भारत-ऑस्ट्रेलिया ने किया ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौता

नई दिल्ली – भारत और ऑस्ट्रेलिया की दस साल चली चर्चा के बाद मुक्त व्यापार समझौता हुआ है| वर्चुअल बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन की मौजूदगी में भारत-ऑस्ट्रेलिया ने ‘इकॉनॉमिक को-ऑपरेशन ऍण्ड ट्रेड ऐग्रीमेंट’ (इंडस एक्टा) पर हस्ताक्षर किए गए| भारत और ऑस्ट्रेलिया का यह समझौता दोनों देशों के लिए अवसर के नए दरवाज़े खोलनेवाला ‘ऐतिहासिक’ समझौता है| दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों के लिए यह निर्णायक क्षण होने की बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान रेखांकित की|

पिछले महीने भारत-यूएई ने मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए थे| इसके बाद अब भारत और ऑस्ट्रेलिया ने भी मुक्त व्यापार समझौता किया है| इससे भारत का व्यापार अधिक बढ़ेगा| भारत और ऑस्ट्रेलिया का व्यापार अगले पांच वर्षों में ५० अरब डॉलर्स तक पहुँचेगा, यह दावा भी किया जा रहा है| साथ ही इससे रोजगार के १० लाख अवसर निर्माण होंगे, ऐसा वाणिज्यमंत्री पियुष गोयल ने कहा है| शनिवार को किया गया यह समझौता प्रमुख समझौता करने से पहले किया गया अंतरिम समझौता है| अंतिम पूरा ‘कॉम्प्रिहेन्सिव समझौता’ इस वर्ष के अन्त तक होगा, ऐसे दावे किए जा रहे हैं| ‘इंडस एक्टा’ नामक इस अंतरिम समझौते की वजह से ऑस्ट्रेलिया में भारतीय व्यापारियों के लिए छह हज़ार क्षेत्र निर्यात के लिए खुले किए गए हैं| इनमें कपड़ा, चमड़ा, फर्निचर, ज्वेलरी और मशिनरी जैसे क्षेत्रों का समावेश है| इन क्षेत्रों को ऑस्ट्रेलियन बाज़ार में कर-मुक्त प्रवेश मिलेगा|

भारत-ऑस्ट्रेलिया ने किया ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौतासाथ ही ऑस्ट्रेलिया को भारतीय बाज़ार में ११,५०० वस्तुओं के लिए कर मुक्त प्रवेश मिलेगा| ऑस्ट्रेलिया भारत में प्रमुखता से कच्चे सामान की निर्यात करता है| इनमें कोयला, स्टील, एल्युमिनियम और अन्य खनिजों का समावेश है| पिछले दस सालों से भारत और ऑस्ट्रेलिया मुक्त व्यापार के समझौते पर चर्चा कर रहे थे| आखिर में यह समझौता हुआ है|

खास तौर पर विश्‍व की मौजूदा स्थिति में पिछले डेढ़ साल में यह समझौता करने के लिए गति प्रदान की गई| ऑस्ट्रेलिया और चीन के द्विपक्षीय संबंधों में तनाव निर्मान हुआ है| चीन ने ऑस्ट्रेलिया से कोयला आयात करना बंद किया है| साथ ही कोरोना की वजह से दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचा है और बिगड़ी हुई सप्लाई चेन सामान्य करने के लिए दोनों देशों का व्यापार बढ़ने में सहायता होगी, यह स्पष्ट होने पर जल्द से जल्द इस समझौते के लिए कदम उठाए गए|

ऑस्ट्रेलिया ने पिछले वर्ष के अन्त में अपने विशेष व्यापारी दूत के तौर पर चर्चा करने के लिए अपने पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबट को भारत भेजा था| इस दौरान एबट ने भारत को चीन से अधिक विश्‍वासार्ह व्यापारी भागीदार देश बताया था| इससे भारत और ऑस्ट्रेलिया के समझौते की अहमियत रेखांकित होती है|

भारत के बाज़ार के मद्देनज़र कई देश भारत से समझौता करने के लिए उत्सुक हैं| तथा भविष्य में किसी एक देश पर सप्लाई चेन निर्भर रहना मुश्किल होगा, यही कोरोना के संकट ने दिखाया है| इसकी वजह से सभी बड़े देश अपने नए व्यापारी भागीदार तलाश रहे हैं और भारतीय बाज़ार इन देशों को आकर्षित कर रहा है| फिलहाल भारत की ब्रिटेन के साथ दूसरे चरण की व्यापारी समझौते से संबंधित चर्चा पूरी हुई है| यूरोपियन युनियन के साथ चर्चा प्रगति पथ पर है| साथ ही यूएई के बाद अन्य खाड़ी देश भी भारत से मुक्त व्यापार समझौता करने के लिए उत्सुक हैं|

शनिवार को भारत-ऑस्ट्रेलिया ने ‘इंडस एक्टा’ समझौता करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबट के प्रति आभार व्यक्त किया| साथ ही यह समझौता जल्द से जल्द पूरा करने के निदेश हमने दिए थे, ऐसा प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान कहा|

इस दौरान ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मॉरिसन ने भी कुछ सालों में दोनों देशों के बढ़ते सहयोग का दाखिला देकर प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व के प्रति आभार जताया| भारत और ऑस्ट्रेलिया के मज़बूत हो रहे संबंधों में यह और एक अहम चरण होने का ज़िक्र मॉरिसन ने इस दौरान किया|

दो तेज़ी से बढ़ती हुई क्षेत्रीय अर्थव्यवस्थाएं और समविचारी लोकतांत्रिक देश मिलकर काम करने से अधिक बड़े अवसरों के दरवाज़े खुल गए हैं| इससे सप्लाई चेन की सुरक्षा और लचिलापन तय होगा, ऐसा स्पष्ट संदेश यह समझौता दे रहा है, ऐसा ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा|

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