अमरीका के फेडरल रिज़र्व्ह ने ब्याजदर आधा प्रतिशत बढ़ाया

Jerome-Powellवॉशिंग्टन – अमरीका के फेडरल रिज़र्व्ह ने बुधवार को ब्याजदर आधा प्रतिशत बढ़ाने का ऐलान किया। यह बढ़ोतरी पिछले दो दशकों की सबसे बड़ी बढ़ोतरी है। इस ऐलान के बाद अमरिकी डॉलर के मूल्य की गिरावट हुई और बांड़ के ब्याजदरों की बढ़ोतरी हुई है। अमरीका की प्रमुख बैंकों ने अपने दरों की बढ़ोतरी की है। अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में ब्याजदर की इस बढ़ोतरी पर संमिश्र प्रतिक्रिया दर्ज़ हुई है। शुरू के उछाल के बाद शेअर बाज़ार की गिरावट शुरू हुई, इसी बीच सोना और ईंधन की कीमतों का उछाल दर्ज़ हुआ।

फेडरल रिज़र्व्ह के प्रमुख जेरोम पॉवेल ने बुधवार को ब्याजदर बढ़ाने का ऐलान किया। अमरीका में महंगाई की मात्रा पिछले चार दशकों के चरम स्तर पर पहुँची हैं, यह कहकर, इसे काबू करने के लिए ब्याजदर की बढ़ोतरी करने का निर्णय किया जा रहा है, ऐसा पॉवेल ने कहा। अमरिकी जनता और उद्योगों को फिर से स्थिरता प्रदान करने के लिए फेडरल रिज़र्व्ह उपलब्ध सभी संसाधनों का इस्तेमाल करेगा, यह भी उन्होंने कहा।

Federal-reserve-interest-rateफेडरल रिज़र्व्ह ने की हुई यह ब्याजदरों की बढ़ोतरी साल २००० के बाद की सबसे बड़ी बढ़ोतरी है। पिछले तीन महीनों में यह दूसरी बढ़ोतरी हैं। इससे पहले मार्च महीने में ब्याजदरों में ०.२५ प्रतिशत बढ़ोतरी की गयी थी। उसी समय पॉवेल ने ब्याजदर ०.७५ प्रतिशत इतनी बड़ी मात्रा में बढ़ाने की संभावना ठुकरायी। लेकिन, आनेवाले कुछ महीनों में लगातार बढ़ोतरी की जाएगी, यह संकेत भी उन्होंने दिए।

फेडरल रिज़र्व्ह ने ब्याजदर बढ़ाने के बाद अमरीका समेत अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में संमिश्र गूंज सुनाई दी। अमरीका की मुद्रा डॉलर के मूल्य की ०.९ प्रतिशत गिरावट हुई। यह पिछले पांच सालों की सबसे बड़ी गिरावट साबित होती है। अमरीका के कोषागार विभाग के बांड़ के ब्याजदरों की भी बढ़ोतरी हुई है। फेडरल रिज़र्व्ह के ऐलान के बाद, अमरीका के प्रमुख बैंकों ने कर्ज़े के ब्याज दर बढ़ाए हैं। ‘जे पी मॉर्गन चेस’, ‘वेल्स फार्गो’ और ‘सिटी बैंक’ ने ब्याजदर बढ़ाकर ४ प्रतिशत किए हैं।

Federal-reserve-interest-rate-01इस ब्याजदर बढ़ोतरी की वजह से अमरिकी जनता को घर, वाहन एवं अन्य सामान खरीदने के लिए प्राप्त किए कर्ज़ पर अधिक ब्याज का भुगतान करना होगा। इसका असर अमरीका के गृह निर्माण क्षेत्र एवं ग्राहकों के ज़रूरी सामान के उत्पादन क्षेत्र पर होगा, ऐसा अनुमान जताया गया है। घरों के साथ अन्य सामान की माँग कम होने से जीडीपी की गिरावट होने का भी अनुमान है। यह स्थिति आगे आर्थिक मंदी मे तबदील हो सकती है, यह दावा विश्‍लेषक एवं आर्थिक विशेषज्ञों ने किया है। अमरीका में माँग कम होने से विश्‍व के कई देशों को नुकसान पहुँचेगा, यह संकेत भी दिए गए हैं।

फेडरल रिज़र्व्ह ने ब्याजदर बढ़ाने का असर अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में दिखाई देना शुरू हुआ है। ब्रिटेन का सेंट्रल बैंक ‘बैंक ऑफ इंग्लैण्ड’ ने भी ब्याजदर ०.२५ प्रतिशत बढ़ाया। सौदी अरब के साथ खाड़ी के प्रमुख देश एवं ऑस्ट्रेलिया ने भी ब्याजदर की बढ़ोतरी का ऐलान किया। इसी दौरान सोना और ईंधन की कीमत आधे से एक प्रतिशत बढ़ी है। सोने की कीमत प्रति औंस १,९०० डॉलर्स तक पहुँची है। इसी बीच कच्चे तेल की कीमत प्रति बैरल ११० डॉलर्स हुई।

ब्याजदर की बढ़ोतरी के साथ ही अमरीका के वित्तीय बाज़ार में हर महीनें बांड और सिक्युरिटीज्‌ जारी करने का निर्णय भी फेडरल रिज़र्व्ह ने किया है। जून महीने से इसे जारी किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published.