यूरोप में कोरोना की महामारी से होगी और तीन लाख लोगों की मौत – ब्रिटीश युनिवर्सिटी की रपट का इशारा

लंदन/बर्लिन – कोरोना की महामारी से यूरोप में और तीन लाख लोगों की मौत हो सकती है, ऐसा गंभीर इशारा ब्रिटीश युनिवर्सिटी की रपट में दिया गया है| इसी दौरान तकरीबन १० लाख लोग अस्पतालों में दाखिल हो सकते हैं, यह इशारा भी इस रपट में दिया गया है| यह इशारा सामने आ रहा था तभी जर्मनी के स्वास्थ्य मंत्री ने कोरोना की बढ़ रही तीव्रता की वजह से देश में आपातस्थिति निर्माण होने का बयान किया है| इसी बीच जर्मनी के पड़ोसी ऑस्ट्रिया ने देशभर में फिर से ‘लॉकडाऊन’ का ऐलान किया|

corona-europe-3-lacविश्‍व के अलग-अलग हिस्सों में बीते कुछ महीनों से कोरोना का दायरा धीरे-धीरे कम होने का चित्र सामने आया था| संक्रमित एवं मृतकों की संख्या में गिरावट शुरू होने से कई देशों ने प्रतिबंध हटाकर रोजमर्रा के कारोबार एवं अर्थव्यवस्था सामान्य करने की कोशिश शुरू की| इनमें यूरोप और अमरीका सबसे आगे थे| टीकाकरण की मुहिम और कम से कम प्रतिबंधों के आधार पर यूरोपिय देश एवं अमरीका में जनजीवन सामान्य होने लगा था| लेकिन, सितंबर के अन्त से यह चित्र बदलने लगा|

टीकाकरण के अभियान की गति कम होना एवं सोशल डिस्टंसिंग के नियमों का उल्लंघन होने के साथ उत्तरी गोलार्ध में शुरू हुई ठंड़ के कारण यूरोपिय देशों समेत अमरीका में भी कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने लगी है| लेकिन, इससे सबसे अधिक नुकसान यूरोपिय देशों को हो रहा है| ‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइज़ेशन’ (डब्ल्यूएचओ) ने सिर्फ यूरोप में कोरोना की तीव्रता बढ़ने की ओर ध्यान आकर्षित किया है| केवल टीकाकरण नहीं बल्कि, इसके साथ अन्य नियमों के पालन की भी ज़रूरत होने की बात यूरोप में बढ़ रही कोरोना संक्रमितों की संख्या दिखा रही है, इसका अहसास भी ‘डब्ल्यूएचओ’ के विशेषज्ञों ने कराया|

यूरोप के नेदरलैण्डस्, चेक रिपब्लिक, जर्मनी, फ्रान्स और ऑस्ट्रिया में बीते हफ्ते की तुलना में इस सप्ताह में कोरोना के नए मामलों में ३० से ५० प्रतिशत बढ़ोतरी देखी गई है| जर्मनी में रोज़ाना दर्ज़ हो रहे मामलों की संख्या ६० हज़ार के करीब पहुँची है| अस्पतालों के ‘आईसीयू’ विभाग लगभग पूरी क्षमता से भरे होने की जानकारी जर्मनी की स्वास्थ्य यंत्रणाओं ने प्रदान की| जर्मनी के कुछ प्रांतों में कोरोना का मुकाबला करने के लिए सैन्य तैनाती शुरू हुई है| इस पृष्ठभूमि पर जर्मनी के स्वास्थ्यमंत्री ने देश में आपातस्थिति निर्माण होने की ओर ध्यान आकर्षित किया और फिर से ‘लॉकडाऊन’ का इशारा दिया है|

जर्मनी के पड़ोसी ‘ऑस्ट्रिया’ ने बीते हफ्ते कोरोना की वैक्सीन ना लगवानेवाले ‘अन-वैक्सीनेटेड’ लोगों के लिए स्वतंत्र ‘लॉकडाऊन’ का ऐलान किया था| इसके बावजूद, स्थिति काबू में ना आने से अब पूरे देश में ‘लॉकडाऊन’ का ऐलान किया गया है| ऑस्ट्रिया के बाद नेदरलैण्डस् में भी ‘लॉकडाऊन’ के संकेत दिए जा रहे हैं| इस पृष्ठभूमि पर ब्रिटीश युनिवर्सिटी की रपट में दर्ज़ इशारा ध्यान आकर्षित करता है|

ब्रिटेन के ‘लंदन स्कूल ऑफ हाइजिन एवं ट्रॉपिकल मेडिसिन’ नामक युनिवर्सिटी के अध्ययन से यूरोप में कोरोना की स्थिति को लेकर काफी गंभीर चिंता जताई गई है| यूरोप के १९ देशों में कोरोना की स्थिति का अध्ययन करके इस रपट को तैयार करने की बात संबंधित वैज्ञानिकों ने स्पष्ट की| कोरोना की मौजूदा लहर की भयावहता अधिक बढ़ेगी और इससे तीन लाख लोगों की मौत हो सकती है, ऐसा इशारा दिया गया है| ऐसे में आगे यूरोपिय देशों में १० लाख कोरोना संक्रमितों को इलाज़ के लिए अस्पतालों में दाखिल होना पड़ सकता है, ऐसा बयान ब्रिटीश वैज्ञानिकों ने किया है|

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