भारत-फ्रान्स-यूएई ने अरब सागर में किया युद्ध अभ्यास

नई दिल्ली – भारत, फ्रान्स और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने ‘डेझर्ट नाईट’ नाम से युद्ध अभ्यास शुरू किया है। रेड सी के क्षेत्र में हौथी विद्रोही व्यापारिक यातायात को लक्ष्य कर रहे हैं और इसी बीच अरब सागर में शुरू किए गए इस युद्ध अभ्यास को बड़ी सामरिक अहमियत प्राप्त हुई है। भारत, फ्रान्स और यूएई इन तीनों देशों के हितसंबंध अरब सागर से जुड़े हैं। इसी वजह से इस संयुक्त युद्ध अभ्यास के ज़रिये यह देश बड़ा संदेश देते दिख रहे हैं।

हौथी विद्रोहियों ने रेड सी के क्षेत्र में व्यापरिक यातायात को लक्ष्य किया है और इसके बड़े घातक परिणाम अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर हुआ है। अमरिका और ब्रिटेन इन देशों ने येमन के हौथी विद्रोहियों के ठिकानों पर हमले करना शुरू किया है। भारत-फ्रान्स-यूएई ने अरब सागर में किया युद्ध अभ्यासलगातार हो रहे इनके हमलों का भी असर रेड सी की स्थिति में नहीं हो सका है। ऐसे में रेड सी के क्षेत्र से हो रही समुद्री यातायात असुरक्षित हुई है। इसके परिणाम भारत को भी भुगतने पड़ेंगे, ऐसी चिंता जताई जा रही है। इस कारण से भारत ने अरब सागर में अपने बारह युद्धपोत तैनात किए हैं। इसके साथ ही संयुक्त युद्ध अभ्यास के ज़रिये भारत की वायु सेना भी इस क्षेत्र में सक्रिय हुई दिख रही है।

फ्रान्स और यूएई के साथ हो रहे इस युद्ध अभ्यास में भारतीय वायु सेना के ‘सुखोई-३०एमकेआई’, ‘मिग-२९’ और एवेक्स राड़ार यंत्रणा से लैस जैग्वार विमान शामिल हुए है।

वहीं, फ्रान्स ने अपने रफायल विमान इस युद्धाभ्यास के लिए भेजे हैं और यूएई के ‘एफ-१६’ विमान इस युद्ध्राभ्यास का हिस्सा बने हैं। आवश्यकता होने पर हम इस क्षेत्र में संयुक्त सैन्य कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं, यह संदेश भारत, फ्रान्स और यूएई ने इस युद्ध अभ्यास के माध्यम से दिया है। इसी बीच, हमास और इस्रायल के युद्ध का भीषण परिणाम हिंद महासागर क्षेत्र की व्यापारिक यातायात पर हो रहा है, यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए काफी बड़ी चिंता का मुद्दा होने का बयान संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के राजनीतिक अधिकारी आर.रविंद्र यांनी किया है। भारत की ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक हितसंबंधों पर भी इस युद्ध का बुरा असर हो रहा है, यह कहकर यह स्थिति किसी के भी लाभ में नहीं होगी, ऐसा रविंद्र ने कहा है।

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