सन २०२२ में ही जर्मनी में शरणार्थियों की संख्या १२ लाख हो जाएगी – स्थानीय अखबार का दावा

बर्लिन – सन २०१५ में इराक, सीरिया में ‘आयएस’ के आतंकी नरसंहार कर रहे थे तब यूरोप में शरणार्थियों की बाढ आई थी। लेकिन, सात साल पहले का यह संकट भी छोटा साबित होगा, ऐसा शरणार्थियों का झुंड़ जल्द ही जर्मनी पहुँच रहा है। इस साल के अन्त तक जर्मनी में शरणार्थियों की संख्या बढ़कर १२ लाख हो जाएगी, यह दावा ‘वेल्ट एम सोनाग’ नामक अखबार ने किया। शरणार्थियों के झुंड़ को लेकर पुख्ता भूमिका तय ना होने की वजह से जर्मनी आंखें मूंदे इस संकट की ओर बढ़ रहा है, ऐसी चेतावनी जर्मन सांसद ने दी।

शरणार्थियों की संख्यासन २०१५ में जर्मनी में कुल ८.९ लाख शरणार्थी पहुँचे थे। इसके बाद पिछले छह वर्षों में जर्मनी में प्रवेश करनेवाले शरणार्थियों की संख्या घट गई थी। इनमें सीरिया, अफ़गानिस्तान, तुर्की और इराक से आए हुए शरणार्थियों की संख्या काफी अधिक थी। लेकिन, रशिया-यूक्रेन युद्ध की वजह से शरणार्थियों का बड़ा झुंड़ यूरोपिय देशों की ओर बढने का दावा किया जा रहा है।

इनमें से अधिकांश यूक्रेनी शरणार्थी जर्मनी में पहुंचेंगे, यह जानकारी जर्मन अखबार ने दी। जर्मन सरकार ने शरणार्थियों को लेकर अपनाई नीति इसके लिए ज़िम्मेदार बताई जाती है। लेकिन, जर्मन सांसद मैनफ्रेड वेबर ने शरणार्थियों के इस झुंड़ के लिए सरकार को दोषी ठहराया है। यूक्रेनी शरणार्थियों के झुंडों के साथ पहुँच रही चुनौतियों को जर्मनी की सरकार अनदेखा ना करे, यह इशारा वेबर ने दिया है।

शरणार्थियों के लिए तैयार किए गए ठिकाने पूरी तरह से भरे पड़े हैं। ऐसे में यूक्रेन युद्ध की वजह से पहले से ही जर्मनी को ईंधन संकट का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में अब यूक्रेनी शरणार्थियों के झुंड़ जर्मनी पहुँचते हैं तो हमें बड़ी चुनौतियों का मुकाबला करना पड़ सकता है। जिम में भी इन शरणार्थियों के लिए जगह बनाने की ज़रूरत पड सकती है और ईंधन संकट का मुकाबला करने के लिए स्कूल और व्यापारी कार्यक्रमों पर मर्यादा डालनी पड़ सकती है। लेकिन, जर्मनी इस संकट के लिए तैयार नहीं है, यह चिंता वेबर ने व्यक्त की है।

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