यूक्रेन को नाटो में शामिल होने से रोक कर जर्मनी नई गलती ना करें – यूक्रेन के विदेश मंत्री का आवाहन

किव – यूक्रेन नाटो का सदस्य बनता तो यूक्रेन पर हमला करने का साहस ही रशिया दिखा नहीं सकती थी। लेकिन, वर्ष २००८ में जर्मनी की उस समय की चान्सलर एंजेला मर्केल ने नाटो में यूक्रेन को शामिल करने का विरोध किया। इसी वजह से रशिया ने यूक्रेन पर हमला किया। लेकिन, इतिहास की यह गलती जर्मनी ने दोहरानी नहीं चाहिए, ऐसा आवाहन यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने किया है। 

नाटो में शामिलयुद्ध में शामिल देश को नाटो की सदस्यता प्रदान नहीं की जा सकती, इस नियम का हमें ज्ञान है, यह कहकर यूक्रेन की फिलहाल ऐसी उम्मीद भी नहीं हैं, ऐसा विदेश मंत्री कुलेबा ने कहा। लेकिन, जैसे ही रशिया से शुरू यह युद्ध खत्म होता है, तब यूक्रेन को नाटो की सदस्यता देनी ही होगी। उस समय यूक्रेन को सदस्यता देने से नाटो ने इन्कार किया तो फिर वह अमरीका और यूरोपिय देशों के लिए आत्मघात साबित होगा। क्योंकि, उसके बाद रशिया का यूरोपिय देशों पर होने वाला हमला कोई भी रोक नहीं सकेगा, ऐसा दावा यूक्रेन के विदेश मंत्री ने किया है।

यूक्रेन को नाटो में शामिल करने के मुद्दे पर बड़ी चर्चा शुरू है और इसी बीच विदेश मंत्री कुलेबा ने यह बयान करके पूरे विश्व का ध्यान खिंचा हैं। रशिया की इस पर तीखी प्रतिक्रिया सामने आयी है। साथ ही नाटो के सदस्य देशों में यूक्रेन को लेकर गंभीर मतभेद हैं। फ्रान्स और जर्मनी ने यूक्रेन को नाटो में शामिल करने का विरोध किया है। बल्कि अमरीका इसके पक्ष में होने के दावे किए जा रहे हैं।

यूक्रेन ने नाटो का हिस्सा होने की गतिविधियां शुरू करने के बाद रशिया ने यूक्रेन पर हमला किया था। लेकिन नाटो का हिस्सा होने से यूक्रेन पर हुआ हमला टालना मुमकिन होता, ऐसा दावा करके यूक्रेन के विदेश मंत्री ने बिल्कुल विरोधी चित्र पेश किया है।

यूक्रेन नाटो का सदस्य होता तो जर्मनी को यूक्रेन की सुरक्षा के लिए अलग कोशिश करने की आवश्यकता ही नहीं होती। नाटो सदस्य यूक्रेन पर रशिया ने कभी भी हमला नहीं किया होता। ऐसे में यूक्रेन ने अपनी सुरक्षा का ज़िम्मा खूद ही उठाया होता। उसका बोजा जर्मनी पर नहीं पड़ता, यह भी यूक्रेन के विदेश मंत्री कुलेबा ने कहा।

जर्मनी इस बार यूक्रेन को नाटो में शामिल करने से ना रोके, ऐसी मांग करके यूक्रेन अब जर्मनी पर दबाव बढ़ाता दिख रहा है। लेकिन, सीर्फ जर्मनी ही नहीं, बल्कि फ्रान्स एवं अन्य यूरोपिय नाटो सदस्य देश भी यूक्रेन को नाटो में शामिल करने के विरोध में खड़े हुए हैं। इससे स्थिति अधिक बिगड़ेगी, ऐसी चेतावनी इन देशों ने दी है। रशिया ने तो इस मुद्दे पर अधिक संहारक युद्ध शुरू होगा, ऐसी धमकी भी दी है।

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