युआन समेत अन्य विदेशी मुद्राओं की खरीद करने के लिए रशिया की जोरदार तैयारी – ‘ब्लूमबर्ग’ वेबसाईट का दावा

वॉशिंग्टन/मास्को – पश्चिमी देशों ने लगाए प्रतिबंधों को चुनौती देने के लिए रशिया नए-नए विकल्प परख रही है। इसी के एक हिस्से के तौर पर रशिया ने बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा खरीदने की तैयारी शुरू की है। रशिया पर प्रतिबंध लगाने से दूर रहे देशों की मुद्रा खरीदने की यह योजना है और इसमें चीन के युआन समेत अन्य देशों की मुद्राओं का समावेश होगा, यह दावा अमरिकी शीर्ष वेबसाईट ‘ब्लूमबर्ग’ ने किया है। इस खबर के बाद चीन के युआन समेत तुर्की के लिरा और भारतीय रुपये के मूल्यों की कुछ समय के लिए वृद्धी होने का वृत्त सामने आया है।

युआनअमरीका ने लगाए प्रतिबंधों की पृष्ठभूमि पर रशिया ने पिछले दशक से अमरिकी डॉलर का इस्तेमाल कम करने की नीति अपनाई थी। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने इसके लिए पहल की थी। यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पश्चिमी देशों ने रशिया के विदेशी मुद्रा भंड़ार कुर्क करने की कार्रवाई की थी। इसके बाद रशिया ने अमरिकी डॉलर का इस्तेमाल कम करने के साथ ही विकल्प में अन्य आरक्षित मुद्राएं और पेमेंट सिस्टम की योजना गतिमान की थी।

दो महीने पहले हुई ब्रिक्स देशों की बैठक में रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने यह गुट आरक्षित अंतरराष्ट्रीय मुद्रा एवं इसके पेमेंट के अन्य विकल्प पर काम कर रहा है, यह बात सार्वजनिक की थी। इसके बाद पिछले दो महीनों में रशियन यंत्रणाओं ने भारत, ईरान, तुर्की जैसे देशों के साथ स्थानीय मुद्राओं का इस्तेमाल एवं व्यापारी कारोबार से संबंधित समझौते करने के संकेत दिए थे। पिछले महीने में हुई ‘युरेशियन इकॉनॉमिक युनियन’ की बैठक में एक-दूसरे का व्यापारी कारोबार राष्ट्रीय चलनों के माध्यम से करने का ऐलान किया गया था।

युआनइस पृष्ठभूमि के मद्देनज़र रशिया के विदेशी मुद्रा खरीदने के संकेत ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। ‘ब्लूमबर्ग’ ने साझा किए वृत्त के अनुसार रशिया लगभग ७० अरब डॉलर्स मूल्य की विदेशी मुद्रा खरीद रही है। इसमें चीन के युआन की प्राथमिकता रहेगी, यह भी स्पष्ट हुआ है। लेकिन, अन्य मुद्राएं कौनसी होंगी, यह अभी तय नहीं हुआ है। इसके लिए रशिया पर प्रतिबंध लगाने से दूर रहे और मित्रता के संबंध रखनेवाले देशों का निकष रखा गया है। इस पर गौर करें तो इसमें ‘ब्रिक्स’ गुट के देशों के साथ ईरान और तुर्की का भी समावेश होने की संभावना जतायी जा रही है। लेकिन, इसकी पुख्ता पुष्टि नहीं हुई है।

विदेशी मुद्रा खरीदने के पीछे मज़बूत हुआ रुबल अमरिकी डॉलर की तुलना में कमज़ोर करने की मंशा होने की बात भी कही जा रही है। मौजूदा समय में प्रति डॉलर ६० रुबल दर से कारोबार हो रहा है। विदेशी मुद्रा खरीदने के बाद रुबल ७५ से ८० तक पहुँचेगा, यह अनुमान जताया गया है। रशिया की सेंट्रल बैंक और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने विदेशी मुद्रा खरीदने की योजना को मंजूरी प्रदान करने की बात कही जा रही है। लेकिन, अन्य मुद्दे अभी स्पष्ट होने हैं और इसके बाद ही इस योजना का कार्यान्वयन शुरू होगा, ऐसा ‘ब्लूमबर्ग’ ने कहा है।

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