अमरीका में महंगाई के मुद्दे पर राष्ट्राध्यक्ष बायडेन और ‘फेडरल रिज़र्व’ के बीच मतभेद

वॉशिंग्टन – अमरीका में महंगाई के मुद्दे पर राष्ट्राध्यक्ष बायडेन और फेडरल रिज़र्व में मतभेद सामने आए हैं। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने बुधवार को एक ट्वीट से देश में बढ़ रही महंगाई के पीछे रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन के होने का आरोप लगाया। बायडेन के बयान से कुछ घंटे पहले फेडरल रिज़र्व के प्रमुख जेरोम पॉवेल ने अमरीका की महंगाई पहले से बढ़ रही है और इसके लिए रशिया को ज़िम्मेदार पकड़ना गलत होगा, ऐसा संसद में सुनवाई के दौरान कहा था।

पिछले कुछ महीनों से अमरीका में लगातार महंगाई बढ़ रही है। मार्च, अप्रैल और मई में लगातार अमरीका में महंगाई निर्देशांक आठ प्रतिशत से अधिक दर्ज़ हुआ। अमरीका के इतिहास में यह १९८१ के बाद की सबसे बड़ी बढ़ोतरी साबित हुई है। ईंधन, घरों की कीमतें, ऊर्जा, कपड़े, अनाज और धान के अलावा सब्ज़ियाँ एवं सभी जीवनावश्यक उत्पादनों की कीमतें की विक्रमी बढ़ोतरी हुई है। ईंधन की कीमतें भारी ५० प्रतिशत उछली हैं और बिजली का बिल ३० प्रतिशत से अधिक बढ़ा है। घरों की कीमतें २० प्रतिशत से अधिक और घर के भाड़े में ४ प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी हुई है।

शुरू के दिनों में बायडेन प्रशासन ने बढ़ती महंगाई का मुद्दा ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया था। कुछ महीने पहले वित्तमंत्री येलेन एवं फेडरल रिज़र्व के प्रमुख जेरोम पॉवेल ने महंगाई अस्थायी होने का बयान किया था। लेकिन, अमरीका में महंगाई का विस्फोट लगातार हो रहा है और मध्यमवर्गी अमरिकी परिवारों का बजट बिगड़ रहा है। इस वजह से फेडरल रिज़र्व के साथ अमरीका के वित्तमंत्री महंगाई के मुद्दे की ओर गंभीरता से देखने के लिए मज़बूर हुए हैं।

लेकिन, इसी बीच राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन वास्तव को स्वीकारने के लिए तैयार नहीं हैं, और बढ़ती हुई महंगाई के लिए लगातार रशिया को लक्ष्य कर रहे हैं। मात्र कुछ घंटों के अंतराल से हुए विरोधी बयानों की वजह से बायडेन प्रशासन में महंगाई जैसे गंभीर मुद्दे पर उचित समन्वय ना होने की बात देखी जा रही है। पश्चिमी देशों द्वारा हो रहे आरोपों के विरोध में रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने कड़े बोल सुनाए थे।

‘यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर पश्चिमी देशं ने रशियन ईंधन क्षेत्र की घेराबंदी करने की कोशिश शुरू की हैं। लेकिन, इससे रशिया का बड़ा नुकसान होने के बजाय अमरीका और यूरोपिय देशों को ही बड़ा नुकसान पहुँचा हैं। इन देशों में ईंधन की कीमतों के साथ महंगाई भी उछाल के साथ विक्रमी स्तर पर पहुँची हैं। इससे सबसे ज्यादा परेशानी आम जनता को भुगतनी पड़ रही हैं। लेकिन, इस देश के शासक इस स्थिति का ठिकरा रशिया पर फोड़कर अलग हो रहे हैं। असल में इसके लिए पश्चिमी देशों की गलत नीति ज़िम्मेदार है’, ऐसा पुतिन ने कहा था।

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