इस्रायल-हमास युद्ध और रेड सी में व्यापारिक यातायात की सुरक्षा के मुद्दे पर भारत और इस्रायल के प्रधानमंत्री की हुई चर्चा

नई दिल्ली – इस्रायल और हमास के बीच जारी घनघोर युद्ध के दौरान इस्रायन के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने भारत के प्रधानमंत्री से फोन पर बातचीत की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर इस चर्चा की जानकारी साझा की। इस्रायल-हमास युद्ध के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू से सार्थक चर्चा होने की बात प्रधानमंत्री मोदी ने कही है। साथ ही इस क्षेत्र में व्यापारिक यातायात की सुरक्षा को लेकर दोनों नेताओं ने चिंता जताने की जानकारी प्रधानमंत्री दफ्तर ने प्रदान की है। फिलहाल रेड सी से हो रही भारत की यातायात के लिए खतरा बना हैं और येमन के विद्रोहियों के हरकतों की वजह से यह क्षेत्र बड़ा असुरक्षित हुआ है। इस पृष्ठभूमि पर भारत और इस्रायल के प्रधानमंत्री की हुई चर्चा अहमियत रखती है।

इस्रायल-हमास युद्ध और रेड सी में व्यापारिक यातायात की सुरक्षा के मुद्दे पर भारत और इस्रायल के प्रधआनमंत्री की हुई चर्चारेड सी के क्षेत्र में येमनी विद्रोहियों की शुरू कार्रवाई की वजह से भारत की व्यापारिक यातायात को खतरा बना हैं और इस व्यापारिक मार्ग की निर्भरता कम करें एवं अन्य मार्ग का विकल्प अपनाएं, यह सुझाव ‘ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव्ह’ (जीटीआरआई) नामक अभ्यास गुट ने दिया है। रेड सी के बाब-अल-मन्देब से हो रही ईंधन एवं अन्य सामान की यातायात पर भारत काफी हद तक निर्भर हैं। येमन के हौथी विद्रोहियों ने हमास के पक्ष में और इस्रायल के विरोध में वर्णित क्षेत्र में कार्रवाई शुरू की है। यह विद्रोही व्यापारिक यातायात को लक्ष्य कर रहे हैं और जहाजों का अपहरण एवं जहाजों पर हमले करने की पहल कर रहे हैं। इस वजह से सामान की यातायात कर रही कंपनियों ने अन्य समुद्री मार्ग का विकल्प अपनाने की तैयारी की है। ऐसे में ‘जीटीआरआई’ ने भारत को दी हुई सलाह अहमियत रखती है।

भारत के सामने ईरान के चाबहार बंदरगाह का विकल्प हैं और भारत इसे अपना सकता हैं। लेकिन, आगे के दिनों में रेड सी के बाब-अल-मान्देब पर निर्भर रहना भारत के हित में नहीं होगा, ऐसा जीटीआरआई का कहना हैं। इन गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर इस्रायल के प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन किया। इस्रायल-हमास युद्ध और रेड सी में व्यापारिक यातायात की सुरक्षा के मुद्दे पर भारत और इस्रायल के प्रधआनमंत्री की हुई चर्चागाजा की समस्या का हल राजनीतिक बातचीत से निकालकर शांति स्थापित करने के मुद्दे पर दोनों नेताओं की बातचीत होने की बात कही जा रही है। इसमें अगवा किए गए इस्रायली नागरिकों की रिहाई के मुद्दे का भी समावेश था। साथ ही अल-मन्देब से हो रही सामान की यातायात की सुरक्षा को लेकर दोनों नेताओं की अहम चर्चा हुई। यहां की व्यापारिक यातायात असुरक्षित हुई तो वैश्विक व्यापार और अर्थकारण को नुकसान पहुंचेगा, यह दोनों नेताओं ने स्वीकार किया। साथ ही यहां की व्यापारिक यातायात की सुरक्षा और स्वतंत्रता के मुद्दे पर भी प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू की चर्चा हुई।

विश्व के व्यापारिक यातायात की सुरक्षा सबसे अहम मुद्दा हैं, ऐसा प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान कहा। इसी बीच, रेड सी के क्षेत्र में भारत के साथ अन्य देशों की व्यापारिक यातायात भी खतरे के साए में हैं और ऐसे में येमन के विद्रोहियों को ठिकाने लगाना आवश्यक हुआ है। लेकिन, यहां की व्यापारिक यातायात रोकने की क्षमते येमनी विद्रोही नहीं रखते, इसके लिए उन्हें अन्य देशों की सहायता प्राप्त होने के दावे किए जा रहे हैं। इससे पहले येमन के विद्रोहियों को ईरान से सहायता प्राप्त होने का आरोप खाड़ी क्षेत्र के सौदी और यूएई इन देशों ने किया था। लेकिन, किसी समय येमनी विद्रोहियों के विरोध में युद्ध करने वाले सौदी अरब पर प्रतिबंध लगाने वाले अमेरिका के बायडेन प्रशासन ने मौजूदा समय में येमनी विद्रोहियों को लेकर अपनी भूमिका में बदलाव करने की बात सामने आ रही है। येमन के विद्रोहियों के साथ किया युद्ध विराम सौदी अरब खत्म करें, ऐसी मांग अमेरिका कर रही हैं। साथ ही इस क्षेत्र की व्यापारिक यातायात की सुरक्षा के लिए अमेरिका मित्र देशों के नए गुट का गठन करती दिख रही हैं।

इन सभी गतिविधियों के बीच में भारत और इस्रायल के प्रधानमंत्री ने चर्चा करना ध्यान आकर्षित कर रहा हैं।

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