कोरोना के कोहराम की पृष्ठभूमि पर चीन की अर्थव्यवस्था में भीषण गिरावट – साल १९७६ के बाद विकास दर निचले स्तर पर

बीजिंग – पिछले साल से लगातार नुकसान पहुँचा रहे कोरोना के जोरदार कोहराम ने चीन की अर्थव्यवस्था को भीषण नुकसान पहुँचाया है। साल २०२२ में चीन की अर्थव्यवस्था ने मात्र तीन प्रतिशत विकास दर दर्ज़ किया है। यह साल १९७६ के बाद का न्यूनतम स्तर है। इसी बीच साल २०२१ की तुलना में चीन का विकास दर आधे से अधिक प्रतिशत फिसला है। साल २०२१ में चीन का विकास दर ८.४ प्रतिशत था। साल २०२२ के बाद २०२३ में भी चीन के अर्थव्यवस्था की स्थिति कठिन रहेगी, ऐसी चेतावनी विश्लेषकों ने दी है।

पिछले साल से चीन को कोरोना के कोहराम ने लगातार नुकसान पहुँचाया है। चीन के प्रमुख शहरों में छोटे पैमाने पर शुरू हुआ संक्रमण साल के अन्त तक काफी गंभीर हो गया। संक्रमण रोकने के लिए चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने काफी आक्रामक और सख्त ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ अपनाई थी। लेकिन, जनता के तीव्र असंतोष की वजह से यह नीति रद्द करने के लिए चीन मज़बूर हुआ। कोरोना के प्रतिबंध हटाने के बाद देश में कोरोना  संक्रमण ने बड़ा कोहराम मचाया। चीन की शीर्ष शिक्षा संस्था ‘पेकिंग युनिवर्सिटी’ ने कोरोना संक्रमितों की संख्या ९० करोड़ होने की जानकारी प्रदान की है। इसके बाद चीन की यंत्रणा ने मात्र एक महीने के दौरान ६० हज़ार संक्रमितों की मौत होने का ऐलान किया।

कोरोना का कोहराम रोकने के लिए अपनाई गई ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ ने चीन की अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान पहुँचाने की जानकारी नए आँकड़े स्पष्ट कर रहे हैं। अक्तुबर से दिसंबर २०२२ की तिमाही में चीन की अर्थव्यवस्था ने मात्र २.९ पतिशत बढ़ोतरी दर्ज़ की। इससे पहले की तीमाही में ३.९ प्रतिशत रहे विकास दर की भारी १ प्रतिशत गिरावट हुई। और यापार और रिटेल स्पेंडिंग क्षेत्र का खराब प्रदर्शन ही इसकी प्रमुख वजह बनी है। साथ ही चीन के ‘रियल इस्टेट’ क्षेत्र का प्रदर्शन भी सुधार के साथ सामान्य नहीं हुआ है, इससे भी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा है, यह कहा जा रहा है।

चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने साल २०२२ में विकास दर ५.५ प्रतिशत रहेगा, यह अनुमान लगाया था। लेकिन, वैश्विक बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने चीन का जीडीपी ३ प्रतिशत तक गिरेगा, यह चेतावनी दी थी। अंतरराष्ट्रीय वित्तसंस्थाओं का अनुमान सच साबित होने की बात इन आँकड़ों से दिखती है। चीन की अर्थव्यवस्था की मात्र तीन प्रतिशत हुई बढ़ोतरी पिछले पांच दशकों का न्यूनतम स्तर है। साल १९७६ में चीन का जीडीपी माइनस १.५७ प्रतिशत और १९७४ में २.३१ प्रतिशत दर्ज़ हुआ था। साल २०२२ में अर्थव्यवस्था की गिरावट से चीन का अगला सफर काफी कठिन हुआ है, यह इशारा विश्लेषकों ने दिया है।

कोरोना का संभावित विस्फोट, रियल इस्टेट क्षेत्र की फिसलन और वैश्विक स्तर पर कमज़ोर हो रही मांग की वजह से साल २०२३ में भी चीन की अर्थव्यवस्था का नुकसान जारी रहेगा, ऐसी चेतावनी ‘मुडीज्‌‍ एनालिटिक्स’ वित्तसंस्था ने दी। कोरोना संक्रमण की पृष्ठभूमि पर चीन में ग्राहकों की मांग कम होने के आसार हैं और यह मुद्दा अर्थव्यवस्था के लिए मुश्किल साबित होगा, ऐसा ‘ऑक्सफर्ड इकॉनॉमिक्स’ ने कहा है।

इसी बीच, चीन की अर्थव्यवस्था की गिरावट ने अंतरराष्ट्रीय शेअर बाज़ार को नुकसान पहुँचाया है। यूरोप और एशिया के शेअर निर्देशांकों की गिरावट हुई है और हाँगकाँग निदेशांक दो प्रतिशत फिसला है। चीन के युआन मुद्रा के मूल्य में की भी गिरावट होती देखी जा रही है।

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