चीन में कोरोना के बढते संक्रमण ने चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने विश्ववस्नीयता खोई – विश्लेषकों का दावा

बीजिंग – चीन में कोरोना संक्रमण की व्यापक्ता दिनोंदिन बढती जा रही है और सत्ताधारी कम्युनिस्ट हुकूमत से इस पर परदा डालने की भरसक कोशिश कर रही है। राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने नववर्ष की पूर्वसंध्या को किए वक्तय में आवाहन किया कि चीनी जनता कठिन परिस्थिति एवं चुनौतियों पर मात करेगी। पर जिनपिंग का वक्तव्य जनता को दिलासा नहीं दे पाए और उनका नेतृत्व की विश्वस्नीयता गिरने का दावा विश्लेषक कर रहे हैं। चीनी यंत्रणा एवं मॉडेल विश्व में सर्वश्रेष्ठ माने जाने के दावे पर गंभीर प्रश्नचिन्ह निर्माण हुआ है, इस ओर विश्लेषकों ने ध्यान आकर्षित किया। इस दौरान, चिनी यात्रियों पर प्रतिबंध लगानेवाले देशों की संख्या धीरे-धीरे बढने लगी है और ब्रिटेन, फ्रान्स, स्पेन, ऑस्ट्रेलिया एवं कैनाडा जैसे देशों का भी इसमें समावेश हुआ है।

चीन के राष्टाध्यक्ष शी जिनपिंग ने कोरोना संक्रमण का मुकाबला करने के लिए ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ लागू की थी। इसकी सफलता पर बार-बार प्रश्नचिन्ह उपस्थित हो रहे थे तब भी राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग एवं कम्युनिस्ट हुकूमत ने इसका समर्थन किया था। पिछले वर्ष शांघाई एवं अन्य प्रमुख शहरों में से नाराज़गी के सुर उठ रहे थे तब भी जिनपिंग ने आक्रामक शब्दों में अपनी नीति को अमल में लाने के आदेश दिए थे। पर ज़िजियां में घटी हुई एक दुर्घटना ने इस नीति के खिलाफ चिनी जनता की असंतुष्टता उमडकर बाहर आई थी। चीन के प्रमुख शहरों में जनता बडे पैमाने पर रास्तों पर उतर आई थी।

इसकी वजह से दिसंबर की शुरुआत में ही चीन ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लाई हुई ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ शिथिल करने का निर्णय लिया था। इसके बाद चीन के अधिकतम प्रतिबंध हटाए गए थे। प्रतिबंध शिथिल होने के बाद चीन में कोरोना का संक्रमण फिर से बढने लगा है। चीन में कोरोना के मरीज़ों के संख्या भीषण राफ्तार से बढ रही है और अस्पताल एवं दफनभूमि में बडी कतारें लगने के फोटो प्रसिद्ध हो रहे हैं। चीन में कोरोना के कारण हर दिन एक से पांच हजार लोग मर रहे हैं, ऐसे दावे विभिन्न माध्यमों द्वारा किए जा रहे हैं।

इस दौर में राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग द्वारा चीनी जनता को दिलासा देने के अलावा शहरों में जाकर वहां की स्थिति का जायजा लेना, जरुरी उपाय करने जैसी बातें अपक्षित थीं। पर ऐसी स्थिति में संक्रमण की सही जानकारी देने के बजाए चीनी कम्युनिस्ट हुकूमत ने फिर से छुपा-छुपी की भूमिका अपनाई है। राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने चीनी जनता को किसी भी तरह से संबोधित नहीं करते हुए चुप्पी साधने की भूमिका अपनाने की वजह से चीन में नाराज़की का माहौल छा रहा है, ऐसा दावा विश्लेषक कर रहे हैं। जिनपिंग की इस भूमिका की वजह से उनकी प्रतिष्ठा एवं अधिकार दोनों में दरार पडने का दावा हाँगकाँग स्थित विश्लेषक विली लैम ने किया है। जिनपिंग व कम्युनिस्ट पार्टी दोनों की विश्वस्नीयता दांव पर लगने की बात जॉन डेल्युरी ने कही है।

इस दौरान, चीन में बढते हुए कोरोना संक्रमण की गंभीर दखल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ली जा रही है। ‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनायझेशन’ने (डब्ल्यूएचओ) चीन की यंत्रणाओं ने कोरोना के संदर्भ में संख्या दें, ऐसे निर्देश दिए हैं। तो चीनी यात्रियों को कोरोना के संदर्भ में जांच अनिवार्य करनेवाले देशों में अधिक देश शामिल हुए हैं। पिछ्ले हफ्ते अमेरिका समेत जापान, इटली एवं भारत जैसे आघाडी के देशों ने चीनी यात्रियों पर प्रतिबंध लगाए हैं। अब ब्रिटेन, फ्रान्स, स्पेन, ऑस्ट्रेलिया एवं कैनडा ने भी हवाई मार्ग से आनेवाले चीनी यात्रियों की जांच अनिवार्य की है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा लिए जानेवाले इस निर्णय पर चेनी माध्यमों ने नाराज़गी व्यक्त की है।

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