जापान के फुकुशिमा परमाणु प्रकल्प के रेडियोएक्टिव जल से होगा ‘गॉडझिला’ का निर्माण – चीनी अखबार ने जताई चिंता

टोकियो/बीजिंग – जापान के फुकुशिमा परमाणु प्रकल्प से छोड़े जा रहे रेडियोएक्टिव जल के कारण ‘पैण्डोराज्‌ बॉक्स’ खुल जाएगा और ‘गॉडझिला’ का निर्माण होने का ड़र व्यक्त करके चीन के सरकारी अखबार ने सनसनी फैलाई है। जापान की सरकार ने गुरुवार २४ अगस्त से इस परमाणु प्रकल्प से रेडियोएक्टिव जल समुद्र में छोड़ने की प्रक्रिया शुरू की। जापान के इस निर्णय पर चीन, दक्षिण कोरिया, उत्तर कोरिया रशिया ने तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ की है। लेकिन, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग एवं जापान के सरकार ने इस निर्णय का समर्थन किया है। समुद्र में छोड़े गए पानी से किसी भी तरह का खतरा ना होने की गवाही जापान की सरकार ने दी है।

‘गॉडझिलामार्च २०११ में जापान में ९ रिश्टर स्केल तीव्रता के भूकंप ने तबाही मचाई थी। इस भीषण भूकंप और साथ ही टकराई त्सुनामी ने फुकुशिमा परमाणु प्रकल्प में भारी नुकसान किया था। इस दौरान इस प्रकल्प में ‘रिएक्टर’ के कोअर में दरार बनी थी और इससे भारी मात्रा में रेडिएशन फैल गया था। इस परमाणु प्रकल्प के ‘कुलिंग वॉटर’ में रेटियोएक्टिव घटक फैलने से यह पानी दूषित हुआ था। परमाणु प्रकल्प में हए इस हादसे के बाद करीबी क्षेत्र के हजारों नागरीक विस्थापित हुए थे। इशके बाद परमाणु केंद्र से हजारो टन पानी समुद्र में छोड़ा गया था। इस मुद्दे पर जापान सहित पड़ोसी देशों में बड़ी हलचल हुई थी। 

‘गॉडझिलाइस हादसे के बाद जापान ने फुकुशिमा परमाणु प्रकल्प पुरी तरह से नष्ट करने का निर्णय किया है। लेकिन, उससे पहले वहां के करोड़ों लीटर पानी निकालना आवश्यक हैं। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग के निकषों के अनुसार रेडियोएक्टिव पानी पर प्रक्रिया की गई हैं। इस कारण से फिलहाल इस प्रकल्प के रेडियोएक्टिव पानी में ‘ट्रिट्रियम’ के अलावा अन्य कोई भी घातक घटक ना होने की बात कही जा रही है। 

‘गॉडझिलालेकिन, पानी रेडियोएक्टिव होने के कारण जापानी नागरिकों के साथ पड़ोसी देश भी इसपर तीव्र बयान कर रहे हैं। जापान के मछुआरों ने सरकार के इस निर्णय की कड़ी आलोचना की है और हमारा कारोबार हमेशा के लिए बंद होने का ड़र व्यक्त किया है। चीन, दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया ने जापान ने छोड़े रेडियोएक्टिव पानी के कुछ अंश हमारे समुद्री क्षेत्र में पहुंचने से समुद्री जीवन नष्ट हो जाएगा, ऐसा दावा किया है। चीन की सरकार ने जापान के मत्स्य उत्पादकों से आयात बंद करने का ऐलान किया है। चीन के सरकारी अखबार ‘द ग्लोबल टाईम्स’ ने जापान छोड़ रहा रेडियोएक्टिव पानी समुद्र में ‘पैण्डोराज्‌ बॉक्स’ खोलेगा और मुमकीन हो, इससे ‘गॉडझिला’ तैयार होगा, यह दावा भी किया है। इस बीच जापान के निर्णय से दक्षिण कोरिया में प्रदर्शन शुरू हुए हैं और जापानी दूतावास के सामने आक्रामक नारे लगाए जा रहे हैं।

जापान की सरकार ने फुकुशिमा प्रकल्प से कुल १३३ करोड़ लीटर पानी छोड़ने का बयान किया है। लेकिन, इस पुरी प्रक्रिया के लिए कई साल लगेंगे, ऐसा सरकार ने कहा है। २४ अगस्त को इस प्रक्रिया का पहला चरण शुरू हुआ और यह १७ दिन चलेगा। इस दौरान ७८०० घन लीटर पानी समुद्र में छोड़ा जाएगा, ऐसा फुकुशिमा परमाणु प्रकल्प का ज़िम्मा संभाल रही ‘टेप्को’ कंपनी ने स्पष्ट किया। जापान छोड़ रहें रेडियोएक्टिव पानी से किसी भी तरह का खतरा ना होने का खुलासा अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग के साथ इस क्षेत्रके विशेषज्ञ एवं वैज्ञानिकों ने किया हैं।

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