भारतीय नौसेना ने अरब सागर में बढ़ाई गतिविधियां – ड्रोन और डोर्नियर विमानों की शुरू की गश्त

नई दिल्ली – अरब सागर में सामान की यातायात कर रहे जहाज पर हुए हमले के बाद भारत ने इस समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा के लिए तेज़ कदम बढ़ाएं हैं। भारतीय नौसेना के युद्धपोत इस क्षेत्र में मौजूद हैं और ड्रोन और डोर्नियर विमानों से इस समुद्री क्षेत्र पर नज़र रखी जा रही हैं। भारतीय नौसेना ने हाल ही के दिनों में ‘आईएनएस इम्फाल’ नामक विध्वंसक का अपने बेड़े में समावेश किया था। उस समय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत के सामान की यातायात कर रहे जहाजों को लक्ष्य करने वाले यदि समुद्र के तल पर छुपे हो तो भी उन्हें ढूंढ़ कर उनपर सख्त कार्रवाई की जाएगी, यह इशारा दिया था। वहीं, नौसेनाप्रमुख एडमिरल आर.हरि कुमार ने अरब सागर में हुए इस हमले को बड़ी गंभीरता से देखने का बयान किया था।

‘आईएनएस कोची’, ‘आईएनएस कोलकाता’ और ‘आईएनएस चेन्नई’ के साथ तलवार वर्ग का एक भारतीय विध्वंसक अरब सागर की गतिविधियों पर नज़र बनाए हैं। भारतीय बंदरगाह की दिशा में निकले मालवाहक जहाज पर अरब सागर में हमला हुआ था। यह हमला भारत की समुद्री सीमा से दूर पर हुआ हो, तो भी इसे अनदेखा नहीं कर सकते। भारतीय नौसेना ने अरब सागर में बढ़ाई गतिविधियां - ड्रोन और डोर्नियर विमानों की शुरू की गश्तभारतीय नौसेना ऐसे हमलावरों को अपनी समुद्री सीमा के करीब आने का अवसर ही नहीं देगी, ऐसा नौसेनाप्रमुख एडमिरल आर.हरि कुमार ने कहा था। इसके बाद भारत ने अपनी नौसेना के तीन विध्वंसक इस क्षेत्र में रवाना करने की खबरें प्राप्त हुई थी। अब इस क्षेत्र में भारत के कूल पाच युद्धपोत मौजूद होने की खबरें प्राप्त हो रही हैं।

भारत इस समुद्री क्षेत्र में पुरी सुरक्षा प्रदान करने वाला देश हैं। भारत की यह पहचान आगे भी कायम रखी जाएगी और इसके लिए आवश्यक कार्रवाई को अंजाम देने के लिए भारत तैयार होने का बयान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया था।

विध्वंसक ‘आईएनएस इम्फाल’ का भारतीय नौसेना के बेड़े में समावेश करने के लिए आयोजित समारोह में रक्षा मंत्री ने यह ऐलान किया था। साथ ही भारत की व्यापारिक यातायात को लक्ष्य करने वाले हमलावर यदि समुद्र के तल पर छुपे होंगे तो भी उन्हें ढूंढ़ कर उनके विरोध में सख्त कार्रवाई किए बिना भारत शांत नहीं बैठेगा, यह चेतावनी भी रक्षा मंत्री ने उस समय दी थी।

अरब सागर में किया गया यह हमला ईरान ने किया था, ऐसा दावा अमेरिका ने किया और इस हमले को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल हुआ ड्रोन भी ईरान का बना होने की जानकारी अमेरिका ने साझा की थी। लेकिन, रेड सी के क्षेत्र में हौथी विद्रोहियों के विरोध में शुरू कार्रवाई में भारत को खींचने के लिए ही अमेरिका इस तरह के आरोप लगा सकती हैं, इस संभावना पर भारतीय विश्लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। इस वजह से अमेरिका के दावों की पुष्टि किए बिना भरोसा नहीं कर सकते, ऐसा इन विश्लेषकों कहना है। ईरान एवं हौथी विद्रोहियों ने भी यह स्पष्ट किया था कि, हम भारत के व्यापारिक यातायात को लक्ष्य नहीं कर रहे हैं।

भारतीय नौसेना ने इस हमले की जांच शुरू की है। बाद में इस हमले की अधिक जानकारी सामने आ सकती हैं। लेकिन, यह हमला पाकिस्तान की नौसेना की हरकत होने की संभावना से भी इनकार नहीं कर सकते, ऐसे दावे सोशल मीडिया पर किए जा रहे हैं। इन दावों की अभी पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन, इस हमले में भारत की व्यापारिक यातायात का ज्यादा नुकसान नहीं हुआ हो, फिर भी इससे भारतीय नौसेना अलर्ट हुई है, यह बात संतोष देती है। इस हमले की वजह से अपनी नौसेना की गतिविधियों का दायरा बढ़ाने का अवसर भारत के सामने सहज ही चलकर आ पहुंचा है, ऐसा बयान भी विश्लेषक कर रहे हैं।

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