भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों को मृत्यूदंड़ सुनाने वाले कतर के विरोध में देश में क्रोध की भावना

नई दिल्ली – कतर ने भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों पर जासूसी करने के आरोप लगाकर मृत्यूदंड़ की सजा सुनाने की खबर गुरुवार को प्रसिद्ध हुई थी। इसपर भारतीय विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया देते हुए यह एक चौकाने वाली घटना होने का बयान किया है। साथ ही कतर की अदालत ने सुनाई इस सजा की जानकारी प्राप्त की जा रही हैं और भारत का विदेश मंत्रालय इसके विरोध में कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा हैं। लेकिन, इस मांमले की संवेदना के मद्देनज़र फिलहाल इसपर अधिक बात करना मुमकिन नहीं हैं, ऐसा विदेश मंत्रालय कह रहा हैं। लेकिन, यह खबर सामने आने के बाद भारत में कतर के विरोध में बड़ा क्रोध व्यक्त किया जा रहा हैं।

भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों को मृत्यूदंड़ सुनाने वाले कतर के विरोध में देश में क्रोध की भावनाकुछ भी हो पर कतर भारत के अधिकारियों को यह सजा नहीं सुनाएगा, ऐसा विश्वास कुछ पूर्व राजनीतिक अधिकारियों ने व्यक्त किया है। खाड़ी देश और अमेरिका के सहयोग से अपने इन पूर्व अधिकारियों को छुड़ाने में भारत कामयाब होगा, ऐसा इन पूर्व राजनीतिक अधिकारियों का कहना हैं। हमास के आतंकवादी हमले के बाद भारत ने इस्रायल के पक्ष भूमिका अपनाई थी। इसी वजह से कतर ने भारत के पूर्व अधिकारियों को यह सजा सुनाई। लेकिन, इसका कार्यान्वयन किया तो भारत जैसे देश की तीखी प्रतिक्रिया सामने आ सकती हैं और वह अपने हित में नहीं होगा, इसका अहसास कतर को हैं, ऐसा बयान यह राजनीतिक अधिकार बड़े आत्मविश्वास से कह रहे हैं।

भारतीय नौसेना के इन पूर्व अधिकारियों पर लगाए आरोप कतर ने सार्वजनिक नहीं किए हैं। सीर्फ इन अधिकारियों ने इस्रायल के लिए जासूसी करने का आरोप लगाकर यह सजा सुनाई गई हैं। इसके सबूत कतर ने अभी साझा नहीं किए हैं। यह अधिकारी जिस कंपनी के लिए काम कर रहे थे वह कंपनी ओमान के नागरिक की हैं। उसकी जांच किए बिना ही कतर ने उसे रिहा किया था। इस वजह से कतर की इस कार्रवाई के पीछे भारत पर दबाव बनाने का उद्देश्य होने की जानकारी सामने आ रही हैं।

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