यूरोप समेत चीन का कोरोना संकट खतरनाक स्तर पर

europe-china-corona-crisis-2बर्लिन/वियना/बीजिंग – शिथिल किए गए प्रतिबंध, धिमी गति से जारी टीकाकरण एवं सोशल डिस्टंसिंग के नियमों के उल्लंघन की वजह से यूरोप समेत चीन में कोरोना का संकट चिंताजनक स्तर पर जा पहुँचा है। यूरोप के प्रमुख देश और विश्‍व की चौथे स्थान की अर्थव्यवस्था जर्मनी ने कोरोना की महामारी को काबू में करने के लिए सेना तैनात करने का निर्णय किया है। तो, ऑस्ट्रिया में टीका ना लगवानेवाले नागरिकों के लिए जबरन ‘लॉकडाऊन’ लगाया गया है। चीन में कोरोना के नए विस्फोट के बाद लगभग २१ प्रांतों में कोरोना के नए मामले दर्ज़ होने की बात सामने आ रही है।

दो महीने पहले विश्‍व के प्रमुख देशों में कोरोना संक्रमण धीरे-धीरे काबू में आने का चित्र सामने आया था। अमरीका, यूरोप, एशिया इन महाद्विपों के कई देशों में कोरोना संक्रमण और मृतकों की संख्या में गिरावट आने लगी थी। यह टीकाकरण की बढ़ती गति और प्रतिबंधों का अमल करने की वजह के वजह से हुआ था। महामारी की तीव्रता कम होने के बाद कई देशों ने प्रतिबंध शिथिल करने का निर्णय किया। इस वजह से रोजमर्रा के कारोबार सामान्य होने लगा था।

europe-china-corona-crisis-1लेकिन, अक्तुबर के शुरू से ही यह चित्र बदलता हुआ दिखाई दिया। यूरोप के कई देशों में कोरोना संक्रमित एवं मृतकों की संख्या हर हफ्ते तेज़ी से बढ़ रही है। शुरू में पूर्व यूरोपिय देशों को कोरोना ने बड़ा नुकसान पहुँचाने की बात सामने आयी थी। लेकिन, अब यूरोप के अधिकांश देशों में कोरोना की महामारी का खतरा तीव्र होता जा रहा है। जर्मनी जैसे देश में प्रति दिन सामने आ रहे संक्रमण के मामलों के नए रिकार्ड दर्ज़ हो रहे हैं। अस्पतालों के ‘आयसीयू’ लगभग पूरी क्षमता से भरे होने की जानकारी स्वास्थ्य यंत्रणाओं ने साझा की है।

जर्मनी में बढ़ रहे संक्रमण के पीछे धीमा टीकाकरण और टीका प्राप्त ना करनेवाले नागरिक प्रमुख कारण बने हैं। जर्मनी की चान्सलर एंजेला मर्केल ने बीते हफ्ते जनता से भावनात्मक आवाहन करते हुए टीका लगवाने की बिनती की। इसके बावजूद स्थिति में सुधार ना होने से अब सेना तैनात करने का निर्णय किया गया है। जर्मन सरकार ने स्वास्थ्य यंत्रावली की सहायता के लिए १२ हज़ार सैनिकों की तैनाती करने की गतिविधियाँ शुरू की हैं। लगभग ६०० से अधिक सैनिकों की तैनाती होने की जानकारी सूत्रों ने प्रदान की।

europe-china-corona-crisis-3जर्मनी के पड़ोसी ऑस्ट्रिया ने टीका ना लगवानेवाले नागरिकों के लिए (अन-वैक्सिनेटेड) स्वतंत्र लॉकडाऊन का ऐलान किया। रविवार के दिन इस निर्णय की घोषणा की गई और इसके खिलाफ देश में प्रदर्शन भी होने लगे हैं। ऑस्ट्रिया की जनसंख्या लगभग ९० लाख है और इनमें से २० लाख लोगों ने अब तक टीका नहीं लगवाया है। इस तरह से टीका ना लगवानेवालों के लिए ‘लॉकडाऊन’ करनेवाला ‘ऑस्ट्रिया’ यूरोप का पहला देश है।

इसी बीच, कोरोना की महामारी के उद्गमस्थान चीन में भी कोरोना के नए विस्फोट ने कोहराम मचाया है। बीते चार हफ्तों के दौरान चीन में ‘डेल्टा वेरियंट’ के तकरीबन डेढ़ हज़ार संक्रमित देखे गए हैं। चीन के २१ प्रांतों में यह फैलाव हुआ है और इसमें राजधानी बीजिंग का भी समावेश है। डालिअन शहर को इससे सबसे बड़ा नुकसान पहुँचा है और बीते १० दिनों में यहां पर २३० से अधिक मामले दर्ज़ होने की जानकारी स्थानीय प्रशासन ने साझा की। चीन के लिओनिंग प्रांत के झुआन्गे शहर में लगभग १० हज़ार से अधिक छात्रों को ‘क्वारंटाईन’ किया गया है, ऐसा कहा जा रहा है। चीन ने कोरोना की महामारी के दौरान ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ अपनाने के बावजूद देश के विभिन्न हिस्सों में नए विस्फोट होने की बात सामने आ रही है। यह बात चीन के शासक एवं प्रशासन की चिंता बढ़ानेवाली होने का दावा विश्‍लेषक कर रहे हैं।

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