चीन की अर्थव्यवस्था की गिरावट बरकरार – ‘रियल एस्टेट’ क्षेत्र का संकट बैंकिंग क्षेत्र को ३५० अरब डॉलर्स का नुकसान पहुँचाने के संकेत

बीजिंग – विश्‍व की दूसरे क्रमांक की अर्थव्यवस्था वाले चीन में आर्थिक गिरावट अब भी जारी है। पिछले महीने चीन का आर्थिक विकास दर ०.४ प्रतिशत तक गिर गया था। इसके बाद अब चीन के ‘रियल एस्टेट’ क्षेत्र का संकट अधिक गंभीर होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। चीन के घर एवं संपत्ति क्षेत्र की बिक्री ३० प्रतिशत कम होने का अनुमान अंतरराष्ट्रीय वित्त संस्था ने व्यक्त किया है। ऐसे में इस क्षेत्र की समस्या के कारण चीन के बैंकिंग क्षेत्र को ३५० अरब डॉलर्स का नुकसान होगा, ऐसा दावा ‘ब्लूमबर्ग’ वेबसाइट ने किया है।

पिछले कुछ महीनों से चीन में कोरोना का लगातार विस्फोट होता देखा गया था। इसे रोकने के लिए चीन की शासक कम्युनिस्ट हुकूमत ने ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ का सख्ती से कार्यान्वयन किया था। इसलिए चीन की नीति से नाराज़ हुई बड़ी विदेशी कंपनियों ने अपने ‘ऑर्डर्स’ में बदलाव करने का एवं इसे स्थगित करने का निर्णय किया था। उत्पादन क्षेत्र के साथ ही चीन के जीडीपी में बड़ा हिस्सा रखनेवाले गृहनिर्माण एवं संपत्ति क्षेत्र में भी संकट की श्रृंखला जारी है।

पिछले साल चीन की शीर्ष ‘एवरग्रैन्ड’ कंपनी विदेशी कर्ज़ का भुगतान करने में नाकामयाब होने की बात सामने आयी थी। इसकी गूंज चीन की अन्य कंपनियों में सुनाई पड़ी और गृहनिर्माण एवं संपत्ति क्षेत्र मुश्‍किल में घिरे हैं। हाल ही के हफ्तों में चीन के विभिन्न शहरों में घर खरीद रहे नागरिकों ने बड़े प्रदर्शन किए थे। इन प्रदर्शनों को रोकने के लिए चीन के शासकों ने टैंक तैनात करने की बात सामने आई और इस पर तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ हुई थी।

इसका चीन के बैंकिंग क्षेत्र को भारी नुकसान हो रहा है, यह जानकारी भी सामने आयी है। ‘ब्लूमबर्ग’ नामक वेबसाईट द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार ‘रियल एस्टेट क्राइसिस’ की वजह से चीन के बैंकिंग क्षेत्र को भारी ३५० अरब डॉलर्स का नुकसान हो सकता है। बकाया और कर्ज़ के स्वरूप में चीन के बैंकों के करीब आठ ट्रिलियन डॉलर्स रियल एस्टेट क्षेत्र में लगे हैं। इनमें से ३५० अरब डॉलर्स डूबते हैं तो बैंकिंग क्षेत्र बड़ी मुश्‍किल में पड़ सकता है।

दूसरी ओर पिछले साल से चीन में घरों की बिक्री लगातार कम हो रही है। ‘एसऐण्डपी’ वित्तसंस्था ने साझा की हुई जानकारी के अनुसार इस वर्ष चीन में घर एवं संपत्ति की बिक्री ३० प्रतिशत कम हो सकती है। यह २००८ की मंदी से अधिक खराब स्थिति होने की बात ‘एसऐण्डपी’ ने कही है। चीन के जीडीपी में रियल एस्टेट क्षेत्र का हिस्सा ३० प्रतिशत से अधिक हैं। इसके मद्देनज़र रियल एस्टेट क्षेत्र के संकट का दायरा चीन के आर्थिक विकास दर पर भारी परिणाम करेगा, ऐसा कहा जा रहा है।

चीन के पोलिटब्युरो की हाल ही में हुई बैंठक में इसकी गूंज सुनाई पड़ी। इस बैठक में शासक हुकूमत के शीर्ष नेताओं ने साल २०२२ में आर्थिख विकास दर का अनुमान क्या होगा, इसके आँकड़े सार्वजनिक करने से इन्कार किया। अर्थव्यवस्था उचित दर से प्रगति करेगी, इतना ही बयान किया गया है। इस वजह से साल के अन्त में ५.५ प्रतिशत विकासदर पाना चीन के लिए मुमकिन नहीं होगा, ऐसे स्पष्ट संकेत प्राप्त हुए हैं।

चीन की इस गिरावट का असर वैश्‍विक अर्थव्यवस्था पर भी हो सकता है। इससे पहले चीन में कोरोना की महामारी और ‘एनर्जी क्राइसिस’ की पृष्ठभूमि पर वैश्‍विक अर्थव्यवस्था मुश्‍किलों में फंसी थी। पश्‍चिमी देशों में वाहनों के साथ ग्राहकों के उपयोगी उत्पादनों की किल्लत बनी थी। इस वजह से इन देशों में महंगाई दर की बढ़ोतरी हुई थी। अंतरराष्ट्रीय स्तर क सप्लाई चेन बिगड़ने से अन्य देशों को भी इसके परिणाम भुगतने पड़े थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published.