कोरोना की नई लहरें टकराती रहेंगी – अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की चेतावनी

new-wave-corona-1रशिया – आग्नेय एशिया एवं पूर्व यूरोप में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेज़ी से बढ़ती दिख रही है। इस पृष्ठभूमि पर कोरोना की महामारी का अन्त होने की संभावना नहीं है और नई लहरें टकराती रहेंगी, ऐसी चेतावनी अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने दी है। इसके आगे के वेरिएंट पिछड़े और अविकसित देशों से सामने आने की संभावना होने का इशारा भी विशेषज्ञों ने दिया है। इसी बीच विश्‍वभर में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर ४१ करोड़ तक जा पहुँची होने की जानकारी स्वास्थ्य यंत्रणाओं ने साझा की।

अमरीका, युरोप समेत कुछ प्रमुख देशों में कोरोना की महामारी की तीव्रता धीरे धीरे कम होती दिख रही है। कई देश कोरोना के दौर में लगाए प्रतिबंध शिथिल कर रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर कोरोना की महामारी कब खत्म होगी, इसकी चर्चा शुरू हुई है। लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस विषय पर सावधानी बरतने की भूमिका अपनाई दिख रही है। ‘हर समय कुछ महीनों में कोरोना का विषाणु अपना स्वरूप बदलता दिखाई दे रहा है। डेल्टा वेरिएंट के बाद टीकाकरण के लाभ सामने आना शुरू हुआ और इसी बीच ओमीक्रोन वेरिएंट का संक्रमण शुरू हुआ। हर बार कोरोना का वेरिएंट हमें झटके देता दिख रहा है’, इन शब्दों में येल स्कूल ऑफ मेडिसिन के अकिको इवासाकी ने कोरोना के नए वेरिएंट के संकेत दिए।

new-wave-corona-2‘जब तक विश्‍व में सबका टीकाकरण नहीं होता, तबतक कोरोना की नई लहरें टकराने का खतरा बना रहेगा। कम आय के एवं अविकसित देशों से नए खतरनाक वेरिएंटस्‌ का निर्माण हो सकता है। ये देश कोरोना की नई युद्धभूमि बनेंगे’, ऐसी चेतावनी ह्युस्टन के डॉक्टर पीटर हॉटेझ ने दी। ओमीक्रोन वेरिएंट नैसर्गिक वैक्सीन की तरह काम करके विश्‍वभर में ‘हर्ड इम्युनिटी’ तैयार करेगा, यह सोच गलत है, इस ओर भी हॉटेझ ने ध्यान आकर्षित किया। ओमीक्रोन वेरिएंट यह कोरोना का अन्त नहीं है, यह इशारा भी उन्होंने इस बीच दिया।

‘विश्‍व के अलग अलग हिस्सों में कोरोना का विषाणु स्वरूप बदल रहा है और नए वेरिएंट सामने आ रहे हैं। यह प्रक्रिया जारी रहने तक कोरोना संक्रमण जारी रहेगा’, यह चेतावनी दक्षिण अफ्रीका की नामांकित वैद्यक विशेषज्ञ ग्लेंडा ग्रे ने दी। मौजूदा आंकड़ों के अनुसार विश्‍व में ६० प्रतिशत से भी अधिक लोगों को वैक्सीन का पहला टीका दिया गया है। यही मात्रा ७५ प्रतिशत तक पहुँचने के लिए और पांच महीने लग सकते हैं। तब तक कोरोना की महामारी पूरी तरह से खत्म होने की संभावना नहीं है, इस ओर अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने ध्यान आकर्षित किया। पश्‍चिमी देशों में टीकाकरण एवं नई दवाईयों की वजह से इस वर्ष के बीच में कोरोना की महामारी नियंत्रित होगी। लेकिन, अविकसित एवं विकसनशील देशों में २०२३ में भी इस महामारी का प्रभाव कुछ मात्रा में बना रहेगा, यह चेतावनी विशेषज्ञों ने दी है।

इसी बीच, ‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन’ ने यह चेतावनी दी है कि, पूर्वी यूरोप में ओमीक्रोन वेरिएंट के संक्रमितों की संख्या फिर से बढ़नी शुरू हुई है।

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