सायबर हमलावर ज़हरिले जनुकों द्वारा जैविक आतंकवादी हमला करायेंगे – इस्रायली विश्वविद्यालय के सायबर संशोधकों की चेतावनी

नेगेव्ह – जीववैज्ञानिक का कम्प्युटर मालवेयर से दूषित करके, उस कम्प्युटर में संग्रहित जनुकों की संरचना को ज़हरिली बनाने की और उसके द्वारा जैविक आतंकवादी हमला कराने की बड़ी साज़िश सायबर हमलावरों ने रची है। इस हायब्रिड सायबर जैविक हमले के ज़रिये जीववैज्ञानिक, उन्हें भी बिना पता चले, उनकी खुदकी ही लैब में ज़हरिले रसायन अथवा वायरस तैयार कर सकते हैं, ऐसी चेतावनी सायबर संशोधकों ने अपने जर्नल में से दी है।

bioterrorismइस्रायल के ‘बेन-गुरियन विश्वविद्यालय’ के सायबर संशोधकों ने ‘नेचर बायोटेक्नोलॉजी’ नामक जर्नल में जैविक आतंकवादियों को लेकर आगाह किया है। अमानवी हॅकर्स और जैव आतंकवादी एकसाथ होकर, लैब में जनुकों की जानकारी होनेवाला जीव-वैज्ञानिक का कम्प्युटर हॅक कर सकते हैं। ये हॅकर्स तथा जैव आतंकवादी, उस जीववैज्ञानिक के कम्प्युटर में संग्रहित जनुकों की संरचना को ज़हरिली प्राणघातक संरचना से बदलेंगे, ऐसी चिंता इस्रायली सायबर संशोधकों ने व्यक्त की।

bioterrorismअमरीका के स्वास्थ्य विभाग ने, जनुक सप्लाई करनेवालों के लिए मार्गदर्शक तत्त्व निर्धारित किये हैं। लेकिन सायबर हॅकर्स इसमें भी असमंजसता मचाकर ज़हरिले जनुक, मार्गदर्शक तत्त्वों को लाँघकर बाहर निकाले जा सकते हैं, ऐसी चेतावनी इस्रायली संशोधकों ने दी है। इस्रायली सायबर संशोधक गुट की प्रमुख रामी पझीस ने इस संदर्भ में कुछ उदाहरण भी प्रस्तुत किये हैं। ५० में से १६ ज़हरिले जनुक, अमरीका के मार्गदर्शक तत्त्वों के स्क्रिनिंग में पाये ही नहीं गए, ऐसा दावा पझीस ने किया।

bioterrorismइस कारण, बहुत ही अप्रभावी सायबर सुरक्षा के कारण, हॅकर्स जीववैज्ञानिक के कम्प्युटर पर कब्ज़ा कर, उसमें संग्रहित जनुकों की संरचना में ज़हरिले बदलाव कराके बड़ा जैविक आतंकी हमला करा सकते हैं, ऐसी चेतावनी इस्रायली सायबर संशोधकों के गुट ने अपने जर्नल में से दी है।

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