चीन दशकों से अमरीका विरोधी युद्ध की तैयारी कर रहा हैं – राष्ट्राध्यक्ष पद के चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवार बनी निक्की हेली की चेतावनी

वॉशिंग्टन/बीजिंग – चीन पिछले कई वर्षों से अमरीका विरोधी युद्ध की तैयारी कर रहा हैं, ऐसी चेतावनी रिपब्लिकन राष्ट्राध्यक्ष पद की उम्मीदवार निक्की हेली ने दी है। इस दौरान हेली ने चीन की नौसेनिक क्षमता और हाइपरसोनिक मिसाइलों के साथ साइबर, अंतरिक्ष और आर्टिफिशल इंटेलिजन्स क्षेत्र में बनाई बढ़त पर भी ध्यान आकर्षित किया। चीन अपनी सेना का आधुनिकरण कर रहा हैं और तभी अमरिकी सेना खोखले वामपंथी विचारधारा को अहमियत दे रही हैं, ऐसी फटकार भी उन्होंने लगाई। 

अमरीका विरोधी युद्धसंयुक्त राष्ट्र संघ में अमरीका की पूर्व राजदूत रही और रिपब्लिकन पार्टी की वरिष्ठ नेता के तौर पर पहचान रखनेवाली हेली ने लगातार चीन विरोधी आक्रामक भूमिका अपनाई है। कुछ महीने पहले राष्ट्राध्यक्ष पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी की इच्छूक उम्मीदवार होने का ऐलान करते समय भी उन्होंने चीन की कड़ी आलोचना की थी। अपने चुनावी प्रचार मे भी वह बार बार चीन पर प्रहार कर रही हैं और बायडेन प्रशासन की प्रभावहीन नीति पर तीव्र नाराज़गी व्यक्त कर रही हैं। 

अमरीका विरोधी युद्ध‘फॉक्स न्यूज’ नामक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में भी उन्होंने चीन की बढ़ती आक्रामकता के साथ रक्षा क्षमता पर ध्यान आकर्षित किया। ‘चीन विश्व की सबसे बड़ी नौसेना रखता हैं। उसके बेड़े में फिलहाल ३४० युद्धपोत हैं और अगले दो सालों में यह संख्या बढ़कर ४०० तक जाएगी। चीन ने हाइपरसोनिक मिसाइल विकसीत करना भी शुरू किया है’, इसको लेकर हेली ने आगाह किया। चीन साइबर, आर्टिफिशल इंटेलिजन्स और अंतरिक्ष क्षेत्र में भी अमरीका के आगे निकल गया है, इसका अहसा निक्की हेली ने इस दौरान कराया। 

अमरीका विरोधी युद्धदूसरी ओर अमरिकी सेना धखोसली वामपंथी विचार धारा में फंसी पड़ी है और ‘जेंडर प्रानाउन्स’ के पाठ पढ़ाने में व्यस्त है, ऐसी फटकार भी रिपब्लिकन नेता ने लगाई। अमरिकी नौसेना के बेड़े में फिलहाल सीर्फ २९३ युद्ध पोत हैं और यह संख्या अगले दो दशकों में बढ़ाकर ३५० होने की भी संभावना नहीं, ऐसा अफसोस हेली ने व्यक्त किया। हाइपरसोनिक मिसाइल क्षेत्र में भी अमरीका ने अब कही शुरूआत की है, ऐसा निक्की हेली ने कहा है।

पिछले कुछ महीनों में अमरीका और चीन के बीच जारी तनाव काफी बढ़ा हैं और ताइवान के मुद्दे को लेकर दोनों देशों के बीच युद्ध छिड़ेगा, ऐसा दावा कई विश्लेषक कर रहे हैं। रशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर चीन ने ताइवान के क्षेत्र में अपनी हरकतों का दायरा बढ़ाने की ओर भी कई लोगों ने ध्यान आकर्षित किया है। 

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