रशिया की ‘रुबल डेडलाईन’ की पृष्ठभूमि पर जर्मनी और ऑस्ट्रिया द्वारा ‘गैस इमरजेंसी प्लान’ की घोषणा

बर्लिन/व्हिएन्ना/मॉस्कोे – रशिया पर प्रतिबंध लगानेवाले देश रशियन ईंधन का बकाया रूबल करेंसी में चुकता करें, ऐसी चेतावनी रशिया ने दी है। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने इस संदर्भ में आदेश भी जारी किया है। इस फ़ैसले का विरोध करनेवाले देशों की ईंधन सप्लाई रशिया बंद करेगा, इस डर से युरोपीय देशों ने कदम उठाना शुरू किया है। जर्मनी और ऑस्ट्रिया इन दोनों प्रमुख देशों ने आपातकालीन योजना का भाग होनेवाला ‘ गैस इमरजेंसी प्लान’ सक्रिय करने का ऐलान किया है।

‘गैस इमरजेंसी प्लान’युरोपीय देशों में आयात होनेवाले ईंधन में से 30 प्रतिशत से अधिक ईंधन रशिया से आता है। इसमें नैसर्गिक ईंधन वायु, कच्चा तेल तथा कोयले का भी समावेश है। रशियन ईंधन पर इतने बड़े पैमाने पर निर्भर रहने के बावजूद भी युरोप के महासंघ ने रशिया पर भारी प्रतिबंध लगाए हैं। उनमें रशिया का मध्यवर्ती बैंक, फॉरेन रिजर्व्ज, स्विफ्ट यंत्रणा के जरिए होनेवाले व्यवहार, रशियन बैंक्स तथा रशियन उद्योजक इनका समावेश है। पश्चिमी देशों के इन प्रतिबंधों को रशिया ने भी प्रत्युत्तर देने की शुरुआत की होकर, इंधन का बकाया रूबल में चुकता करने का फ़ैसला उसी का भाग माना जाता है।

रशिया के इस फ़ैसले का युरोपीय देशों ने ज़ोरदार विरोध किया होकर, यह एकतरफ़ा फ़ैसला होने की बात कही है। रशिया के फ़ैसले का पालन न करने की चेतावनी युरोपीय देशों ने दी है। उसे प्रत्युत्तर देते समय रशिया ने डटकर कहा है कि रशिया किसी भी देश को मुफ्त में ईंधन नहीं देगा। इस कारण रशियन ईंधन का विवाद बढ़ने के संकेत मिले हैं। रशिया युरोपीय देशों की ईंधन सप्लाई बंद कर सकता है, ऐसे संकेत रशियन अधिकारी तथा माध्यमों द्वारा दिए जा रहे हैं।

‘गैस इमरजेंसी प्लान’इससे युरोपीय देशों में चिंता का माहौल निर्माण हुआ होकर, रशियन ईंधन पर निर्भर होनेवाले देशों ने आपत्कालीन योजनाओं की कार्यवाही की तैयारी शुरू की है। जर्मनी और उसके बाद ऑस्ट्रिया ने ‘गैस इमरजेंसी प्लान’ सक्रिय किया होने की घोषणा करना, उसी का भाग साबित होता है। जर्मनी ने अपने नागरिकों समेत उद्योग क्षेत्र को भी ईंधन का ‘रेशनिंग’ शुरू करने के निर्देश दिए हैं। रशिया द्वारा होनेवाली ईंधन सप्लाई अगर बंद हुई, तो उसका पहला और सबसे बड़ा झटका जर्मन उद्योगों को लगेगा, ऐसा भी बताया गया है। जर्मनी के उद्योग क्षेत्र ने इस बारे में चेतावनी भी दी होकर, इससे उद्योग क्षेत्र ठप्प पड़कर अर्थव्यवस्था को मंदी का झटका लगेगा, यह जताया है। ऑस्ट्रिया ने ईंधन मार्केट के नियम अधिक सख्त करने का फ़ैसला किया है।

बल्गारिया ने ईंधन संग्रहण की क्षमता बढ़ाने की कोशिशें शुरू कीं हैं। इटली और ग्रीस ने आपातकालीन बैठक आयोजित की होकर, रशियन ईंधन सप्लाई पर बारीकी से ध्यान रखने के संकेत दिए हैं।

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