भारत-ऑस्ट्रेलिया ‘टू प्लस टू’ चर्चा सफल हुई – विदेशमंत्री एस.जयशंकर

नई दिल्ली – भारत-ऑस्ट्रेलिया के विदेशमंत्री और रक्षामंत्रियों की ‘टू प्लस टू’ चर्चा हुई। भारत के विदेशमंत्री एस.जयशंकर और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ऑस्ट्रेलिया के विदेशमंत्री मरिस पेन और रक्षामंत्री पीटर डटर की इस चर्चा में रणनीतिक सहयोग पर विशेष जोर दिया गया। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच जल्द ही मुक्त व्यापार समझौता होने की उम्मीद है। चीन ने ऑस्ट्रेलिया के साथ व्यापार युद्ध शुरू किया है और तभी ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत का यह सहयोग स्थापित होना ध्यान आकर्षित करता है।

‘टू प्लस टू’ चर्चाकोरोना की महामारी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जारी तेज़ गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर भारत-ऑस्ट्रेलिया की यह चर्चा हो रही है। ऐसे समय में भारत-ऑस्ट्रेलिया एवं अन्य समविचारी देशों ने अपने हितों की रक्षा के लिए सहयोग को अधिक मज़बूती प्रदान करने की आवश्‍यकता है। खास तौर पर शांत, स्थिर और समृद्ध इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की गारंटी इस सहयोग के ज़रिये देना संभव होगा, यह विश्‍वास उन्होंने इस चर्चा के आरंभ में व्यक्त किया। भारत अपने करीबी देशों के साथ इस तरह से ‘टू प्लस टू’ चर्चा कर रहा है और इसमें ऑस्ट्रेलिया का समावेश होना अहमियत रखता है, ऐसा कहकर जयशंकर ने इन द्विपक्षिय संबंधों की अहमियत रेखांकित की।

दोनों देशों की यह प्रत्यक्ष चर्चा काफी सफल साबित हुई, ऐसा कहकर विदेशमंत्री जयशंकर ने संतोष व्यक्त किया। साथ ही अफ़गानिस्तान में जारी गतिविधियाँ भी इस चर्चा के अहम विषयों में से एक था, इस ओर भी विदेशमंत्री ने ध्यान आकर्षित किया। अफ़गानिस्तान में सर्वसमावेशक सरकार गठित होगी, भारत और ऑस्ट्रेलिया यह उम्मीद करते हैं, यह बयान भी विदेशमंत्री ने किया। इसके साथ ही क्वाड के सहयोग का भी जयशंकर और ऑस्ट्रेलिया के विदेशमंत्री मरिस पेन ने जोरदार समर्थन किया। क्वाड का सहयोग काफी तेजी से और प्रभावी रूप से विकसित हो रहा है और इसके लिए भारत ने बनाई बढ़त स्वागतार्ह है, ऐसा विदेशमंत्री पेन ने कहा।

सुरक्षा और विकास के लिए भारत और ऑस्ट्रेलिया का विकसित होता सहयोग इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए उपकारक साबित होगा। यह सहयोग जल्द ही नई उंचाई प्राप्त करेगा, यह विश्‍वास रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने व्यक्त किया। इस क्षेत्र की स्थिरता और शांति में भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया के भी हित जुड़े हैं, ऐसा कहकर रक्षामंत्री ने दोनों देशों का सहयोग नैसर्गिक होने की बात स्पष्ट की। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और ऑस्ट्रेलिया के रक्षामंत्री पीटर डटन की चर्चा में अफ़गानिस्तान में तालिबान की हरकतें, आतंकवाद और महिलाओं एवं अल्पसंख्यांकों के अधिकारों का मुद्दा शामिल था।

इसी बीच, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की एकाधिकारशाही के खिलाफ भारत और ऑस्ट्रेलिया पुख्ता भूमिका अपना रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया को सबक सिखाने के लिए चीन ने इस देश पर आर्थिक प्रतिबंध लगाकर व्यापारयुद्ध शुरू किया है। भारत के साथ व्यापारी सहयोग बढ़ाकर ऑस्ट्रेलिया अब चीन को प्रत्युत्तर दे रहा है। जल्द ही भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मुक्त व्यापारी समझौता किया जाएगा, यह दावे भी हो रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर दोनों देशों की ‘टू प्लस टू’ चर्चा की अहमियत और भी बढ़ी है।

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