अमरिकी जनता को अभी कुछ समय तक वेदना बर्दाश्‍त करनी पडेगी – फेडरल रिज़र्व के प्रमुख का इशारा

वॉशिंग्टन – महंगाई का उछाल और इसे रोकने के लिए हो रही ब्याजदर की बढ़ोतरी की पृष्ठभूमि पर अमरिकी जनता को और कुछ समय तक वेदना बर्दाश्‍त करनी होगी, ऐसी चेतावनी फेडरल रिज़र्व के प्रमुख जेरोम पॉवेल ने दी। अमरीका में पिछले साल से महंगाई काफी उछाल पर हैं और जून महीने में महंगाई निदेशांक रिकार्ड नौ प्रतिशत के स्तर पर पहुँचा था। इस बढ़ती महंगाई को रोकने के लिए अमरीका की सेंट्रल बैंक ‘फेडरल रिज़र्व’ ने पिछले पांच महीनों में चार बार ब्याजदर की बढ़ोतरी की हैं। लेकिन, इससे महंगाई और अर्थव्यवस्था पर असर नहीं हुआ हैं, उल्टा अमरिकी जनता की त्रासदी अधिक बढ़ी है।

शुक्रवार को ‘सेंट्रल बैंकिंग कान्फरन्स’ में किए भाषण के दौरान पॉवेल ने अमरिकी अर्थव्यवस्था को जल्द ही मंदी का सामना करना होगा, ऐसें संकेत दिए। ‘महंगाई को रोकने के लिए अमरिकी अर्थव्यवस्था को कुछ सख्त निर्णय करने होंगे। ब्याजदर बढ़ाने के बाद विकास दर कम होना और मनुष्यबल की कमी होने के साथ ही अमरिकी जनता और उद्योग क्षेत्र को वेदना बर्दाश्‍त करनी होगी’, ऐसी चेतावनी फेडरल रिज़र्व के गवर्नर ने दी।

दुर्भाग्यवश महंगाई कम करने के लिए कुछ कीमतअदा करनी ही पड़ती हैं, क्यों कि महंगाई काबू नहीं हुई तो बड़ी वेदनाओं को बर्दाश्‍त करना होगा, ऐसी चेतावनी भी पॉवेल ने इस दौरान दी। अमरिकी जनता की त्रासदी बढ़ने के बाद भी महंगाई काबू नहीं होती, तबतक फेडरल रिज़र्वअपनी नीति मे बदलाव नहीं करेगा, इसका अहसास भी उन्होंने इस बीच कराया। यदि नीति बदलने की कोशिश की तो इससे बुरा असर हो सकता हैं, यह हमें इतिहास ने दिखाया हैं, यह भी पॉवेल ने इस दौरान कहा।

अमरिकी जनता महंगाई के विस्फोट के साथ ही आर्थिक मंदी के संकट का सामना कर रही हैं। अमरिकी अर्थव्यवस्था की लगातार दूसरें तिमाही में गिरावट हुई है। तकनीकी नज़रिये से लगातार दो तिमाही में गिरावट होना यानी मंदी ही कहलाती हैं। फिर भी बायडेन प्रशासन विभिन्न कारण बताकर अमरीका में मंदी ना होने के दावे कर रहा हैं। राष्ट्राध्यक्ष बायडेन और अन्य अधिकारी लगातार मंदी ना होने का बयान बड़े ड़टकर कर रहे हैं। और ऐसें में अमरिकी जनता और उद्योगक्षेत्र हम मंदी का खराब अनुभव प्राप्त करने का बयान कर रहे हैं।

‘स्टायफेल फायनान्शिअल’ नामक गुट ने किए सर्वे से अमरिकी कंपनियों के ९० प्रतिशत से अधिक अधिकारियों ने देश मंदी में होने की बात कबुली हैं। अमरीका के पूर्व आर्थिक सलाहकार, आर्थिक विशेषज्ञ एवं विश्‍लेषक भी आर्थिक मंदी के इशारें दे रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष समेत कई प्रमुख वित्तसंस्थाओं ने भी अमरिकी अर्थव्यवस्था को मंदी का खतरा होने की बात स्पष्ट की है। फेडरल रिज़र्व के प्रमुख का बयान भी इसकी पुष्टी करता दिखता है। लेकिन, अमरीका में मंदी होने की बात स्वीकारी तो इसकी काफी बड़ी राजनीतिक कीमत हमें चुकानी होगी, इसका अहसास बायडेन प्रशासन को हुआ हैं। इसी वजह से मंदी अभी नहीं हैं, यही अमरिकी जनता को समझाने की कड़ी कोशिश बायडेन प्रशासन कर रहा है। कुछ समय पहलें राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने अमरीका की महंगाई का ठिकरा यूक्रेन युद्ध और दूसरें मायने में रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन पर फोड़ा था। ऐसें में अमरीका की सदोष नीति की वजह से ही इस देश पर यह संकट टूटा हैं, ऐसा जवाबी हमला रशिया के राष्ट्राध्यक्ष ने किया था।

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