जरिए अस्थिरता निर्माण कर रहा है। युएई हमला इसी का उदाहरण है’, ऐसा आरोप गांत्ज़ ने लगाया।

इस्रायल द्वारा युएई को दिए गए इस प्रस्ताव पर ईरान ने भवें उठाई हैं। येमन के हौथियों पर कार्यवाही के लिए युएई को लश्करी सहायता प्रदान करने के प्रस्ताव में इस्रायल का भिन्न हेतु होने का आरोप ईरान के सरकारी समाचार चैनल ने लगाया। युएई ने इस्रायल की सुरक्षा सहकार्य का प्रस्ताव स्वीकार किया तो वह पाकिस्तान के लिए चिंता का विषय होगा, ऐसा पाकिस्तान के पत्रकारों का कहना है।

युएई के साथ इस्रायले का सहकार्य ईरान की चिंता का विषय होने की बात कही जाती है। युएई एवं इस्रायल में सन 2020 में इब्राहम करार हुआ था। इसके अनुसार पहली बार इस्रायल के साथ राजनैतिक सहकार्य प्रस्थापित किया गया था। तत्पश्चात ईरान ने युएई को गंभीर परिणामों की धमकिया दी थीं। इस्लामी देशों में कट्टरपंथियों ने भी युएई की टीका की थी, मगर युएई ने अपनी जनता की प्रगति के लिए इब्राहम करार जरुरी होने की बात कहकर इसका समर्थन किया था।

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