जर्मनी में नैसर्गिक वायू का भंड़ार खत्म हो रहा है

बर्लिन – युरोप में सबसे ज्यादा नैसर्गिक वायू का भंड़ारण करने की क्षमता जर्मनी रखता है। फिर भी जर्मनी में नैसर्गिक वायु का भंड़ार खत्म होने की कगार पर है और मौजूदा दिनों में इस देश में लगभग ३५ प्रतिशत नैसर्गिक वायू का भंड़ार शेष बचा है। यूक्रैन-रशिया के बीच बनी युद्ध जैसी स्थिति और नैसर्गिक वायू की कीमत में हुई बढ़ोतरी इसके लिए ज़िम्मेदार होने का दावा किया जा रहा हैं। इसी बीच, जर्मनी के चान्सलर ओलाफ शोल्झ मंगलवार के दिन रशिया पहुँचे हैं।

Japan-Natural-Gasजर्मनी के अर्थ विभाग के प्रतिनिधि ने सोमवार को माध्यमों से बातचीत करते हुए, देश में नैसर्गिक वायू के भंड़ार में हुई कमी की जानकारी सार्वजनिक की। जर्मन सरकार इस स्थिति को बारिकी से देख रही हैं, यह भी संबंधित अधिकारी ने कहा। पिछले कई वर्षों में पहली बार नैसर्गिक वायु के भंड़ार में इतनी बड़ी कमी देखी जा रही है, इसकी कबुली भी इस अधिकारी ने दी।

ठंड़ के मौसम में नैसर्गिक वायु की बढ़ती माँग पर गौर करके जर्मन संसद ने, देश की ईंधन कंपनियों को नैसर्गिक वायू का पर्याप्त भंड़ार रखने की सूचना की है। जर्मनी में उभर रहीं ईंधन की किल्लत का अध्ययन कर रहें अफ़सरों ने, अमरिकी वृत्तसंस्था से बातचीत करते हुए यह जानकारी साझा की। जर्मन सरकार ने नैसर्गिक वायू के भंड़ार में हुई कमी के लिए अभी तक किसी को भी ज़िम्मेदार नहीं ठहराया है। लेकिन, पिछले कुछ हफ्तों से यूक्रैन और रशिया की सीमा पर निर्माण हुआ सैनिकी तनाव ही इस स्थिति के लिए ज़िम्मेदार होने का दावा किया जा रहा है।

युरोपीय देशों को सबसे अधिक मात्रा में नैसर्गिक वायू की आपूर्ति रशिया से होती है। यूक्रैन की सीमा से पाइपलाइन के ज़रिये यह आपूर्ति होती है। इसमें से बड़ा हिस्सा जर्मनी इस्तेमाल करता है। अपने देश की माँग को ध्यान में रखकर जर्मनी ने रशिया के साथ ‘नॉर्ड स्ट्रीम २’ के निर्माण का समझौता किया था। लेकिन, रशिया इस समझौते का हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है, ऐसी आलोचना यूक्रैन कर रहा हैं। यूक्रैन के राष्ट्राध्यक्ष झेलेन्स्की ने जर्मन चान्सलर शोल्झ के साथ हुई चर्चा के दौरान यह बयान किया था।

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