रशिया विरोधी युद्ध के दौरान नाटो में ही बनी दरार – यूक्रैन को हथियारों से सज्जित करने से नाटो सदस्य फ्रान्स और हंगरी का इन्कार

बुडापेस्ट – रशिया विरोधी युद्ध में यूक्रैन के हथियारों का बड़ा भंड़ार नष्ट हुआ हैं। ऐसी स्थिति में नाटो सदस्य देश यूक्रैन को लड़ाकू विमान, हवाई सुरक्षा यंत्रणा एवं अन्य हथियारों का भंड़ार प्रदान करें, ऐसी सूचना नाटो दे रहा है। लेकिन, फ्रान्स और हंगरी जैसें नाटो सदस्य देशों ने ही, यूक्रैन को हथियारों से सज्जित करने से विरोध जताया हैं। ‘यूक्रैन को टैंक और लड़ाकू विमान प्रदान करना यानी आग में तेल ड़ालना साबित होगा’, ऐसी चेतावनी फ्रान्स ने दी है। बल्कि ऐसें हथियारों की आपूर्ति करने पर यूक्रैन भी इस युद्ध में घसीटता जाएगा, यह दावा यूक्रैन ने किया। इससे रशिया-यूक्रैन युद्ध को लेकर नाटो में ही दरार निर्माण होने की बात दिख रही है।

हथियारों से सज्जितअमरिकी प्रमुख अखबार ‘ब्लुमबर्ग’ ने जारी की हुई जानकारी के अनुसार, फ्रान्स ने यूक्रैन को हथियारों से सज्जित करने से इन्कार किया है। फ्रेंच अधिकारी के हवाले से अमरिकी अखबार ने यह जानकारी सार्वजनिक की। कुछ दिन पहलें हंगरी के राष्ट्राध्यक्ष विक्टर ऑर्बन ने भी यही भूमिका अपनाई थी। रशिया-यूक्रैन युद्ध हंगरी में नहीं चाहिये, इन स्पष्ट शब्दों में ऑर्बन ने यूक्रैन को हथियारों से सज्जित करने से विरोध किया था। यह इस युद्ध में रशिया के हमलों को आमंत्रित करने जैसा साबित होगा, ऐसा कहकर ऑर्बन ने अमरीका और नाटो की भूमिका पर सवाल उठाए थे।

हथियारों से सज्जितइसके बाद ऑर्बन की यूरोपिय देशों ने आलोचना की थी। पोलैण्ड और झेक रिपब्लिक ने हंगरी में आयोजित रक्षामंत्रियों की बैठक में मौजूद रहना भी टाल दिया था। इस वजह से यूक्रैन युद्ध को लेकर नाटो सदस्य देशों के बीच ही मतभेद होने की बात सामने आयी थी। साथ ही रशिया पर लगाए प्रतिबंधों पर भी नाटो के कुछ सदस्य देशों ने आपत्ति जताई थी। जर्मनी ने रशिया पर लगाए सख्त प्रतिबंधों का विरोध करने की खबरें सामने आयीं थीं।

फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन और जर्मनी के चान्सलर शोल्झ, रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन के साथ शांति वार्ता करने के मुद्दे पर संपर्क में होने का दावा ब्लुमबर्ग ने किया। लेकिन, नाटो के कुछ देशों को रशिया से शांतिवार्ता मंजूर ना होने का भी इस अखबार का कहना है। यह शांतिवार्ता रशिया को लाभ पहुँचानेवाली साबित होगी, यह कहकर कुछ नाटो सदस्य देश फ्रान्स और जर्मनी की कोशिशों का विरोध कर रहे हैं, ऐसा ब्लुमबर्ग ने कहा है।

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