देश के हित संबंधों को खतरा होने पर भारतीय नौसेना ‘रेड सी’ में घुसकर कार्रवाई करेगी – नौसेनाप्रमुख एडमिरल आर.हरि कुमार

पूणे – भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री ड़कैतियों को रोकने के लिए आक्रामक गतिविधियां शुरू की हैं। इसके लिए ज़रूरी तैनाती पुरी होने की गवाही, नौसेनाप्रमुख एडमिरल आर.हरि कुमार ने दी है। यदि देश के हितसंबंधों के लिए खतरा बना तो रेड सी के क्षेत्र में घुसकर कार्रवाई करने के लिए भारतीय नौसेना की पुरी तैयार होने का बयान करके भारतीय नौसेनाप्रमुख ने ध्यान आकर्षित किया है।

हौथी विद्रोहियों के व्यापारिक जहाजों पर हो रहें हमले और उससे उभरी स्थिति का लाभ उठाकर सोमालियन समुद्री ड़कैतों ने भी अपनी अवैध गतिविधियां शुरू कर दी है। इससे भारत से संबंधित व्यापरिक यातायात के लिए खतरा बना हैं। देश के हित संबंधों को खतरा होने पर भारतीय नौसेना ‘रेड सी’ में घुसकर कार्रवाई करेगी - नौसेनाप्रमुख एडमिरल आर.हरि कुमारऐसी स्थिति में नौसेना ने पूरे हिंद महासागर में अपनी तैनाती बढ़ाई है और नौसेना ने आक्रामक गतिविधियां शुरू की है। इससे समुद्री ड़कैत काबू में रहेंगे, यह भरोसा नौसेनाप्रमुख ने व्यक्त किया। आगे के समय में रेड सी के क्षेत्र में भी भारत के हितसंबंधों को खतरा बना तो उस क्षेत्र में घुसकर कार्रवाई करने का साहस भारतीय नौसेना दिखाएगी, यह इशारा नौसेनाप्रमुख ने दिया है। उनका यह बयान हौथी विद्रोहियों के साथ भारत के व्यापारिक यातायात को लक्ष्य करने की मंशा रखने वाली शक्तियों को दी हुई कड़ी चेतावनी है।

भारतीय नौसेना अपने बेड़े के युद्धपोत, विध्वंसक, पनडुब्बियों की संख्या बढ़ा रही हैं। साथ ही भारतीय नौसेना के पास फिलहाल दो विमान वाहक युद्धपोत मौजूद है। साथ ही भारतीय तटरक्षक बल भी उन्नत गश्तीपोतों के साथ मुस्तैद है। इस सामर्थ्य का प्रदर्शन करने का एवं इसका इस्तेमाल करने का अवसर ही रेड सी एवं हिंद महासागर क्षेत्र की गतिविधियों की वजह से भारत को प्राप्त हुआ है, ऐसा दावा पाकिस्तान के विश्लेषक ने हाल ही में किया था। यह सभी गतिविधियां नहीं होती तो भारत को अपनी नौसेना के सामर्थ्य का प्रदर्शन करने के लिए काफी लंबे समय तक प्रतीक्षा करनी पड़ती, ऐसा इस विश्लेषक का कहना है।

इससे पहले पूरे हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा प्रदान करने वाले देश के तौर पर भारत की पहचान होने का बयान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया था। उससे पहले इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा मुहैया कराने वाले देश के तौर पर भी भारत की ओर देखने की बात फ्रान्स ने कही थी। अमेरिका, ब्रिटेन एवं अन्य देशों ने भी आवाहन करके भारत को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सकारात्मक भूमिका निभाने के लिए कहा था।

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