ईरान से सहयोग कर रहे देशों में भी ईरान का आतंकवाद पहुंचेगा – संयुक्त राष्ट्र संघ में इस्रायली राजदूत ने दिया इशारा

न्यूयॉर्क- इस्रायली जनता पर मिसाइल हमले कर रही आतंकवादी संगठन हिजबुल्लाह को ईरान की हुकूमत सैन्य सहायता प्रदान कर रही हैं। येमन के हौथी विद्रोहियों को खुफिया जानकारी और हथियार प्रदान किए जा रहे हैं। कुछ दिन पहले अमेरिकी नौसेना ने ईरान की हथियारों की तस्करी विश्व के सामने उजागर की थी। फिर भी ईरानी महिला, प्रदर्शनकारियों की हत्या कर रही हुकूमत के साथ संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद के कुछ देश सहयोग कर रहे हैं। एक दिन इन्हीं देशों तक ईरान का आतंकवाद पहुंचकर रहेगा, ऐसा इशारा संयुक्त राष्ट्र संघ में इस्रायल के राजदूत गिलाड एर्डन ने दिया। ईरान और हमास का पक्ष उठा रहे रशिया की ही एर्डन ने आलोचना की।

ईरान से सहयोग कर रहे देशों में भी ईरान का आतंकवाद पहुंचेगा - संयुक्त राष्ट्र संघ में इस्रायली राजदूत ने दिया इशाराहमास के साथ युद्ध विराम करके इस्रायल गाजा पट्टी से पीछे हटे, इसके लिए संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद दबाव बना रही है। गाजा के संघर्ष में इस्रायल ने वंशसंहार करने का आरोप सुरक्षा परिषद के सदस्य देश लगा रहे हैं। कुछ दिन पहले ईरान के विदेश मंत्री आमिर अब्दोल्लाहियान ने संयुक्त राष्ट्र संघ की बैठक में पैलेस्टिनियों की भूमिका पेश की थी। इस्रायल पर हुए हमलों के पीछे की प्रमुख वजह होने वाले और अपने ही देश में मानव अधिकारों का उल्लंघन कर रहे ईरान को यह अवसर कैसे प्राप्त हुआ, इस पर इस्रायल के राजदूत गिलाड एर्डन ने गुस्सा जताया।

गाजा पट्टी में युद्ध विराम की मांग कर रहा ईरान और ईरान की इस भूमिका का समर्थन कर रहे सुरक्षा परिषद के देशों की एर्डन ने आलोचना की। ‘यह युद्ध विराम करके क्या हासिल होगा? इस युद्ध विराम के कारण हमास गाजा की सत्ता पर बनी रहेगी और वह फिर से सशस्त्र होगी और ज्यूधर्मियों का वंशसंहार करने के लिए इस्रायल पर नए हमले करेगी। इस्रायली नागरिकों का फिर से अपहरण करेगी। क्या इसी के लिए गाजा पट्टी में युद्ध विराम करना है? क्या आप यहीं चाहते हैं?’ ऐसे सवाल इस्रायल के राजदूत ने गुस्से में आकर किए हैं।

‘हमास ने फिर से हमले किए तो हमास के विनाश के लिए इस्रायल फिर से गाजा पट्टी पर हमला करेगा। गाजा पट्टी में हमास का प्रभाव होने तक इस्रायल सुरक्षित हो नहीं सकता और इशी कारण इस्रायल हमास के पूरे विनाश के लिए हमास पर हमले कर रहा हैं’, ऐसा एर्डन ने कहा। लेकिन, सुरक्षा परिषद ने प्रस्तावित की हुई मांग में प्रचंड़ विरोधी भावना है, ऐसी फटकार एर्डन ने लगाई। हमास गाजा पट्टी में होने तक संघर्ष रोक नहीं सकते। क्यों कि, पिछले १८ सालों से हम हमास का घातक अनुभव कर रहे हैं, ऐसा राजदूत एर्डन ने आगे कहा।

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