मुक्त व्यापारी समझौते की बातचीत भारत-ऑस्ट्रेलिया गतिमान करेंगे

नई दिल्ली – भारत और ऑस्ट्रेलिया के मुक्त व्यापारी समझौते पर दोनों देशों के व्यापारमंत्रियों में चर्चा हुई। इस समझौते पर दोनों देशों में हो रही बातचीत की गति बढ़ाने पर व्यापारमंत्री पियूष गोयल और ऑस्ट्रेलिया के व्यापारमंत्री डैन टेहान की सहमति हुई। चीन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरू किए व्यापार युद्ध की पृष्ठभूमि पर ऑस्ट्रेलिया के भारत साथ इस व्यापारी सहयोग को काफी बड़ी रणनीतिक अहमियत प्राप्त हुई है।

मुक्त व्यापारीपियूष गोयल और डैन टेहान के बीच हुई वर्चुअल बैठक में भारत और ऑस्ट्रेलिया के ‘कॉम्प्रिहेन्सिव इकॉनॉमिक को-ऑपरेशन एग्रीमेंट’ (सीईसीए) समझौते पर बातचीत हुई। दोनों देश इस पर बातचीत कर रहे हैं। दोनों देश और दोनों देशों की जनता के लिए लाभदायक साबित होंगे, ऐसे ‘सीईसीए’ से हमें काफी उम्मीदें हैं। अगले वर्ष के अन्त तक यह बातचीत पूरी होगी तत्पश्चात यह समझौता किया जाएगा, यह विश्‍वास दोनों देशों के व्यापारमंत्रियों ने व्यक्त किया।

इसी बीच, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री कुछ हफ्ते पहले भारत यात्रा पर आए थे। ऑस्ट्रेलिया के वर्तमान प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के विशेषदूत के तौर पर एबट ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ‘सीईसीए’ की बातचीत के दौरान एबट ने ऑस्ट्रेलियन शिष्टमंड़ल का नेतृत्व किया था। अपनी इस भारत यात्रा के दौरान एबट ने भारत चीन से अधिक विश्वस्त व्यापारी भागीदार देश होने का दावा किया था।

भारत की अर्थव्यवस्था छलांग लगाने की तैयारी में है। इसके साथ ही चीन पर भरोसा करना कठिन है, इन शब्दों में एबट ने भारत और चीन में फरक बयान किया था। अगस्त में एबट ने उपस्थिति किए हुए हर सवाल का जवाब भारत ही होने का बयान करके ध्यान आकर्षित किया था। इस वजह से चीन ने आर्थिक युद्ध शुरू करने के बाद ऑस्ट्रेलिया भारत से काफी बड़ी उम्मीद करता है, यह स्पष्ट दिखाई देने लगा था।

वर्ष २०२०-२१ के वित्तीय वर्ष में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को तकरीबन चार अरब डॉलर्स का निर्यात किया था। इसके अलावा इसी दौर में ऑस्ट्रेलिया से ८.२४ अरब डॉलर्स का आयात किया था। ‘सीईसीए’ समझौते के बाद दोनों देशों का व्यापार काफी हद तक बढ़ सकता है। इसके लिए ऑस्ट्रेलिया पहल कर रहा है और इसी बीच चीन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अधिक आक्रामक भूमिका अपनाई थी। चीन ऑस्ट्रेलिया को सबक सिखाने की धमकियाँ दे रहा है। लेकिन, ऑस्ट्रेलिया ने अमरीका, ब्रिटेन, जापान और अब इस्रायल जैसे देशों के साथ सहयोग बढ़ाकर चीन को प्रत्युत्तर देने की तैयारी की है।

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