रशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर वैश्विक अर्थव्यवस्था बंट जाएगी – अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष का दावा

वॉशिंग्टन – रशिया-यूक्रेन युद्ध की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था भू-राजनीतिक स्तर के गुटों में बंट जाएगी, ऐसा दावा अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने अपनी रपट में किया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने हाल ही में ‘वर्ल्ड इकॉनॉमिक आऊटलुक’ की दूसरे तिमाही रपट पेश की। इसमें अगले कुछ सालों में वैश्विक अर्थव्यवस्था को परेशान करनेवाले खतरों का ज़िक्र किया गया है। इसमें मुद्राकोष ने वैश्विक अर्थव्यवसथा के संभावित बंटवारे का अहसास कराया गया है।

वैश्विक अर्थव्यवस्थामुद्राकोष ने अपनी रपट में वैश्विक अर्थव्यवस्था का भविष्य अधिक मुश्किलभरा और अनिश्चित होने का अनुमान लगाया है। ‘रशिया-यूक्रेन युद्ध की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था का विभिन्न भू-राजनीतिक गुटों में बंटवारा होने का गंभीर खतरा है। इन गुटों में तकनीकी निकष अलग होंगे। साथ ही एक-दूसरे से कारोबार करनेवाली यंत्रणा एवं आरक्षित मुद्रा भी भिन्न हो सकती है। ऐसे बंटवारे की वजह से अंतरराष्ट्रीय समूदाय अगले समय में अहम वैश्विक समस्याओं का एकसाथ हल नहीं निकाल पाएंगे’, ऐसी चेतावनी मुद्राकोष ने दी।

वैश्विक अर्थव्यवस्थावैश्विक अर्थव्यवस्था के बंटवारे की वजह से मौसम के बदलाव जैसी समस्याओं पर सर्वदलिय सहयोग मुमकिन नहीं होगा और इस वजह से मौजूदा अनाज संकट अधिक ड़रावना होगा, यह चेतावनी भी मुद्राकोष ने दी। रशिया-यूक्रेन युद्ध की वजह से आर्थिक एवं व्यापारी क्षेत्रों के खतरों की तीव्रता भी बढ़ी है, यह मुद्दा मुद्राकोष ने अपनी रपट में दर्ज़ किया है। मुद्राकोष ने वैश्विक अर्थव्यवस्था के बंटवारे के खतरे पर ध्यान आकर्षित करने का यह दूसरा अवसर है।

कुछ महीने पहले मुद्राकोष की प्रमुख क्रिस्तालिना जॉर्जिवा ने इस पर बयान किया था। विश्व के देश विभिन्न भूराजनीतकि गुटों में बंटने का ड़र बढ़ा है, यह इशारा जॉर्जिवा ने दिया था। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने भी यूक्रेन संघर्ष बाद की वैश्विक व्यवस्था पहले जैसी नहीं रहेगी, यह स्पष्ट इशारा दिया था। ऐसे में जर्मनी के चान्सलर ओलाफ शोल्ज़ ने भी बयान किया था कि, रशिया-यूक्रेन युद्ध की वजह से वैश्विकीकरण की प्रक्रिया को नुकसान पहुँचा है।

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