ताइवान पर हमला लंबे युद्ध का कारण बनेगा – अमरिकी अध्ययम मंड़ल का दावा

लंबे युद्ध का कारणवॉशिंग्टन/ताइपे – चीन ने ताइवान पर हमले का नतीजा तुरंत सामने आने की संभावना नहीं है। बल्कि, यह युद्ध लंबे समय तक चलने की संभावना होने का दावा अमरिकी अध्ययन मंड़ल के विश्‍लेषक ने किया है। अमरीका की ‘ब्रुकिंग्ज्‌ इन्स्टीट्युट’ के अभ्यासक मायकल ओलैन्लॉन ने कहा है कि, चीन ने ताइवान पर दावा करने पर ताइवान के मसले का हल निकलने की संभावना नहीं है बल्कि, इससे लंबे समय तक जारी रहनेवाले संघर्ष की शुरूआत होगी, यह इशारा ओलैन्लॉन ने दिया।

पिछले साल से चीन ताइवान के खिलाफ अधिक आक्रामक हुआ है और ‘ग्रे ज़ोन वॉरफेअर’ और युद्धाभ्यास की तीव्रता भी बढ़ी है। चीन का नेतृत्व एवं सैन्य अधिकारी लगातार ताइवान को धमका रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर विश्‍वभर के कई विश्‍लेषक चीन और ताइवान के युद्ध पर अलग-अलग संभावनाएं व्यक्त कर रहे हैं। अधिकांश विश्‍लेषकों ने चीन का हमला और ताइवान के प्रतिकार पर जोर दिया है। लेकिन, ओलैन्लॉन ने युद्ध के स्वरूप एवं अवधि की ओर ध्यान आकर्षित किया है।

चीन ने ताइवान पर हमला किया तो अमरीका और सहयोगी देश इसमें उतरेंगे, लेकिन, इसमें किसी भी तरह से अंतिम जीत हासिल नहीं कर पाएंगे, यह दावा ‘ब्रुकिंग्ज्‌ इन्स्टीट्यूट’ के अभ्यासकों ने किया है। ओलैन्लॉन ने चीन, ताइवान और अमरीका के युद्ध को लेकर मत प्रदर्शन करते हुए इसकी तुलना पिछले सदी के युद्ध से की है।

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