भारतीय नौसेना ने अरब सागर में ईंधन वाहक जहाज पर हुए हमले की जांच शुरू की – ‘रेड सी’ में भारत से संबंधित और एक ईंधन वाहक जहाज पर हुआ हमला

नई दिल्ली – ‘एमटी चेम प्लुटो’ नामक मालवाहक जहाज पर शनिवार के दिन हुए हमले की जांच भारतीय नौसेना ने शुरू की है। सौदी अरब से भारत पहुंचने निकले इस जहाज पर ड्रोन और मिसाइल हमला किया गया था। इस हमले को भारत बड़ी गंभीरता से देखता दिख रहा है। शनिवार को किया गया यह हमला ईरान ने करवाया है, ऐसा आरोप अमेरिकी सेना ने लगाया है। इस पर हो रही चर्चा के दौरान ही रेड सी में ‘एम व्ही. साईबाबा’ नामक ईंधन वाहक जहाज पर हमला होने की खबरें सामने आयी। ये एक भारतीय जहाज होने के दावे अमेरिका के ‘यूएस सेंट्रल कमांड’ (सेंटकॉम) ने किए हैं। लेकिन, इस हमले का लक्ष्य बना जहाज भारत से संबंधित न होने की जानकारी भारतीय अधिकारी ने साझा की।

भूमध्य समुद्री क्षेत्र की जहाजों की यातायात बंद करने की धमकी भी ईरान ने दी है। गाजा में शुरू इस्रायल और हमास का युद्ध बंद नहीं किया गया था ईरान इस क्षेत्र में व्यापारिक यातायात रोक देगा, ऐसा इशारा ईरान ने दिया था। येमन स्थित ईरान समर्थक हौथी आतंकवादियों ने इस क्षेत्र से सफर कर रहे मालवाहक जहाजों पर हमले किए थे। भारतीय नौसेना ने अरब सागर में ईंधन वाहक जहाज पर हुए हमले की जांच शुरू की - ‘रेड सी’ में भारत से संबंधित और एक ईंधन वाहक जहाज पर हुआ हमलाइनमें से कुछ जहाज भारत के बंदरगाह तक आने वाले थे। इस वजह से इन जहाजों को हमले करके हौथी अब भारत को लक्ष्य करने की पहल करती दिख रही हैं। शनिवार के दिन हमले का लक्ष्य बना ‘एमटी चेम प्लुटो’ जहाज मंगलोर पहुंचने के लिए निकला था। यह हमला ईरान ने ही करवाया है, ऐसा अमेरिका के सेंटकॉम का कहना हैं।

इसपर अभी ईरान ने अधिकृत बयान नहीं किया है। लेकिन, ईरान ऐसे भारत की ओर निकले जहाज पर हमला नहीं करेगा। इसके पीछे पाकिस्तान का हाथ होने की कड़ी संभावना भारत के पूर्व सेना अधिकारी जता रहे हैं। पाकिस्तान और चीन ने मिलकर भारत के हितसंबंधों को झटका देने के लिए यह हमला किया होगा या इसके पीछे भारत की आर्थिक प्रगति रोकने में हितसंबंध रखने वाले देश होंगे, ऐसी आशंका जताई जा रही है। इस पृष्ठभूमि पर भारतीय नौसेना ने ‘एमटी चेम प्लुटो’ पर हुए हमले की जांच शुरू की है।

इसके साथ ही अरब सागर में शुरू गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए भारतीय नौसेना ने तैनाती बढ़ाने की जानकारी भी सामने आ रही हैं।

ईंधन वाहक ‘एमव्ही साईबाबा’ जहाज रेड सी से गुजर रहा था तभी इसपर हमला हुआ। इसमें जहाज को भारी नुकसान नहीं पहुंचा है और इसपर मौजुद नाविक भी सुरक्षित होने की बात कही जा रही है। यह जहाज भारत का होने का दावा अमेरिका के सेंटकॉम ने किया है, फिर भी इसमें सच्चाई नहीं हैं और यह जहाज भारत का न होने की जानकारी भारतीय अधिकारियों ने प्रदान की। लेकिन, इस जहाज पर २५ भारतीय नाविक मौजूद होने की जानकारी इस अधिकारी ने साझा की।

लेकिन, इस हमले की वजह से भारत के व्यापारिक और आर्थिक संबंधों को जानबूझकर निशाना बनाने की कोशिश होने की बात स्पष्ट हुई है। इससे पहले रेड सी के क्षेत्र में अपने व्यापारिक यातायात की सुरक्षा के लिए भारत ने ‘आईएनएस कोची’ और ‘आईएनएस कोलकाता’ यह विध्वंसक रवाना किए थे। इसके बाद भारत ने इस क्षेत्र में तैनात करने के लिए अपना और एक विध्वंसक रवाना किया है। इससे आगे के दिनों में अपने व्यापाकि जहाजों की सुरक्षा करने के लिए भारत अपनी नौसैनिक गतिविधियां बढ़ाएगा, यह स्पष्ट होने लगा हैं।

रेड सी के क्षेत्र में व्यापारिक यातायात की सुरक्षा के लिए अमेरिका ने दस देशों के नौसेना की संयुक्त गश्त शुरू की है। भारत ने इस गुट में शामिल हुए बिना अपनी नौसेना की स्वतंत्र तैनाती की है। यह बात अमेरिका को चुभेगी, ऐसा दावा पाकिस्तानी वंश के अमेरिकी विश्लेषक ने की है। लेकिन, कुछ भी हो भारत अमेरिका के इशारे पर काम करने वाला देश नहीं हैं। अपने हितसंबंधों की सुरक्षा करने की क्षमता भारत रखता हैं, इसका स्पष्ट अहसास भारत अमेरिका को दे रहा हैं, ऐसा इस विश्लेषक ने कहा हैं।

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