‘प्राईस कैप’ समेत पश्चिमी देशों ने लगाए प्रतिबंधों से बचने के लिए रशिया ने किया सौ से ज्यादा ईंधन वाहक टैंकरों का ‘शैडो फ्लीट’ का निर्माण – ब्रिटीश अखबार का दावा

‘शैडो फ्लीट’मास्को – रशिया से निर्यात हो रहे कच्चे तेल की कीमत पर मर्यादा लगाने के साथ ही समुद्री क्षेत्र से हो रही रशियन तेल की आयात रोकने का निर्णय यूरोपिय महासंघ और पश्चिमी गुट ने किया है। पश्चिमी देशों ने लगाए इन प्रतिबंधों से बचने के लिए रशिया ने १०० से ज्यादा ईंधन वाहक टैंकरों के ‘शैडो फ्लीट’ का निर्माण करने की बात सामने आयी है। ब्रिटेन के शीर्ष अखबार ‘द फाईनान्शियल टाईम्स’ ने इससे संबंधित वृत्त छापा है। इसके साथ ही महासंघ के सदस्य देश हंगरी ने ‘प्राईस कैप’ के नियमों से रियायत पाने का ऐलान किया है।

‘शैडो फ्लीट’रशिया-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पश्चिमी देशों ने रशियन अर्थव्यवस्था और ईंधन क्षेत्र को कमज़ोर बनाने के लिए बड़ी मात्रा में प्रतिबंध लगाए। इसका कुछ हद तक रशिया को नुकसान हुआ है, फिर भी ईंधन क्षेत्र और अर्थव्यवस्था कमज़ोर करने की कोशिशों को बड़ी कामयाबी नहीं मिली है। अमरीका, ब्रिटेन के साथ यूरोप के कई देशों ने रशियन ईंधन का सीधे आयात बंद किया है। लेकिन, इनमें से कई देश विभिन्न मार्गों से रशियन ईंधन खरीदते हुए बार-बार पाए जा रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर शुक्रवार को ‘जी ७’, यूरोपिय महासंघ और ऑस्ट्रेलिया ने रशिया से निर्यात हो रहे कच्चे तेल की कीमत प्रति बैरल ६० डॉलर्स निर्धारित करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने का ऐलान किया था।

रशिया ने ‘प्राईस कैप’ का यह निर्णय नामंजूर है और इस पर पुख्ता जवाब देने की चेतावनी दी है। साथ ही दूसरी ओर रशिया ने पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों से बचने के लिए विभिन्न स्तरों पर अपनी कोशिशें शुरू की हैं। ‘शैडो फ्लीट’ की योजना इसी का हिस्सा है और किसी भी मुश्किल के बिना रशियन ईंधन का निर्यात जारी रखने के लिए इस फ्लीट का निर्माण होने की बात कही जा रही है। रशिया ने पिछले साल में विश्व के विभिन्न हिस्सों से १०३ ‘ऑईल टैंकर्स’ खरीदे हैं। इनमें ईरान वेनेजुएला में ईंधन निर्यात कर रहे टैंकर्स का भी समावेश है।

‘शैडो फ्लीट’इन ‘ऑईल टैंकर्स’ के फ्लीट के ज़रिये रशिया भारत, चीन, तुर्की समेत अन्य देशों को कच्चे तेल की आपूर्ति जारी रखेगी, यह कहा जा रहा है। पश्चिमी देशों के प्रतिबंध लागू होने के बाद अंतरराष्ट्रीय बाज़ार से पांच लाख बैरल्स या उससे अधिक रशियन ईंधन की कमी होगी, यह दावा ईंधन क्षेत्र की कंपनियां एवं विश्लेषकों ने किया है। लेकिन, रशिया पहले किए समझौतों की तरह अन्य देशों को कच्चे तेल की आपूर्ति करने की हर मुमकिन कोशिश करेगी, यह रशियन अधिकारी ने स्पष्ट किया है।

इसी बीच महासंघ के सदस्य देश हंगरी ने शुक्रवार को किए गए ‘प्राईस कैप’ के निर्णय से राहत पाने का ऐलान किया है। हंगरी के विदेश मंत्री पीटर सिझार्तो ने यह जानकारी प्रदान की। हंगरी की ईंधन सुरक्षा के लिए बैठक में संघर्ष करना पड़ा और इसमें सफलता भी प्राप्त हुई, यह हंगरी के विदेश मंत्री ने कहा।

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