ईरान के प्रदर्शनकारियों का समर्थन कर रहें जर्मनी और फ्रान्स पर ईरान की तीव्र आलोचना

तेहरान – ईरान के विदेश मंत्रालय ने जर्मनी और फ्रान्स की कड़ी आलोचना की हैं। ईरानी हुकूमत विरोधी तीव्र प्रदर्शन करने वालों का समर्थन करके जर्मनी के चान्सरल ओलाफ शोल्झ ने अपना देश उनके पीछे खड़े होने का ऐलान किया था। ऐसें में फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रोन ने राजनीतिक और सामाजिक सुधार करने के लिए ईरान से बाहर रहकर जंग कर रही महिला कार्यकर्ताओं से मुलाकात की थी। इसका गंभीर संज्ञान लेकर जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने जर्मनी और फ्रान्स पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मानव अधिकारों ाक राजनीतिक उद्देश्य प्राप्त करने के लिए हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहें देश ईरान को मानव अधिकारों के पाठ ना सिखाएँ, यह इशारा ईरान ने किया हैं।

प्रदर्शनकारियों का समर्थनमहसा अमिनी की मौत के बाद ईरान में हिज़ाब सक्ति विरोधी प्रदर्शन भड़का हैं। यह प्रदर्शन अभी भी जारी हैं और शुरू के दौर में महिलाओं के अधिकारों के लिए शुरू हुए इन प्रदर्शनों को अब ईरानी हुकूमत विरोधी व्यापक प्रदर्शनों का स्वरूप प्राप्त हुआ हैैं। इस वजह से ईरान की यंत्रणा इन प्रदर्शनों को कुचलने के लिए सख्त कार्रवाई कर रही हैं और इस दौरान कई लोग मारे गए हैं। इसी बीच गिरफ्त में लिए गए लोगों की संख्या हज़ारों में हैं। इन प्रदर्शनों को पश्चिमी देशों से बड़ा समर्थन प्राप्त होने लगा हैं और पश्चिमी देशों की जनता ईरान प्रदर्शनकारियों के समर्थन में अपने ही देश में प्रदर्शन कर रही हैं। इसका राजनीतिक असर भी दिखाई देने लगा हैैं।

प्रदर्शनकारियों का समर्थनजर्मनी के चान्सलर ओलाफ शोल्झ ने अपना देश ईरानी समर्थकों के खंदे से खंदा मिलाकर उनके साथ खड़ा रहेगा, ऐसा ऐलान किया। साथ ही प्रदर्शनकारियों पर ईरानी यंत्रणा ने की हुई कार्रवाई अमानवी होने की बात कहकर चांसलर शोल्झ ने मानव अधिकारों के हनन का मुद्दा उठाया। इसपर ईरान की तीखी प्रतिक्रिया प्राप्त हुई। ईरान पर हमला करने वाला इराक का तानाशाह सद्दाम हुसेन ने किए मानव अधिकारों के हनन को पश्चिमी देशों ने तब अनदेखा किया था। इसकी याद ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासेल कनानी ने कराया। साथ ही मानव अधिकारों के नाम से चिल्लाहट कर रहा जर्मनी आयएस के आतंकियों की कार्रवाई को अनदेखा करता रहा हैं, इसपर भी कनानी ने ध्यान आकर्षित किया।

प्रदर्शनकारियों का समर्थनमानव अधिकारों के हनन का मुद्दा राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल करके इसके ज़रिये अपने राजनीतिक उद्देश्य प्राप्त करने की मंशा रखनेवाले देश ईरान को उपदेश ना करें। उससे पहले वह मानव अधिकारों के मोर्चे पर अपने काले इतिहास पर गौर करना आवश्यक हैं, ऐसी आलोचना कनानी ने की। साथ ही ईरान की महिलाओं के अधिकारों के लिए ईरान से बाहर रहकर जंग कर रही महिला कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने पर फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष को भी ईरानी विदेश मंत्रालय ने लक्ष्य किया। ईरान में चरम स्तर का द्वेष किया जाता हैं और ईरान विरोधी हिंसा एवं आतंकी हरकतों के लिए बढ़ावा दे रहें फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष से मुलाकात की, यह चौकानेवाली बात बनती हैं, ऐसी फटकार कनानी ने लगायी। साथ ही ईरान की कथित क्रांति को फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष ने दिया समर्थन खेदजनक और निषेधार्ह हैं, ऐसा कनानी ने कहा है।

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