पुतिन तथा क्रिमिया से संबंधित विवादग्रस्त भाषण के बाद जर्मनी के नौदलप्रमुख के-अचिम शॉनबाच का इस्तीफा

putin-crimea-germany-3बर्लिन/मॉस्को – रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन तथा क्रिमिया से संबंधित किए गए भाषण के बाद जर्मनी के नौदलप्रमुख के-अचिम शॉनबाच ने इस्तीफा दिया है। अपने भाषण की वजह से नौदल विभाग एवं पद पर दबाव डाला जा रहा है और जर्मनी तथा जर्मन संरक्षणदलों की अधिक हानि ना हो इसलिए इस्तीफा देने का निर्णय ले रहा हूं, इन शब्दों में वाईस एडमिरल शॉनबाच ने इस्तीफा दिया। जर्मन सरकार ने नौदल प्रमुख का भाषण सरकार की भूमिका ना होने की बात स्पष्ट की है।

putin-crimea-germany-2जर्मनी के नौदल प्रमुख के-अचिम शॉनबाच पिछले सप्ताह भारत के दौरे पर थे। तब उन्होंने मनोहर पर्रीकर इन्स्टिट्यूट फॉर डिफेन्स स्टडिज् अ‍ॅण्ड अ‍ॅनालिसिस’ नामक अध्ययन मंडल के कार्यक्रम में रशिया एवं चीन के संदर्भ में अपनी भूमिका रखी। ’रशिया को केवल युक्रेन का छोटासा हिस्सा चाहिए? नहीं! क्या रशिया को युक्रेन अपने में शामिल कर लेना है? नहीं! यह सारी मूर्खता है। पुतिन केवल दबाव डाल रहे हैं क्योंकि वे दबाव डाल सकते हैं और दबाव डालने पर युरोपिय महासंघ में फूट पड सकती है, इसकी उन्हें कल्पना है। पुतिन को आदर चाहिए। किसी भी खर्च के बगैर पुतिन को मान देना संभव है, तो उन्हें यह दिया जाना चाहिए। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष इसके लिए पात्र हैं, ऐसा हमें लगता है’, ऐसा भाषण जर्मन नौदल प्रमुख ने किया।

युक्रेन के मुद्दे पर रशिया की गतिविधियों का दाखिला लेना जरुरी होने की ओर भी नौदल प्रमुख शॉनबाच ने ध्यान आकर्षित किया। पर इसीके साथ युक्रेन ने क्रिमिया हमेशा के लिए खो दिया है, अब उन्हें यह वापस नहीं मिल सकता और यह सच्चाई स्वीकारनी ही पडेगी, ऐसा दावा भी किया। रशिया ने सन २०१४ में क्रिमिया पर कब्ज़ा किया था। रशिया के कब्ज़े को अंतरराष्ट्रीय समूदाय ने मनजूरी नहीं दी है। ऐसा होते हुए भी जर्मन नौदल प्रमुख ने क्रिमिया के बारे में किया हुआ भाषण ध्यान आकर्षित करनेवाला साबित होता है। नौदल प्रमुख शॉनबाच ने रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन एवं क्रिमिया के संदर्भ में किए हुए भाषण जर्मन सरकार तथा संरक्षण विभाग ने नामंज़ूर किए हैं।

putin-crimea-germany-1जर्मनी समेत युक्रेन तथा अन्य देशों से इस भाषण पर तीव्र प्रतिक्रियाएं उमडी हैं। शॉनबाच के भाषण युक्रेन मुद्दे पर पश्चिमी देशों द्वारा जारी प्रयासों को दहलानेवाले साबित होते हैं, ऐसी टीका युक्रेन ने की है। अपने भाषण से निर्माण होनेवाली खलबली के बाद नौदल प्रमुख के-अचिम शॉनबाच ने जर्मनी के संरक्षणमंत्री क्रिस्टीन लैम्ब्रेक्ट को इस्तीफा पेश किया और यह इस्तीफा मंजूर किए जाने की बात कही जा रही है।   

तो, रशिया-युक्रेन तनाव की पृष्ठभूमि पर युक्रेन सरकार को शस्त्र पुरवठा करने से जर्मन सरकार ने इन्कार करने की बात सामने आई है। ’लेथल वेपन्स’ का निर्यात ना करने की जर्मनी की धारणा के कारण युक्रेन को शास्त्र पुरवठा ना करने का निर्णय लेने का बात जर्मनी ने कही है। जर्मनी ने बाल्टिक देशों में इस्टोनिया को भी जर्मन बनावट के शास्त्रास्त्र एवं यंत्रणा युक्रेन को ना भेजने के निर्देश देने की खबर प्रसिद्ध हुई है। जर्मनी के इस निर्णय पर युक्रेन सरकार ने नाराजगी व्यक्त करके यह निर्णय पुतिन को बल देनेवाला होने की टीका की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.