बायडेन प्रशासन जानबूझकर रशिया के साथ युद्ध छिड़ रहा है – पूर्व अमरिकी सांसद का आरोप

वॉशिंग्टन – यूक्रैन का मुद्दा आगे करके अमरीका को ही रशिया से युद्ध करना है, ऐसे आरोप रशिया लगा रहा है और इसी बीच अमरीका की पूर्व सांसद तुलसी गबार्ड ने इसकी पुष्टि की है। ‘फॉक्स’ नामक अमरिकी समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार के दौरान गबार्ड ने, बायडेन प्रशासन को रशिया से युद्ध शुरू करके रशियन जनता को कड़े कानूनों में कैद करना हैं, यह आरोप गबार्ड ने लगाया।

‘जैसें ही रशिया के साथ नया संघर्ष शुरू होता है, वैसे ही इसका काफी बड़ा लाभ अमरीका में स्थित सबसे अधिक प्रभावी हथियारों के कारोबार को होगा। इसी में हितसंबंध रखनेवाले लोग बायडेन प्रशासन पर नियंत्रण बनाए हैं। वॉशिंग्टन के जंगबाज़ लोग जानबूझकर इसके लिए कोशिश कर रहे हैं और माहौल गरमा रहे हैं’, ऐसी आलोचना गबार्ड ने की।

रशिया ने यूक्रैन पर हमला किया तो अमरीका और रशिया के बीच नए शीतयुद्ध की शुरूआत होगी, यह इशारा भी गबार्ड ने दिया है। यूक्रैन किसी भी स्थिति में नाटो का सदस्य बनना मुमकिन ही नहीं हैं। यह ज्ञात होने के बावजूद अमरीका और पश्‍चिमी देश यह बात सार्वजनिक करने के लिए तैयार नहीं हैं, यह दावा अमरीका की पूर्व सांसद ने किया है।

इसी बीच, अमरीका ने यूक्रैन के मसले पर अपनाई तीव्र रशिया विरोधी भूमिका को यूरोपिय देशों का विरोध होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। फ्रान्स और कुछ मात्रा में जर्मनी ने भी वैसें ही संकेत दिए थे। ईंधन के लिए रशिया पर निर्भर यूरोपिय देशों को, आज की स्थिति में यूक्रैन के मुद्दे पर अमरीका का साथ देकर रशिया के खिलाफ जाना खतरनाक साबित होगा, इसका पूरा अहसास हैं। इस वजह से यूक्रैन के मसले पर नाटो के सभी यूरोपियन सदस्य देशों का बायडेन प्रशासन को पूरा समर्थन प्राप्त होने की संभावना भी नहीं हैं।

सिर्फ नाटो के सहयोगी देश ही नहीं, बल्कि बायडेन प्रशासन ने यूक्रैन के मसले पर अपनाई नीति का अमरीका में ही तीव्र विरोध हो रहा हैं। मेक्सिको से शरणार्थियों के झुंड़ अमरीका में घुसपैठ कर रहे हैं और ऐसी स्थिति मे बायडेन प्रशासन ने गलत सीमा पर सैन्य तैनात किया है, ऐसा आरोप पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने लगाया था। अमरिकी सेना यूक्रैन में तैनात करने के बजाय यह तैनाती मेक्सिको की सीमा पर करने की ज़रूरत होने पर ट्रम्प ने ध्यान आकर्षित किया था। इसके अलावा पूर्व सेना अधिकारी ने यह इशारा भी दिया था कि, बायडेन प्रशासन रशिया नहीं बल्कि अमरीका के लिए सबसे अधिक खतरा बन रहें चीन पर ध्यान दे।

अब पूर्व सांसद तुलसी गबार्ड ने, युद्ध शुरू करके हथियारों की बिक्री बढ़ानेवाली स्वार्थी कंपनियों द्वारा बायडेन प्रशासन को नियंत्रित किया जा रहा हैं, यह आरोप लगाकर इस प्रशासन की विश्‍वासार्हता पर ही सवाल खड़े किए हुए दिख रहे हैं।

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