इस्रायल ने लेबनान के साथ किया ऐतिहासिक समुद्री समझौता – इस्रायली प्रधानमंत्री का ऐलान

जेरूसलम – विवादित समुद्री क्षेत्र के मामले में पिछले कई महीनों से चली बातचीत को कामयाबी मिली है। इस्रायल और लेबनान ने ऐतिहासिक समुद्री समझौता करने का ऐलान इस्रायली प्रधानमंत्री येर लैपिड ने किया। लेकिन, लेबनान ने अब तक इस समझौते का किसी भी तरह से ऐलान नहीं किया है। ऐसे में इस्रायल का अस्तित्व ठुकरानेवाली लेबनान के आतंकी संगठन हिज़बुल्लाह क्या इस समझौते को बर्दाश्त करेगी, यह सवाल विश्लेषक कर रहे हैं। लेबनान की मौजूदा सरकार हिज़बुल्लाह के प्रभाव वाली होने की बात मानी जाती है। ऐसी स्थिति में इस्रायल के साथ यह समझौता आगे बढ़ाना लेबनान सरकार के लिए आसान नहीं होगा।

समुद्री समझौताभूमध्य समुद्र का कारिश ईंधन क्षेत्र अपनी समुद्री सीमा में होने का दावा इस्रायल और लेबनान दोनों कर रहे हैं। इस्रायल ने इस क्षेत्र पर सार्वभौम अधिकार जताकर वहां ईंधन खनन भी शुरू किया है। इस वजह से आगबबूला हुए लेबनान ने अंतरराष्ट्रीय समूदाय से फिर्याद की थी। इसके अनुसार अमरीका की मध्यस्थता से इस्रायल और लेबनान के बीच इस विवादित समुद्री क्षेत्र के मामले में बातचीत जारी थी।

पिछले हफ्ते इस्रायल ने लेबनान की माँग ठुकराने की वजह से यह बातचीत असफल होने की खबरें सामने आयी थीं। इस्रायल के रक्षामंत्री बेनी गांत्ज़ एवं गुप्तचर यंत्रणा ‘मोदास’ के प्रमुख ने भी हिज़बुल्लाह के बड़े हमलों की संभावना जताकर अपनी सुरक्षा यंत्रणाओं को तैयार और चौकन्ना रहने के आदेश दिए थे। इस वजह से कारिश के मामले को लेकर इस्रायल और हिज़बुल्लाह में संघर्ष छिड़ेगा, यह इशारा भी दिया जा रहा था।

समुद्री समझौतालेकिन, इस्रायली प्रधानमंत्री येर लैपिड ने मंगलवार सुबह इस समुद्री क्षेत्र के मुद्दे पर समझौता होने का ऐलान किया। इससे इस्रायल की सुरक्षा अधिक मज़बूत होगी और इस्रायली अर्थव्यवस्था को अरबों डॉलर्स का लाभ होगा, यह दावा प्रधानमंत्री लैपिड ने किया। साथ ही इस्रायल के उत्तरी ओर स्थित लेबनान की सीमा पर भी स्थिरता स्थापित होगी, ऐसा लैपिड ने कहा।

लेबनान के प्रधानमंत्री मिशेल एऑन ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करके इस बातचीत का अन्त संतोषजनक होने का बयान किया है। लेकिन, कहीं भी इस्रायल के साथ समझौता होने का ऐलान उन्होंने नहीं किया। इस वजह से अब भी इस्रायल और लेनबान का समुद्री विवाद खत्म नहीं हुआ है, यह दावा किया जा रहा है।

दो दिन पहले हिज़बुल्लाह के वरिष्ठ नेता ने इस्रायल को सेना की भाषा में जवाब देने की धमकी दी थी। अपने हितों की रक्षा करने के मोर्चे पर हिज़बुल्लाह कभी भी शांत नहीं रहेगा, ऐसा इस कमांडर ने धमकाया था। ऐसी स्थिति में हिज़बुल्लाह इस्रायल से बातचीत नहीं करेगा, यह दावा विश्लेषक कर रहे हैं।

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