चीन की गतिविधियों पर भारतीय नौसेना पैनी नज़र बनाए है – नव नियुक्त नौसेनाप्रमुख एडमिरल आर.हरी कुमार का इशारा

नई दिल्ली – ‘चीन ने बीते दस वर्षों के दौरान अपनी नौसेना के लिए १३८ युद्धपोतों का निर्माण किया है| सन २००८ से ही चीन की नौसेना की हिंद महासागर के क्षेत्र में मौजूदगी बढ़ी है| भारत अपने क्षेत्र की गतिविधियों पर कड़ी नज़र रख रहा है| भारतीय नौसेना किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह से सक्षम है’, इन शब्दों में भारत के नवनियुक्त नौसेनाप्रमुख एडमिरल आर.हरी कुमार ने देश को आश्‍वस्त किया| भारत की नौसेना संतुलित है और देश के समुद्री क्षेत्र में मौजूद हितों की रक्षा करने का सामर्थ्य रखती है, यह गवाही नौसेनाप्रमुख ने दी|

Hari-Kumar-Chinaनौसेना दिवस की पूर्वसंध्या के अवसर पर आयोजित वार्ता परिषद में एडमिरल आर.हरी कुमार बोल रहे था| इस दौरान चीन की हिंद महासागर क्षेत्र में जारी गतिविधियों का दाखिला देकर इस पर भारतीय नौसेना की पैनी नज़र होने की बात उन्होंने कही| साथ ही चीन से खतरा रेखांकित करते समय नौसेनाप्रमुख ने यह स्पष्ट किया कि, भारतीय नौसेना चीन की नौसेना को मुँहतोड़ प्रत्युत्तर देने का सामर्थ्य भी रखती है|

‘आपकी फौज कितनी बड़ी संख्या में हैं इसकी ज्यादा अहमियत नहीं होती बल्कि, आपकी फौज कितनी कुशल है, आप हथियारों का इस्तेमाल कैसे करते हैं, आपकी रणनीति, मुहिम को अंजाम देने के प्लैन जैसे कई मुद्दों पर काफी कुछ निर्भर होता है| भारतीय नौसेना की काफी संतुलित ताकत है| साथ ही भारतीय नौसेना अपने देश के समुद्री क्षेत्र में आपने हितों की सुरक्षा करने का पूरा आत्मविश्‍वास रखती हैं| इन मुद्दों पर हम आपको आश्‍वस्त करते हैं’, ऐसा नौसेनाप्रमुख ने इस वार्ता परिषद में कहा|

नौसेना के लिए तकरीबन ७२ प्रकल्प चलाए जा रहे हैं और इसके लिए १ लाख ९७  हज़ार ३५९ करोड़ रुपयों का प्रावधान किया गया है| इनमें से ५९ प्रकल्प स्वदेशी होने की जानकारी भी नौसेनाप्रमुख ने साझा की| भारतीय नौसेना के लिए निर्माण हो रहे ३९ युद्धपोत और पनडुब्बियों में से ३७ का निर्माण ‘मेक इन इंडिया’ के तहत हो रहा है| इसके लिए भारत ने दस वर्षों का प्लैन बनाया है और स्वदेशी मानवरहित हवाई, समुद्री और स्वयंचलित यंत्रणा नौसेना के लिए विकसित की जा रही है, यह जानकारी भी नौसेनाप्रमुख ने इस दौरान प्रदान की|

साथ ही तीनों रक्षाबलों का ‘थिएटराइजेशन प्लैन’ अगले वर्ष के मध्य तक सच्चाई में उतर सकता है, यह जानकारी नौसेनाप्रमुख ने प्रदान की| साथ ही इस महत्वाकांक्षी सुधार का नौसेनाप्रमुख ने स्वागत भी किया| इन सुधारों का नौसेना बड़े मन से स्वागत कर रही है, ऐसा एडमिरल आर.हरी कुमार ने कहा| इसी बीच बीते वर्ष लद्दाख के एलएसी पर स्थित गलवान घाटी में भारत और चीन की सेनाओं का संघर्ष और कोरोना से उभरे संकट की वजह से स्थिति काफी जटिल बनने की ओर नौसेनाप्रमुख ने ध्यान आकर्षित किया|

ऐसी स्थिति में भी भारतीय नौसेना इन दोनों चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए तैयार होने का दावा नौसेनाप्रमुख ने किया| नौसेना की तैयारी को देखकर कोई भी भारतीय समुद्री क्षेत्र में साहस करने की हिम्मत नहीं कर सकता, यह विश्‍वास नौसेनाप्रमुख ने व्यक्त किया|

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