भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच मुक्त व्यापारी समझौता होगा

नई दिल्ली – भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मुक्त व्यापारी समझौता करने की चर्चा जल्द ही सफल होगी, यह विश्‍वास ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी अबोट ने व्यक्त किया| इस वजह से दोनों देशों का आर्थिक सहयोग काफी विकसित होगा, ऐसा अबोट ने कहा| चीन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ व्यापार युद्ध शुरू किया है| ऐसी स्थिति में ऑस्ट्रेलिया चीन के लिए अधिक विश्‍वस्त व्यापारी भागीदार देश के विकल्प के रूप में भारत को देखता है| व्यापारी समझौते की चर्चा के लिए भारत आए ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री अबोट ने आरोप लगाया है कि, चीन व्यापार का सैनिकीकरण कर रहा है|

भारत-ऑस्ट्रेलियाचीन ने ताइवान पर हमला करने की तैयारी की है और इसका विरोध करने वाले देशों के खिलाफ चीन ने आक्रामक कदम उठाए हैं| इतना ही नहीं बल्कि, राजनीतिक और सामरिक उद्देश्य से चीन के निवेश और प्रकल्पों का विरोध करने वाले देशों के खिलाफ चीन ने सख्त कार्रवाई करना शुरू किया है| इससे ऑस्ट्रेलिया को नुकसान पहुँचा है| ऑस्ट्रेलिया ने चीन का निवेश और प्रकल्पों से होनेवाले खतरे को पहचानकर इसके खिलाफ कुछ सख्त निर्णय भी किए थे| खास तौर पर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की गतिविधियॉं घातक होने का बयान करके ऑस्ट्रेलिया ने इसके खिलाफ अमरीका, जापान और भारत से सहयोग बढ़ाया है| इस पर आगबबूला हुए चीन ने ऑस्ट्रेलिया पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए थे| चीन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आर्थिक जंग ही छेड़ी है, यह आरोप अमरीका ने कुछ दिन पहले लगाया था|

इस पृष्ठभूमि पर ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने भारत के साथ व्यापारी सहयोग व्यापक करने का रणनीतिक निर्णय किया| इससे पहले दोनों देश ‘कॉम्प्रिहेन्सिव इकॉनॉमिक को-ऑपरेशन एग्रिमेंट’ (सीईसीए) पर बातचीत कर रहे थे| इसके लिए ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के विशेष व्यापारी दूत के तौर पर पूर्व प्रधानमंत्री टोनी अबोट भारत आए हैं| उन्होंने भारत के व्यापारमंत्री पियूष गोयल से चर्चा की| इस पर अबोट ने संतोष जताया है और जल्द ही दोनों देश यह व्यापारी समझौता करेंगे, यह विश्‍वास भी व्यक्त किया| पूर्व प्रधानमंत्री अबोट ने इससे पहले भी यह बयान किया था कि, भारत ही चीन के लिए अधिक भरोसेमंद व्यापारी विकल्प साबित होगा|

इस बार भी टोनी अबोट ने चीन की व्यापार नीति पर कड़ी आलोचना की| चीन व्यापार का सैनिकिकरण कर रहा है, यह आरोप अबोट ने लगाया| इससे ऑस्ट्रेलिया का लगभग २० अरब डॉलर्स का व्यापार ड़ामाड़ोल होने का बयान करके अबोट ने कहा, इसके आगे चीन को ऑस्ट्रेलिया भरोसेमंद व्यापारी भागीदार नहीं मान सकता| साथ ही अबोट ने चीन और भारत के बीच का फरक स्पष्ट किया|

भारत, एक लोकतांत्रिक देश है और भारत में कानून का राज है| भारत में सरकार की नीति और व्यापार दोनों अलग-अलग बातें मानी जाती हैं| साथ ही भारत समझौतों का सम्मान करता है, ऐसा कहकर अबोट ने चीन विश्‍वासनीय नहीं रहा, इस पर ध्यान आकर्षित किया| इस वजह से ‘सप्लाई चेन’ के लिए भारत अधिक ज़िम्मेदार देश साबित होगा, यह कहकर अबोट ने पूरे विश्‍व को चीन के बजाए भारत ही बेहतर विकल्प है, इसका अहसास कराया|

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