पाकिस्तान-ईरान संबंध अधिक बिगड़े

इस्लामाबाद – कराची शहर में कुछ हफ्ते पहले बम धमाकों की वजह से पाकिस्तान और ईरान के संबंध अधिक बिगड़े हैं। कराची विस्फोट के लिए ज़िम्मेदार आतंकियों को ईरान में आश्रय और प्रशिक्षण प्राप्त होने का आरोप पाकिस्तान लगा रहा है। पाकिस्तान की सुरक्षा यंत्रणा खुलेआम ईरान पर आरोप लगा रही है। इससे पहले ईरान ने भी पाकिस्तान पर आतंकी संगठनों की रक्षा करने का आरोप लगाकर सर्जिकल स्ट्राईक करने की चेतावनी दी थी।

जून के शुरू में पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी कराची के सदर बाज़ार में ‘आयईडी’ का विस्फोट हुआ था। इससे एक की मौत हुई और १० से अधिक घायल हुए थे। इस मामले में पाकिस्तानी सुरक्षा यंत्रणाओं ने कराची के मीरपुर इलाके में कार्रवाई करके दो को मार गिराया था। यह दोनों स्वतंत्र सिंधूदेश की माँग कर रही ‘सिंधूदेश रिपब्लिकन आर्मी’ (एसआरए) नामक आतंकी संगठन के सदस्य होने का आरोप पाकिस्तानी यंत्रणाओं ने लगाया था।

‘एसआरए’ के आतंकियों को ईरान में प्रशिक्षण मिलने का दावा पाकिस्तान ने किया। साथ ही ‘एसआरए’ के प्रमुख असघर अली को भी ईरान में आश्रय मिलने का आरोप पाकिस्तानी यंत्रणाओं ने लगाया था। इसके बाद आगबबूला हुए ईरान ने सौ से अधिक पाकिस्तानी शरणार्थियों को देश से बाहर खदेड़ दिया था। साथ ही ईरान में आतंकवाद के लिए पाकिस्तान ज़िम्मेदार है, ऐसी आलोचना ईरान ने की थी।

ईरान ने पहले भी पाकिस्तान पर आतंकवाद का प्रायोजक देश होने का आरोप लगाया था। ईरान के सिस्तान-बलुचिस्तान प्रांतों में हुए आतंकी हमलों के लिए ईरान ने पाकिस्तान को ज़िम्मेदार बताया था। साथ ही सीमा पर नशिले पदार्थों की तस्करी के लिए ईरान ने पाकिस्तान पर ही आरोप लगाए थे। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इम्रान खान ने साल २०१९ में ईरान यात्रा के दौरान इसकी सार्वजनिक कबूली दी थी।

पाकिस्तान के आतंकी ईरान के सरहदी क्षेत्र में हमले कर रहे हैं, ऐसा पूर्व प्रधानमंत्री इम्रान खान ने कहा था। उनके इस कबूलनामे की वजह से ईरान के आरोपों की पुष्टि हुई थी। ऐसे में पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इम्रान खान पर कड़ी आलोचना हुई थी। इसके बाद ईरान के सेना अधिकारियों ने पाकिस्तान की सीमा में मौजूद आतंकियों के ठिकाने बंद नहीं किए तो सर्जिकल स्ट्राईक करने की चेतावनी भी दी थी। इसके बाद पाकिस्तान ने ईरान के साथ सहयोग सुधारने की कोशिश भी की थी।

लेकिन, अफ़गानिस्तान में तालिबानी हुकूमत ने सत्ता की बागड़ोर हथियाने के लिए पाकिस्तान का हाथ होने की बात स्पष्ट होने के बाद ईरान ने पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की थी। इस वजह से पिछले कुछ महीनों से ईरान और पाकिस्तान के संबंधों में तनाव निर्माण हुआ था। ऐसे में ही कराची में हुए बम विस्फोट के बाद यह तनाव अधिक बढ़ा, ऐसा माध्यमों का कहना है।

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